मुसलमान होने के कारण सलमान को सज़ा: पाक विदेश मंत्री

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सलमान ख़ान की ज़मानत पर शुक्रवार को सुनवाई होगी
काले हिरण शिकार मामले में जोधपुर (राजस्थान) की अदालत ने फ़िल्म अभिनेता सलमान ख़ान को पांच साल की सज़ा सुनाई है. अदालत के इस फ़ैसले पर कहीं ख़ुशियां मनाई जा रही हैं तो कहीं अफ़सोस जताया जा रहा है.
राजस्थान के बिश्नोई समाज ने सलमान को सज़ा का जश्न मनाया, तो सलमान के फ़ैन्स में काफ़ी निराशा देखी गई.
लेकिन इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख़्वाजा मोहम्मद आसिफ़ ने अपने बयान से विवाद पैदा कर दिया है.
पाकिस्तानी समाचार चैनल जिओ न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि सलमान ख़ान अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं इसलिए उन्हें यह सज़ा सुनाई गई है.
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पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख़्वाजा आसिफ़
उन्होंने कहा कि अगर उनका धर्म भारत की सत्तारुढ़ पार्टी वाला होता तो शायद उनको यह सज़ा नहीं मिलती और उनके साथ उदार रुख़ अपनाया जाता.
सलमान ख़ान को 1998 के काले हिरण शिकार मामले में 20 साल के बाद सज़ा सुनाई गई है. बिश्नोई समाज ने सलमान ख़ान को सज़ा सुनाए जाने पर ख़ुशी तो जताई है, लेकिन इस मामले में अभिनेता सैफ़ अली ख़ान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को रिहा करने पर नाराज़गी जताई है.
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फ़िल्म इंडस्ट्री में इस फ़ैसले से हलचल है
वहीं, इस फ़ैसले से बॉलीवुड में निराशा है. फ़िल्म अभिनेत्री और राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि उन्हें इस फ़ैसले से बुरा लग रहा है.
उन्होंने कहा, "मैं इतना कह सकती हूं कि मुझे तो बुरा लग रहा है क्योंकि फ़िल्म इंडस्ट्री ने इतना सारा इन्वेस्ट किया है और उनको नुकसान होगा. 20 साल बाद उन्हें ऐसा लग रहा है कि वो दोषी हैं. मगर क़ानून है, इस पर क्या कहा जा सकता है."
उन्होंने आगे पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि उनके आचरण को देखते हुए उन्हें राहत मिलनी चाहिए.