छोटा सा देश कैसे बन गया यूरोप की सिलिकन वैली?
बाल्टिक सागर के तट पर बसा छोटा सा देश एस्टोनिया 1991 में जब सोवियत संघ से अलग हुआ तो इसके नेताओं ने भविष्य की कल्पना कोडिंग और अल्गोरिदम जैसी चीजों में की थी.
उस समय विकसित अर्थव्यवस्था, ऊंचा जीवन स्तर और तकनीक-इस रूप में देश की कल्पना महज कल्पना ही रही होगी, वास्तविक परियोजना नहीं.
लेकिन आज़ाद देश बन कर और साल 2004 में यूरोपीय संघ में शामिल होकर इसने तकनीक से जुड़ी जो क्रांतिकारी नीतियां अपनाईं, उसका नतीजा यह है कि यह देश आज 'यूरोपीय सिलिकन वैली' कहा जाने लगा है.
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प्रति व्यक्ति के हिसाब से एस्टोनिया में उभर रही कंपनियां कैलिफ़ोर्निया के सिलिकन वैली से ज़्यादा है. यहां डिजिटल क्रांति की रफ़्तार यह है कि वहां पहले से ही 600 ऑनलाइन सेवाएं मौजूद हैं.
सबसे विकसित डिजिटल समाज
एस्टोनिया दुनिया का सबसे विकसित डिजिटल समाज बन चुका है. यहां सरकारी कामकाज के मॉडल को 'ई-एस्टोनिया' कहा जाता है.
यह बाल्टिक देश आम चुनावों में ऑनलाइन वोट शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इसके अलावा यह पहला वह देश है, जहां पूरी पढ़ाई ऑनलाइन होती है और हर नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़े पूरे रिकार्ड का ऑनलाइन नेटवर्क है.
पूरे देश में वाई-फ़ाई है, दुनिया का सबसे तेज़ बैंडविद्थ यहां है और पार्किंग फ़ीस तक इंटरनेट से चुकाई जा सकती है.
इस देश में नया व्यवसाय शुरू करने के लिए पंजीकरण करने में सिर्फ़ 18 मिनट लगते हैं और पांच मिनट में टैक्स रिटर्न भरा जा सकता है. और यह सब कुछ आप अपनी सीट पर बैठे बैठे ही कर सकते हैं.
ई-एस्टोनिया की कुछ सेवाएं:
- बोर्डर क्यू मैनेजमेंट: इंतजार करने का समय कम हो रहा है.
- डिजिटल सिग्नेचर: काग़ज़ात पर सुरक्षित दस्तख़त.
- इलेक्ट्रॉनिक रेजीडेन्सी: हर कोई डिजिटल व्यवसाय आसानी से कर सकता है.
- ड्रीमएप्लाइ: अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भर्ती, शिक्षा संस्थानों को मदद.
- इलेक्ट्रॉनिक बिज़नेस पंजीकरण: उद्यमी कुछ मिनटों में ही व्यवसाय का पंजीकरण करा सकते हैं.
- ई-कैबिनेट: फ़ैसले लेने की प्रक्रिया में तालमेल बैठाना
- ई-कोर्ट और ई-लॉ: मुक़दमा दायर करने और बिलों को छापने की सुविधा
- ई-पुलिस: पुलिस बल के संचार, प्रभावकता और सामंजस्य
- स्वास्थ्य सेवा: हर नागरिक का डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड
स्रोत: https://e-estonia.com/components/
सारा सब कुछ ऑनलाइन
एस्टोनिया का सब कुछ ऑनलाइन तो है, पर वह इस तरह सुरक्षित है कि अगर किसी ने आपकी कोई सूचना देखने की कोशिश की है तो वह आपको तुरंत मालूम भी हो जाएगा. आपकी सूचना आपकी अनुमति के बग़ैर कोई नहीं देख सकता, सरकारी एजेंसियों को भी आपसे अनुमति लेनी होगी.
ये तमाम सुविधाएं सिर्फ एस्टोनिया वासियों के लिए ही नहीं है, विदेशी भी इसका फ़ायदा उठा सकते हैं.
ई-रेजीडेन्सी के तहत विदेशी इलेक्ट्रॉनिक रेज़ीडेंट बन सकते हैं. इन ई-रेज़ीडेंट्स को डिजिटल पहचान पत्र मिलती है. इसके बल पर लोग बैंक एकाउंट खोल सकते हैं, कंपनियां पंजीकृत कर सकते हैं, और अपने काग़ज़ात पर डिजिटल दस्तख़त कर सकते हैं.
बुजुर्गों को दिक्क़त
एस्टोनिया के मौजूदा प्रधानमंत्री तावी रोइवाज़ सिर्फ़ 37 साल के हैं. वे उस पीढ़ी के राजनेता हैं, जो इंटरनेट के बिना दुनिया की बात सोच भी नहीं सकता.
बुजुर्गों के साथ दिक्क़त है, 65 साल से ऊपर के महज आधे लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा कम आदमनी वाले लोग इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर पाते हैं.
लेकिन, कुल मिला कर एस्टोनिया एक ऐसा देश ज़रूर बन गया है, जो दुनिया में शायद सबसे ज़्यादा डिजिटल है.
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