'मोदी सरकार की नीतियों से सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश ख़तरे में': पाकिस्तान से उर्दू प्रेस रिव्यू
- इक़बाल अहमद
- बीबीसी संवाददाता

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इकोनॉमिस्ट के 2010 और 2020 के अंक
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते भारत और भारत प्रशासित कश्मीर, ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट, ब्रितानी सरकार की एक एडवाज़री से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात भारत के बारे में छपी कुछ रिपोर्टों की.
दुनिया भर में जानी मानी पत्रिका द इकोनोमिक टाइम्स की कवर स्टोरी का ज़िक्र भारत-पाकिस्तान समेत कई देशों में हो रहा है.
ब्रितानी पत्रिका द इकोनोमिक टाइम्स ने 'असहिष्णु भारत' की सुर्ख़ी के साथ इस बार की कवर स्टोरी की है.
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुसलमान विरोधी नीतियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश को ख़तरे में डाल दिया है. ये नीतियां बड़े ख़ून-ख़राबे का कारण बन सकती हैं.
पाकिस्तानी अख़बारों में ये ख़बर बहुत प्रमुखता से छपी है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त ने सुर्ख़ी लगाई है, ''असहिष्णु भारत, मोदी हिंदू अतिवादियों के हीरो, मुसलमान विरोधी नीतियां बड़े ख़ून-ख़राबे का कारण बन सकती हैं: द इकोनोमिस्ट ''.
अख़बार लिखता है कि इकोनोमिस्ट ने सिर्फ़ नाम के भारतीय लोकतंत्र की क़लई खोल दी. अख़बार आगे लिखता है कि हिंदुस्तान सिर्फ़ हिंदुओं का, भारतीय प्रधानमंत्री सिर्फ़ एक ही विज़न पर काम कर रहे हैं.
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इमरान ख़ान का बयान
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अख़बार दुनिया ने इमरान ख़ान के एक बयान को सुर्ख़ी लगाई है जिसमें इमरान ख़ान कह रहे हैं, ''भारत ग़लत रास्ते पर जा रहा है, कश्मीर में सबसे ज़्यादा जंग का ख़तरा.''
अख़बार के मुताबिक़ इमरान ख़ान का कहना है कि 'भारत ग़लत रास्ते पर है और मेरा फ़र्ज़ है कि ऐसे फ़ोरम को इस बात से आगाह करूं जिसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसलिए बनाया गया था ताकि कहीं भी जंग हो उसे रोका जा सके.'
अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि फ़िलहाल भारत में जो हो रहा है वो गंभीर चिंता का विषय है. अख़बार के मुताबिक़ इमरान का कहना था, ''याद रहे ये सिर्फ़ कश्मीर की बात नहीं. अभी भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के कारण क़रीब दो करोड़ मुसलमान ग़ैर-क़ानूनी क़रार दिए जाने के ख़तरे में हैं, उनकी नागिरकता छीनी जा सकती है और ये पहला क़दम है जो मुझे परेशान कर रहा है.''
एक्सप्रेस अख़बार ने इमरान ख़ान के एक बयान को सुर्ख़ी लगाई है जिसमें वो कह रहे हैं, ''दुनिया भारत में मोदी के लोकतंत्र विरोधी विचारधारा के वर्चस्व को अब स्वीकार कर रही है.''
अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा है कि दुनिया अब इस बात को स्वीकार करने लगी है कि मोदी सरकार भारत और कश्मीर में लोकतंत्र विरोधी और फासीवादी रवैये को थोप रही है.
अख़बार के मुताबिक़ इमरान ख़ान ने कहा कि मोदी का रवैया स्थानीय शांति और स्थायित्व के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है जबकि 80 लाख कश्मीरी और भारत में बसने वाले मुसलमान पहले ही मोदी की फासीवादी नीतियों के भेंट चढ़ रहे हैं.
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ब्रिटेन ने वापस ली सलाह
ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के पाकिस्तान जाने से रोकने की सलाह वापस ले ली है.
ये ख़बर पाकिस्तान के सारे अख़बारों के पहले पन्ने पर छपी है. अख़बार दुनिया के अनुसार ब्रिटेन ने पाकिस्तान में क़ानून-व्यवस्था और सुरक्षा की हालत में महत्वपूर्ण सुधार की बात को स्वीकार करते हुए अपने नागिरकों को पाकिस्तान जाने से रोकने संबंधी एडवाज़री को वापस ले लिया है.
अख़बार के अनुसार पाकिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी. राजदूत ने कहा,'' मुझे खुशी है कि अब ब्रितानी नागरिक पाकिस्तान में बेहतर पर्यटक स्थलों के भ्रमण से ज़्यादा आनंद ले सकेंगे. मैं ख़ुद भी पाकिस्तान के ख़ूबसूरत स्थलों के सफ़र का इच्छुक हूं.''
ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल की पाकिस्तान के बारे में एक रिपोर्ट इन दिनों सुर्ख़ियों में है.
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पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान की विशेष सलाहकार फ़िरदौस आशिक़ आवान
अख़बार जंग के अनुसार ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सबसे ज़्यादा भ्रष्टाचार जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के दौर में, फिर इमरान ख़ान के दौर में, उसके बाद बेनज़ीर के दौर में हुआ, सबसे कम भ्रष्टाचार नवाज़ शरीफ़ के दौर में हुआ.
लेकिन इमरान ख़ान की सरकार ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया है. उनकी विशेष सलाहकार फ़िरदौस आशिक़ आवान ने कहा है कि ''ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल को अपनी साख का खयाल रखना चाहिए, इस रिपोर्ट पर केवल हंसा जा सकता है.''
फ़िरदौस आशिक़ ने कहा कि इमरान ख़ान ने भ्रष्टाचार के साथ न कभी समझौता किया है, न करेंगे.
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