बिगड़े हालात तो इमरान ने बदल दिए मंत्रीः पाकिस्तान प्रेस रिव्यू
- इक़बाल अहमद
- बीबीसी संवाददाता

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पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते सबसे बड़ी ख़बर रही इमरान ख़ान के मंत्रिमंडल में फेरबदल की.
गुरुवार यानी 18 अप्रैल को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि कैबिनेट में फेरबदल कर पांच मंत्रियों के पोर्टफ़ोलियो को बदल दिया गया है.
इनमें सबसे प्रमुख नाम हैं वित्त मंत्री असद उमर और सूचना एंव प्रसारण मंत्री फ़व्वाद चौधरी.
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की ख़बरें चल रहीं थीं कि कई मंत्रियों के कार्यभार में बदलाव हो सकता है. लेकिन उस समय सूचना एवं प्रसारण मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने न केवल उन अटकलों को ख़ारिज कर दिया था बल्कि मीडिया से अपील की थी कि वो ज़िम्मेदारी से अपना काम करें क्योंकि उनके मुताबिक़ इस तरह की अफ़वाह फैलाने से देश का नुक़सान होता है.
अख़बार जंग ने मंत्रिमंडल में फेरबदल पर सुर्ख़ी लगाई है, ''केंद्रीय कैबिनेट के बुर्ज़ उलटा दिए गए.''
अख़बार के अनुसार, वित्त मंत्री असद उमर ने ख़ुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उनका कहना था, ''कैबिनेट रीशफ़ल में प्रधानमंत्री चाहते हैं कि मैं वित्त मंत्रालय की जगह ऊर्जा मंत्रालय की ज़िम्मेदारी संभाल लूं. लेकिन मैंने उनकी मर्ज़ी से फ़ैसला किया है कि मैं कोई भी मंत्रालय नहीं लूंगा.''
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इमरान ख़ान से इस्तीफ़े की मांग
इमरान ख़ान के नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान पाकिस्तान की सबसे बड़ी उम्मीद हैं और नया पाकिस्तान ज़रूर बनेगा.
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
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असद उमर को ऐसे समय में वित्त मंत्रालय से हटाया गया है जब पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने पर आईएमएफ़ से पाकिस्तान की बातचीत चल रही है.
अख़बार जंग के मुताबिक़, असद उमर ने इस्तीफ़ा देने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्हें एक रात पहले ही पता चला कि उनको वित्त मंत्रालय से हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो अपने कार्यकाल में कामयाब रहे या नाकाम इसका फ़ैसला इतिहास करेगा.
उन्होंने कहा कि संभव है कि इमरान ख़ान को लगा हो कि उन पर जो दबाव है किसी नए चेहरे से वो दबाव कम हो. उन्होंने कहा कि पांच साल के बाद लोग ख़ुद कहेंगे कि इमरान ख़ान जो कहता था, कर दिखाया.
असद उमर को वित्त मंत्रालय से हटाए जाने पर विपक्ष ने इमरान ख़ान को घेरने की कोशिश की है.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार, विपक्षी मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) ने असद उमर के इस्तीफ़े को इमरान सरकार की वित्तीय नीति की नाकामी क़रार दिया है.
पार्टी के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि इमरान ख़ान को अपनी ज़िद और घमंड छोड़कर अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए.र उन्होंने कहा कि अगर और वक़्त बर्बाद किया गया तो देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर परिणाम झेलने पड़ेंगे.
पार्टी के एक और नेता हमज़ा शहबाज़ ने कहा कि इमरान ख़ान को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
हमज़ा शहबाज़ का कहना था, ''खिलाड़ी बदलने से अर्थव्यवस्था का मैच नहीं जीता जा सकता. खिलाड़ी नहीं, कप्तान बदलना पड़ेगा. असद उमर का इस्तीफ़ा इमरान ख़ान की अपनी अयोग्यता की स्वीकृति है.''
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पीपीपी ने कसा तंज़
अख़बार जंग के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा कि इमरान सरकार को आठ महीने के बाद एहसास हुआ कि उसकी आर्थिक नीति ग़लत है.
पीपीपी के प्रवक्ता मुस्तफ़ा नवाज़ खोखर ने क्रिकेट की ज़ुबान में इमरान ख़ान पर हमला करते हुए कहा, ''देश को मुबारक हो. पीपीपी की मांग पर सरकार की पहली विकेट गिर गई. सरकार की दूसरी विकटें भी जल्द गिर जाएंगी. सरकार की पूरी टीम 50 ओवर से पहले ही पैवेलियन लौट जाएगी.''
अख़बार दुनिया का कहना है कि वित्त मंत्री असद उमर प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और कैबिनेट के अधिकतर सहयोगियों का विश्वास खो चुके थे इसलिए उन्हें हटाया गया.
इमरान ख़ान ने अपने फ़ैसले का जमकर बचाव किया है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार, एक जलसे को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने कहा कि जो मंत्री देश के लिए ठीक नहीं होगा उन्हें वो बदल देंगे.
इमरान का कहना था, ''सब सुन लें. जो मंत्री मुल्क के लिए फ़ायदेमंद नहीं होगा उसे बदल दूंगा. मैंने टीम का बैटिंग ऑर्डर चेंज किया है. मेरा उद्देश्य क़ौम को जितवाना है. उस मंत्री को लाउंगा जो क़ौम के लिए फ़ायदेमंद होगा.''
बलोचिस्तान में 14 की हत्या
पाकिस्तान में बलोचिस्तान प्रांत के ग्वादर ज़िले में चरमपंथियों ने बस से उतारकर नौ नैसैनिकों समेत कुल 14 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी है.
ये ख़बर भी सारे अख़बारों के पहले पन्ने पर बनी रही. पाकिस्तान ने इस मामले में भारत को घेरन की कोशिश की है.
अख़बार दुनिया के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर फ़ैसल ने कहा कि 'बलोचिस्तान में दहशतगर्दी में पहले भी भारत का हाथ था और अगर अब भी हुआ तो बेनक़बा कर देंगे.'
एक अन्य ख़बर में पाकिस्तान ने फ़ैसला किया है कि इस साल सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जन्म तिथि पर डाक टिकट जारी किया जाएगा.
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