ज़करबर्ग ने यूरोपीय संसद से मांगी माफ़ी, कुछ सांसद संतुष्ट नहीं

इमेज स्रोत, Getty Images
ज़करबर्ग के लिए कुल 75 मिनट रखे गए थे लेकिन उन्होंने सभी सवालों के जवाब नहीं दिए
फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल में भूमिका और अपने प्लैटफ़ॉर्म पर फ़ेक न्यूज़ के प्रसार को लेकर यूरोपीय संसद से माफ़ी मांगी है.
ज़करबर्ग ने इस बात के लिए खेद प्रकट किया कि फ़ेसबुक के टूल्स को "नुक़सान पहुंचाने के लिए" इस्तेमाल किया गया.
कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने राजनीतिक अभियान के लिए 8.7 करोड़ फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल का डेटा प्राप्त किया. हालांकि, कैम्ब्रिज एनालिटिका इन आरोपों को ग़लत बताती है.
फ़ेसबुक के सीईओ के बयान से यूरोपीय संसद के सभी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए हैं. इनमें से कुछ का मानना है कि ज़करबर्ग ने उनके सवालों के जवाब नहीं दिए.
किस बात से है असंतोष?
ब्रितानी संसद की डिजिटल कल्चर मीडिया और खेल समिति के प्रमुख डेमियन कॉलिन्स ने कहा, "दुर्भाग्य से सवाल पूछे जाने का फ़ॉरमैट ऐसा था कि उससे ज़करबर्ग को अपनी पसंद के हिसाब से जवाब देने का मौक़ा मिला और उन्होंने हर एक बिंदु पर उत्तर नहीं दिया."
यह प्रारूप अप्रैल में अमरीकी जनप्रतिनिधियों के सामने दी गई गवाही से अलग था.
अमरीकी राजनेता फ़ेसबुक के प्रमुख से सवाल-जवाब कर सकते थे मगर यूरोपियन संसद के विभिन्न राजनीतिक समूहों के नेताओं ने एक-एक करके सवाल पूछे.
पहले सभी सवाल एकसाथ कर दिए गए, उसके बाद ज़करबर्ग ने उनका जवाब दिया.
इमेज स्रोत, EUROPEAN PARLIAMENT
सवाल-जवाब के सत्र से पहले संसद के अध्यक्ष एटोंनियो तायानी से मिलते मार्क ज़करबर्ग
इस सत्र के दौरान पूछे गए बहुत से सवालों का जवाब देने में ज़करबर्ग ने 22 मिनट का समय लिया और वह यह चुनाव कर सके कि किस सवाल का जवाब देना है.
कई अन्य राजनेताओं ने इस पर हताशा जताई और एक ने तो कहा कि फ़ेसबुक के संस्थापक ने जान-बूझकर गवाही के इस प्रारूप की मांग की थी.
बीबीसी ने जब फ़ेसबुक के एक प्रवक्ता से संपर्क किया तो बताया गया कि उन्होंने ऐसा प्रारूप नहीं चुना था. बाद में संसद के अध्यक्ष एटोंनियो तायानी ने इसकी पुष्टि की.
बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तायानी ने कहा कि सांसद जानते थे कि ज़करबर्ग के पास सीमित समय था फिर भी उन्होंने ज़्यादा समय तो ख़ुद ही बोलने में ख़त्म कर दिया.
उन्होंने ये भी कहा कि ज़करबर्ग फ़ॉलोअप जवाब देने के लिए तैयार हैं.
इमेज स्रोत, EUROPEAN PARLIAMENT
गाए वरहोफ्स्टैड ने पहले कार्यक्रम में उपस्थित न होने की धमकी दी थी
कई विषयों पर बात नहीं हुई
ज़करबर्ग ने फ़ेसबुक के एकाधिकार और उसकी इकाई वॉट्सअप के डाटा के इस्तेमाल की योजना से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए.
न ही उन्होंने फ़र्ज़ी प्रोफ़ाइल और ग़ैर-फ़ेसबुक उपयोगकर्ताओं के डाटा इस्तेमाल करने या न करने से जुड़े सवालों के सीधे जवाब दिए.
कई सांसदों ने पहले व्यापार को लेकर भी संदेह जताया था.
गाए वरहोफ्स्टैड ने पूछा कि क्या ज़करबर्ग चाहते हैं कि उन्हें 'ऐसे जीनियस के तौर पर याद किया जाए जिसने डिजिटल राक्षस पैदा किया.'
मार्क ज़करबर्ग ने यूरोपीय सांसदों को इस बात का विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि उनकी कंपनी की पहली प्राथमिकता लोकतांत्रिक चुनावों में दख़ल रोकना है.
ये भी पढ़ें:
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)