कोरोना वायरस: इमरान ख़ान ने क्यों कहा, भारत में लोग भूख से मर रहे हैं - उर्दू प्रेस रिव्यू
इक़बाल अहमद
बीबीसी संवाददाता
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पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते एक अमरीकी महिला के ज़रिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर लगाए गए गंभीर आरोप से जुड़ी ख़बरें सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहीं. इसके साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी ख़बरें अब भी सुर्ख़ियों में हैं.
सबसे पहले बात कोरोना वायरस संक्रमण की.
कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में क़रीब 68 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और तीन लाख 98 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
संक्रमण की हालत जानने के लिए ज़िले का नाम अंग्रेज़ी में लिखें
पाकिस्तान में अब तक 93 हज़ार से ज़्यादा लोग इस वायरस से बीमार हुए हैं और अब तक क़रीब दो हज़ार लोग मारे जा चुके हैं.
सबसे ज़्यादा 683 लोग पंजाब में मारे गए हैं. संक्रमण के मामले में पंजाब में सबसे ज़्यादा 37090, सिंध में 36364, ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में 13001, बलूचिस्तान में 6221, गिलगित बाल्टिस्तान में 927 और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में 361 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर लॉकडाउन के ख़िलाफ़ बयान दिया है. जब से कोरोना की महामारी फैली है वो पूरी तरह लॉकडाउन का विरोध करते रहे हैं.
अख़बार दुनिया के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि मुल्क अब और लॉकडाउन बर्दाश्त नहीं कर सकता.
इमरान ख़ान ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पाकिस्तान के राजस्व में 800 अरब रुपये का घाटा हुआ है.
उन्होंने कहा, "कोरोना को फैलने से नहीं रोक सकते, न लॉकडाउन की तरफ़ वापस जा सकते हैं और न मुल्क अब और लॉकडाउन बर्दाश्त कर सकता है. ग़रीब मुल्कों में लॉकडाउन से तबाही मच गई."
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इमरान ख़ान का कहना था, "हमें पता था कि लॉकडाउन से ग़रीबी बढ़ेगी. ये पाबंदी लोगों पर मुश्किल है. अब दुनिया स्मार्ट लॉकडाउन की तरफ़ जा रही है."
इमरान ख़ान ने आगे कहा कि भारत में लोग भूख से मर रहे हैं, अमरीका जैसे अमीर देश में लाइनों में खड़े लोगों को खाना दिया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान में उतना नुक़सान नहीं हुआ.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के कारण 30 लाख लोगों के बेरोज़गार होने और ग़रीबी के 33.5 फ़ीसदी होने का अंदेशा है.
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पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी
पूर्व गृहमंत्री पर बलात्कार और पूर्व प्रधानमंत्री पर यौन हिंसा का आरोप
पाकिस्तान के एक पूर्व प्रधानमंत्री और एक पूर्व गृहमंत्री पर एक अमरीकी महिला ने बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं.
ये ख़बर पाकिस्तान के सारे अख़बारों में सुर्ख़ियां बटोर रही है.
अख़बार जंग के मुताबिक़ पाकिस्तान में पिछले 10 साल से भी ज़्यादा समय से रह रहीं एक अमरीकी महिला सिंथिया रिची ने पीपीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी पर यौन हिंसा का आरोप लगाया है.
लेकिन इससे भी ज़्यादा गंभीर आरोप पीपीपी के ही एक और नेता और पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक पर लगा है. ख़ुद को पेशे से पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और ब्लॉगर बताने वाली सिंथिया ने रहमान मलिक पर बलात्कार का आरोप लगाया है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तान की जाँच एजेंसी एफ़आईए को दिए लिखित शिकायत में सिंथिया ने कहा कि वो ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह सरकार के पुरातत्व विभाग में काम करती हैं और इसके अलावा वो कई ग़ैर-सरकारी संस्थानों से भी जुड़ी हैं.
एक और जगह उन्होंने बताया कि वो पत्रकार भी हैं और एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बना रही हैं.
दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.
बात सरहद पार
समाप्त
सिंथिया ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो जारी कर ये बातें कहीं. उसके बाद उन्होंने ट्विटर पर भी इस बारे में कई बातें कहीं.
सिंथिया ने कहा कि ये घटना 2011 की है जब पाकिस्तान में पीपीपी की सरकार थी और रहमान मलिक उस समय गृहमंत्री थे.
उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मख़्दूम शहाबुद्दीन पर भी यौन हिंसा का आरोप लगाया है.
अख़बार जंग के अनुसार यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने कहा कि पार्टी सिंथिया रिची के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करेगी.
