वो कंपनी जो निकालती है सबसे ज़्यादा सोना

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कनाडा की बैरिक गोल्ड कॉपोरेशन दुनिया में सबसे ज़्यादा सोना निकालने वाली कंपनी है. बाज़ार में इस कंपनी की वैल्यू 18,000 मिलियन डॉलर है.
इसने हाल ही में जर्सी स्थित रैंडगोल्ड कंपनी को ख़रीदा है जो ख़ासकर माली में सोना खुदाई का काम करती है.
बैरिक गोल्ड का मुख्यालय कनाडा की राजधानी टोरंटो में है. वहीं इसका सबसे बड़ा माइनिंग कॉम्प्लेक्स अमरीका के शहर नवाडा में है.
ये कंपनी 10 देशों से सोना निकालने का काम करती है. साल 2017 में इसने 10 टन सोना निकाला और 1400 मिलियन अमरीकी डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया.
बैरिक गोल्ड और रैंडगोल्ड का विलय अगले साल की पहली तिमाही में पूरा होगा. लेकिन इस विलय के साथ ही कंपनी को वैश्विक बाज़ार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
साल 2012 से वैश्विक सोने से बाजार का रिज़र्व 12 फ़ीसदी तक घट गया है. वहीं क़ीमत इस साल 8 फ़ीसदी तक गिर गई है.
लैटिन अमरीका में कंपनी का नाम नया नहीं है. अर्जेंटीना, चिली, पेरू और डोमिनिकन रिपब्लिक में कंपनी की पकड़ मज़बूत है. लेकिन कंपनी अब दक्षिणी अमरीका में अपनी विशेष पहचान बनाने में जुटी है.
रैंगगोल्ड के संस्थापक मार्क ब्रिस्तो ने बताया कि अभी भी लैटिन अमरीका में बहुत कुछ तलाशना बाक़ी है. ब्रिस्तो साल 2019 में बैरिक गोल्ड एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर होंगे.
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लैटिन अमरीका का 'गोल्ड बेल्ट'
लैटिन अमरीका के ''एल इंडियो गोल्ड बेल्ट'' में भरपूर सोना पाया जाता है. ये अर्ज़ेंटीना और चिली देश के बीच पड़ता है. ये हिस्सा कंपनी के कई प्रोजेक्ट के लिए प्राथमिकता बनता जा रहा है. लेकिन इन जगहों पर खुदाई आसान नहीं है.
हालिया सालों में बैरिक गोल्ड पर पर्यावरण के दोहन के कई आरोप लगे. इसके कारण कंपनी को कई क़ानूनी जांच और लोगों के प्रदर्शनों से गुजरना पड़ा है.
ऐसा ही एक उदारण है अर्ज़ेंटीना की वेलाडेरो खदान का. जहां सितंबर 2015 में अर्जेंटीना के इतिहास की सबसे बड़ी खदान दुर्घटना हुई. यहां लाखों टन धातु ने पानी को प्रदूषित किया.
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इस वक़्त अर्जेंटीना की लगभग 50 फ़ीसदी खदानों पर बैरिक गोल्ड का कब्ज़ा है और अन्य 50 फ़ीसदी खदानें शैंडॉन्ग गोल्ड ग्रुप के हिस्से में है.
दोनों ही कंपनियों ने पिछले साल जुलाई महीने में साझेदारी की और ऐलान किया कि दोनों कंपनियां साझा रूप से देश में नए प्रोजेक्ट पर काम करेंगी.
इसके अलावा, कुछ पर्यावरण से जुड़ी शिकायतों के जवाब में चिली की पासकुआ लामा खदान प्रोजेक्ट पर कोर्ट ने कंपनी पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे. यही कारण हैं कि कंपनी अब इस प्रोजेक्ट पर अर्जेंटीना की ओर से काम करेगी.
इन खदानों की महत्ता
बिज़नेस न्यूज़ अमरीका की वरिष्ठ विश्लेषक लौरा सुप्रेनो ने बीबीसी से कहा, ''जब ब्रिस्तो खदानों को ''हाथी'' का विशेषण देते हैं तो वह नई खदानों की खोज की ओर इशारा करते हैं. लैटिन अमरीका के कई हिस्सों को अभी तक सही ढंग से खोजा नहीं जा सका है.''
हालांकि पासकुआ लामा प्रोजेक्ट में कंपनी को हुए नुकसान के बाद इन हिस्सों में खुदाई शुरु नहीं की गई है. बैरिक और शैंडोंग की साझेदारी पर सबकी नज़र है.
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जानकारों का मानना है कि दोनों कंपनियां अपनी हिस्सेदारी थोड़ी-थोड़ी करके बढ़ा रही हैं. वेलाडेरो की खदानों में की गई हिस्सेदारी इसी का एक हिस्सा है.
दक्षिण अमेरिका में बैरिक गोल्ड की खदान
लगुनास नोर्टेः उत्तरी पेरू एंडीज़ में स्थित लगुनास नोर्टे की खादान. इसकी ऊंचाई समुद्री स्तर से 3700 मीटर से लेकर 4200 मीटर के बीच है.
वेलाडेरोः अर्जेंटना स्थित सोने और चांदी की खदानें जिसमें बैरिक गोल्ड की 50 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. ये सान जुआन से लगभग 370 किलोमीटर दूर और एंडीज़ की पहाड़ियों पर 4000 मीटर की दूरी पर है.
जैलडिवरः चिली स्थित इस तांबे की खदान में 50 फ़ीसदी गोल्ड और 50 फ़ीसदी एंटोफ़गास्टा मिनरल की 50 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.
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भविष्य के प्रोजेक्ट
चिली स्थित नॉर्थ ओपेन प्रोजेक्ट. ये सोने और तांबे की खदान है. ये एक साझा वेंचर है जिसमें कंपनी की हिस्सेदारी गोल्डक्रॉप है. इसके लिए अभी पर्यावरण संबंधी इज़ाजत का इंतजार है.
पासुका लामा, अर्जेंटीना की इस खदान को कंपनी दोबारा शुरु करना चाहती है.
हाइट्स, चिली स्थित इस खदान में लंबे वक्त से कोई प्रगति नहीं हुई है. उम्मीद है बैरिक गोल्ड इसे जल्द शुरु करेगी.
जानकारों का कहना है कि विलय के पूरा होने के साथ ही बैरिक गोल्ड अपना व्यापार तेजी से बढ़ाएगी. अफ्रीका में रैंडगोल्ड की बेहतर पकड़ है. जैसे माली, सेनेगल, कॉन्गो गणराज्य इत्यादि.
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