फ्रांस की कैबिनेट में आधे पद महिलाओं को मिले
अपने वायदे के अनुसार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुल मैक्रों ने अपने नए कैबिनेट में आधे पदों पर महिलाओं को जगह दी है.
उनके इस नए कैबिनेट को महिला-संतुलित कैबिनेट कहा जा रहा है जिसमें 22 में से 11 पदों पर महिलाएं हैं.
सिल्वी गोलार्ड को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है तो तलवारबाज़ी में ओलंपिक चैंपियन लॉरा फ्लेसेल को खेल मंत्री बनाया गया है.
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ब्रूनो ले मेयर को आर्थिक मामलों का मंत्री, जेरार्ड कोलोम्ब को गृह मंत्री और फ्रांस्वा बायरू को न्याय मंत्री बनाया गया है.
राजनीति का अलग-अलग धाराओं से इन हस्तियों को एक साथ लाने के मैक्रों के फ़ैसले ने फ्रांस के दक्षिणपंथियों को हैरत में डाल दिया है.
ब्रूनो ले मेयर मध्यम रूढ़िवादी विचारधार से हैं तो कोलोम्ब ल्योन के सोशलिस्ट मेयर हैं और फ्रांस्वा बायरू मध्यमार्गी हैं.
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इससे पहले लगभग 170 निर्वाचित नेताओं ने मैक्रों के समर्थन में एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जबकि कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी.
फ्रांस के नए राष्ट्रपति को उम्मीद है कि अगले महीने होने वाले संसदीय चुनाव में उनकी टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी और दोबारा राष्ट्रपति बनने की उनकी संभावनाएं मज़बूत होंगी.
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उन्होंने कैबिनेट में समानता बनाए रखने के अपने वादे को दोहराया. हालांकि सबसे उंचे माने जाने वाले पांच ओहदों में मात्र एक, रक्षा मंत्रालय ही एक महिला मंत्री को दिया गया है.
कैबिनेट में शामिल किए गए अन्य मंत्री-
- ज्यां इव लू ड्रियां, जो पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद के समय रक्षा मंत्री थे और अब विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे.
- जाने माने पर्यावरणविद निकोलस उलो, अब पर्यावरण मंत्रालय संभालेंगे.
- लंबे समय से मैक्रों समर्थक और उनके अभियान मैनेजर रहे रिचर्ड फेर्रांड को क्षेत्रीय एकजुटता का पोर्टफोलियो दिया गया है.
- स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया है एग्नेस बुज़ेन को.
- लेबर मंत्री बने हैं मुरिल पेनिकॉड.
- डिजिटल मामलों के जूनियर मंत्री हैं मुनीर महजूबी.
- संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार मिला है फ्रांसवा नेसेन को
- ज्यां मिचेल ब्लैंकर को शिक्षा मंत्रालय मिला है
- ज़ैक मेज़ार्ज को कृषि एवं खाद्य मंत्रालय सौंपा गया है
- मामन वर्क्स नाम से सफल ब्लॉग चलाने वाली मार्लीन स्किआपा को महिलाओं और पुरुषों में समनता के लिए जूनियर मिनिस्टर बनाया गया है. उनके ब्लॉग को 'स्पोक्सवूमन फॉर वर्किंग वूमन' नाम से भी जाना जाता है.
इसके साथ ही मैंक्रों ने धुर वामपंथी विचारधारा वाले नेताओं को भी कैबिनेट में जगह दी है.
कैबिनेट के सदस्यों के टैक्स रिकॉर्ड का पता लगाने और उनके राजनितिक हितों के टकराव की संभावना के बारे में पता करने में वक्त लगने के कारण कैबिनेट के नामों की घोषणा करने में देर हुई थी.
राजनीति में बदलाव
इससे पहले सोमवार को मैंक्रों ने प्रधानमंत्री पद के लिए रिपब्लिकन नेता एडुआर्डो फिलिप के नाम की घोषणा की थी.
इसके बाद 170 निर्वाचित रूढ़िवादी नेताओं ने उनके साथ आने की घोषणी की थी. उनमें से कुछ का कहना था कि फ्रांस की राजनीति में 'बड़े बदलाव' आ रहे हैं.
मैंक्रों ने प्रस्ताव दिया था कि देश की राजनीति में गहरे फैले वैचारिक मतभेद को पाटने के लिए नेता उनके साथ आएं.
लेकिन 570 रूढ़िवादी नेताओं ने उनके विरोध में एक अन्य विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए.
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जून में हुए चुनावों से पहले रिपब्लिकन पार्टी के कैंपेन चीफ़ फ्रांस्वा बैरों ने मैक्रों पर 'राजनीति में बदलाव लाने की बजाय राजनीति को ही तबाह करने' का आरोप लगाया था.
रिपब्लिकन पार्टी के डिप्टी जनरल सेकेर्टरी एरिक साओटी मैक्रों के इस अभियान को एक 'करारा तमाचा' मानते हैं. उनके अनुसार उनका समर्थन करना नई सरकार में जगह बनाने के लिए अवसरवादी होगा.
इमैनुएल मैंक्रों के इस अभियान की निंदा वामपंथियों ने भी की है.
राष्ट्रपति पद की रेस में हारे उम्मीदवार और समाजवादी नेता बेनुआ हैमोन के अनुसार "कौन यह सोच भी सकता है कि वामपंथी दल इस महागठबंधन का हिस्सा बन कर फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा, वो भी एक रिपब्लिकन नेता के नेतृत्व में?"
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