टेरीज़ा क्यों चाहती हैं समय से पहले आम चुनाव?
- लॉरा कूंसबर्ग
- बीबीसी राजनीतिक संपादक

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ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे ने देश में समय पूर्व चुनाव कराए जाने की सिफ़ारिश करने की घोषणा की है.
अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की औपचारिक शुरुआत के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे.
महीनों से वो और उनकी टीम समय पूर्व चुनाव की संभावना को खारिज भी करते रहे हैं.
तो फिर ऐसा क्या हो गया कि अचानक टेरीज़ा मे की ओर से ये घोषणा की गई है:
ब्रेक्सिट बातचीत
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इसका कारण बहुत साधारण था. वो नहीं चाहती थीं कि ब्रेक्सिट के दौरान यूरोपीय संघ से सौदेबाज़ी में कोई अड़चन पैदा हो.
वो नहीं चाहती थीं कि चुनाव को लेकर ब्रिटेन के फ़िक्स्ड टर्म पार्लियामेंट्स एक्ट की तकनीकी प्रक्रिया में उलझें.
वो चुनावी दौड़ की अनिश्चितता भी नहीं चाहती थीं.
कंज़रवेटिव पार्टी में कई लोगों का मानना था कि कंज़रवेटिव पार्टी 2020 तक आराम से काम चला सकती थी क्योंकि लेबर पार्टी जिस स्थिति में है वो 2020 तक बदलने वाली नहीं लगती है.
'वादे की पक्की' प्रधानमंत्री
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टेरीज़ा मे को ये भी दिखाना था कि वो अपने वादे पर डटी रहने वाली प्रधानमंत्री हैं.
लेकिन इन राजनीतिक तर्कों पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है.
एक छोटे बहुमत के साथ रोज़मर्रा के कामकाज में भी कंज़वेटिव पार्टी के जूनियर सदस्यों ने इतनी ताक़त हासिल कर ली है कि वो कई मुद्दों पर सरकार पर पीछे हटने के लिए दबाव डाल सकते हैं.
जीत को लेकर निश्चिंत
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चुनावी अभियान बहुत अनिश्चित होते हैं लेकिन ओपिनियन पोल्स टोरी बहुमत की ओर संकेत करते हैं. ऐसी स्थिति में ये समस्या अपने आप ख़त्म हो जाती है.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री सीधे नहीं चुने जाते हैं.
जैसे जैसे ब्रेक्सिट को लेकर बातचीत आगे बढ़ेगी, ब्रसेल्स और वेस्टमिंस्टर में बैठकें होंगी, तो 'चुनावी जीत' से टेरीज़ा मे की स्थिति मजबूत होगी.
और टेरीज़ा अपनी जीत को लेकर निश्चिंत लगती हैं.
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