'सीरिया में सिर्फ़ आईएस से लड़ो, असद की सेना से नहीं'

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अमरीका ने सीरिया में लड़ रहे गठबंधन में सहयोगियों को सीरियाई सरकार के बजाय ख़ास तौर पर चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट को ही निशाना बनाने की चेतावनी दी है.
अमरीकी सेना मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि सीरिया और इराक़ में अमरीका का लक्ष्य सिर्फ़ और सिर्फ़ आईएस से लड़ना है.
सीरियाई सेना से झड़पों के बाद सीरिया के एक विद्रोही गुट ने गठबंधन का सैन्य अड्डा छोड़ दिया है.
इससे पहले राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने सीरिया के विद्रोही गुटों को हथियार और रसद पहुंचाने के सीआईए के गोपनीय कार्यक्रम को बंद कर दिया है.
पिछले हफ्ते अमरीकी अधिकारियों ने बताया था कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद पर सत्ता छोड़ने का दबाव बनाने के लिए 2013 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराने का जो कार्यक्रम शुरू करवाया था, उसे रूस के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश के तौर पर करीब एक महीने पहले बंद किया गया.
रूस के सैन्य समर्थन की बदौलत बशर अल असद छह साल से चल रहे सीरियाई गृहयुद्ध में सत्ता में बने हुए हैं.
सीरिया के गृहयुद्ध में तीन लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है और एक करोड़ से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
गठबंधन से छिटका विद्रोही गुट
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गुरुवार को एक प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की थी कि दक्षिण सीरिया में सिर्फ़ आईएस से लड़ने के लए कहे जाने के बाद विद्रोही गुट शोहदा-अल-क़ुर्तयन ने अमरीकी नेतृत्व वाले गठबंधन से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं.
गठबंधन के प्रवक्ता कर्नल रायन डिलन ने कहा कि ये गुट बिना अमरीका या गठबंधन की अनुमति के ऐसी गतिविधियों में शामिल था जो आईएस से लड़ाई में केंद्रित नहीं थीं.
इसके अलावा सीएनएन चैनल के मुताबिक ये सीरिया के पूर्व सैनिकों का गुट था जिसे गठबंधन सेना ने प्रशिक्षण और हथियार दिए थे.
कर्नल डिलन ने कहा कि जॉर्डन की सीमा के पास अल तन्फ़ इलाके में विद्रोही गुट से हथियार वापस लेने की कोशिश की जाएगी.
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