अख़बार दुनिया के अनुसार यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने कहा कि पूरा मामला दरअसल ये है कि कुछ दिनों पहले सिंथिया रिची ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें कहीं थीं.
गिलानी के अनुसार उनके बेटे (जो कि पंजाब एसेम्बली के सदस्य हैं) ने इस मामले में सिंथिया के ख़िलाफ़ मानहानि का नोटिस दिया था. गिलानी के अनुसार सिंथिया ने इसी कारण उनके और पीपीपी के दूसरे नेताओं के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगाए हैं.
यूसुफ़ रज़ा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी ने अपने पिता पर लगे इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि जब तक इस मामले की पूरी जाँच नहीं हो जाती उनका नाम एक्ज़िट कंट्रोल लिस्ट में डाला जाए. इसका मतलब है कि उन्हें पाकिस्तान छोड़ने की इजाज़त नहीं दी जाए.
अली हैदर ने कहा कि इन आरोपों का एक ही मक़सद है कि राजनीतिक नेतृत्व की साख़ ख़त्म कर दी जाए और इसका उन्हें टास्क दिया गया है.
उन्होंने पूछा कि सिंथिया रिची नौ सालों तक क्यों ख़ामोश रहीं और अब उनकी बात पर क्यों विश्वास किया जाए.
लेकिन इसके जवाब में सिंथिया कहती हैं कि 2011 में पीपीपी की सरकार थी और उन्हीं के गृहमंत्री के ख़िलाफ़ उनकी शिकायत कौन सुनता.
सिंथिया ने कहा कि उन्होंने अमरीकी दूतावास को भी इसकी जानकारी दी थी लेकिन उन दिनों पाकिस्तान और अमरीका के रिश्ते अच्छे नहीं थे इसलिए उनको कोई ख़ास मदद नहीं मिली.
अख़बार जंग के मुताबिक़ पाकिस्तान स्थित अमरीकी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि दूतावास पाकिस्तान में रहने वाले सभी अमरीकियों की मदद करता है लेकिन वो निजी हैसियत में पाकिस्तान में रहने वाले किसी अमरीकी नागरिक के बारे में सार्वजनिक बयान नहीं दे सकता.
अख़बार के मुताबिक़, एक चौंकाने वाली बात ये है कि वो पीपीपी के मौजूदा प्रमुख बिलावल भुट्टो को भविष्य में एक ताक़तवर नेता के तौर पर देखती हैं और अपनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म के लिए उनका इंटरव्यू भी करना चाहती हैं.
सिंथिया आगे कहती हैं कि उनके मंगेतर ने उन्हें ये बातें सार्वजनिक करने की हिम्मत दिलाई है.
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जब जज साहब को नींद नहीं आएगी
पंजाब के मुर्गीपालन फ़ार्म एसोसिएशन ने लाहौर हाईकोर्ट में एक केस कर कहा है कि सरकार व्हाटसऐप के ज़रिए चिकन की क़ीमत तय कर रही है और सरकार जो क़ीमत तय कर रही है उस पर चिकन बेचना संभव नहीं है.
मुर्गीपालन फ़ार्म के वकील ने कहा कि सरकार ने इस बारे में कोई नोटिफ़िकेशन नहीं जारी किया है और वो व्हाट्सऐप के ज़रिए फ़रमान जारी कर रही है. वकील के मुताबिक़, उन दुकानदारों को परेशान कर रही है जो सरकार के फ़रमान को नहीं मान रहे हैं.
अख़बार दुनिया के अनुसार अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस जव्वाद-उल-हसन ने सरकारी वकील से पूछा कि क्या सरकार व्हाट्सऐप के ज़रिए चल रही है.
लेकिन मुर्गीपालन फ़ार्म एसोसिएशन को चेतावनी देते हुए जज साहब ने कहा कि वो किसी सूरत में चिकन को आम आदमी की पहुंच से दूर नहीं होने देंगे.
जज साहब का कहना था, "चिकन महंगा होकर ग़रीब के हाथ से निकल गया तो मुझे नींद नहीं आएगी." लाहौर हाईकोर्ट ने अगली तारीख़ पर सरकार से इस पर जवाब माँगा है.
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आठवां भारतीय जासूस ड्रोन मारने का दावा किया
पाकिस्तान का दावा है कि उसने एक और भारतीय जासूस ड्रोन को मार गिराया है.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी वायु सीमा का उल्लंघन करने वाले एक और भारतीय जासूस ड्रोन को मार गिराया है.
अख़बार ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के हवाले से लिखा है कि भारतीय जासूस ड्रोन एलओसी के ख़ंजर सेक्टर में 500 मीटर तक पाकिस्तानी सीमा में दाख़िल हो गया था जिसे पाकिस्तानी सेना ने मार दिया.
