अमरीका से तभी बात जब वो 'सही तरीके से पेश' आएगा: किम जोंग

किम जोंग उन

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उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा है कि वो अमरीका के साथ तीसरे दौर की बातचीत के लिए तभी तैयार होंगे जब अमरीका 'सही तरीके से पेश' आएगा.

उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक किम ने एक भाषण में कहा ,''मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करता हूं कि वो एक ऐसी डील लाएं जो जायज़ हो और दोनों पक्षों को मंज़ूर हो.''

दोनों देशों के नेताओं की मुलाक़ात पहली बार पिछले साल सिंगापुर में हुई थी. हालांकि, फरवरी में हनोई में हुए दूसरे शिखर सम्मेलन में दोनों देश परमाणु निरस्त्रीकरण के क़दम से पीछे हट गए.

ट्रंप ने कहा था, ''उत्तर कोरिया के अधिकारी चाहते हैं कि अपने मुख्य परमाणु केंद्र को नष्ट करने के बदले उसपर लगे सभी तरह के आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए जाएं. उनकी इस मांग के कारण मैं इस बातचीत से पीछे हट गया.''

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हालांकि उत्तर कोरिया अमरीका के इस बयान को ख़ारिज करता है.

पिछले महीने, उप विदेश मंत्री चो सुन-हुई ने अमरीका पर "गैंगस्टर-जैसे" रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि उसने हनोई में एक "सुनहरा अवसर" गंवा दिया.''

अपनी सबसे हालिया बयान में किम ने कहा कि मुलाकात ने उनके भीतर एक "मजबूत संदेह" पैदा किया था कि क्या अमरीका वास्तव में दोनों देशों के संबंधों में सुधार करना चाहता था.

उन्होंने कहा, "अगर अमरीका सही दृष्टिकोण और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य शर्तों के साथ तीसरे शिखर सम्मेलन करने की पेशकश करता है तो हम एक और कोशिश करने को तैयार हैं."

उन्होंने कहा कि अमरीका को "ग़लतफहमी है कि यदि वे हम पर दबाव डालते हैं, तो वे हमें वश में कर सकते हैं."

हालांकि, उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध "बेहतरीन" रहे.

उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि वह अमरीका को तीसरे शिखर सम्मेलन के दरम्यान "साहसी निर्णय" लेने का वक्त इस साल के अंत तक देंगे.

दक्षिण कोरिया में क्यूंगम विश्वविद्यालय के किम डोंग-यूप ने रॉयटर्स को बताया कि किम की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि वह अमरीका के साथ बातचीत नहीं करेंगे और इसके बजाय "अन्य देशों के साथ अपने राजनयिक संबंधों में विविधता लाने" की कोशिश कर सकते हैं.

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