अख़बार के अनुसार पिछले 10 दिनों में तीसरा और इस साल में ये आठवां भारतीय जासूस ड्रोन है जिसे पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया है. पाकिस्तान का दावा है कि उसने 27 मई और 29 मई को भी पाकिस्तानी सीमा में घुसने वाले भारतीय जासूसी ड्रोन को मार गिराया था.
कोरोना वायरस क्या है?लीड्स के कैटलिन सेसबसे ज्यादा पूछे जाने वाले
बीबीसी न्यूज़स्वास्थ्य टीम
कोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है जिसका पता दिसंबर 2019 में चीन में चला. इसका संक्षिप्त नाम कोविड-19 है
सैकड़ों तरह के कोरोना वायरस होते हैं. इनमें से ज्यादातर सुअरों, ऊंटों, चमगादड़ों और बिल्लियों समेत अन्य जानवरों में पाए जाते हैं. लेकिन कोविड-19 जैसे कम ही वायरस हैं जो मनुष्यों को प्रभावित करते हैं
कुछ कोरोना वायरस मामूली से हल्की बीमारियां पैदा करते हैं. इनमें सामान्य जुकाम शामिल है. कोविड-19 उन वायरसों में शामिल है जिनकी वजह से निमोनिया जैसी ज्यादा गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं.
ज्यादातर संक्रमित लोगों में बुखार, हाथों-पैरों में दर्द और कफ़ जैसे हल्के लक्षण दिखाई देते हैं. ये लोग बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाते हैं.
लेकिन, कुछ उम्रदराज़ लोगों और पहले से ह्दय रोग, डायबिटीज़ या कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ रहे लोगों में इससे गंभीर रूप से बीमार होने का ख़तरा रहता है.
एक बार आप कोरोना से उबर गए तो क्या आपको फिर से यह नहीं हो सकता?बाइसेस्टर से डेनिस मिशेलसबसे ज्यादा पूछे गए सवाल
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जब लोग एक संक्रमण से उबर जाते हैं तो उनके शरीर में इस बात की समझ पैदा हो जाती है कि अगर उन्हें यह दोबारा हुआ तो इससे कैसे लड़ाई लड़नी है.
यह इम्युनिटी हमेशा नहीं रहती है या पूरी तरह से प्रभावी नहीं होती है. बाद में इसमें कमी आ सकती है.
ऐसा माना जा रहा है कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके हैं तो आपकी इम्युनिटी बढ़ जाएगी. हालांकि, यह नहीं पता कि यह इम्युनिटी कब तक चलेगी.
कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड क्या है?जिलियन गिब्स
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
वैज्ञानिकों का कहना है कि औसतन पांच दिनों में लक्षण दिखाई देने लगते हैं. लेकिन, कुछ लोगों में इससे पहले भी लक्षण दिख सकते हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि इसका इनक्यूबेशन पीरियड 14 दिन तक का हो सकता है. लेकिन कुछ शोधार्थियों का कहना है कि यह 24 दिन तक जा सकता है.
इनक्यूबेशन पीरियड को जानना और समझना बेहद जरूरी है. इससे डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए कारगर तरीके लाने में मदद मिलती है.
क्या कोरोना वायरस फ़्लू से ज्यादा संक्रमणकारी है?सिडनी से मेरी फिट्ज़पैट्रिक
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
दोनों वायरस बेहद संक्रामक हैं.
ऐसा माना जाता है कि कोरोना वायरस से पीड़ित एक शख्स औसतन दो या तीन और लोगों को संक्रमित करता है. जबकि फ़्लू वाला व्यक्ति एक और शख्स को इससे संक्रमित करता है.
फ़्लू और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं.
बार-बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं
जब तक आपके हाथ साफ न हों अपने चेहरे को छूने से बचें
खांसते और छींकते समय टिश्यू का इस्तेमाल करें और उसे तुरंत सीधे डस्टबिन में डाल दें.
आप कितने दिनों से बीमार हैं?मेडस्टोन से नीता
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
हर पांच में से चार लोगों में कोविड-19 फ़्लू की तरह की एक मामूली बीमारी होती है.
इसके लक्षणों में बुख़ार और सूखी खांसी शामिल है. आप कुछ दिनों से बीमार होते हैं, लेकिन लक्षण दिखने के हफ्ते भर में आप ठीक हो सकते हैं.
अगर वायरस फ़ेफ़ड़ों में ठीक से बैठ गया तो यह सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया पैदा कर सकता है. हर सात में से एक शख्स को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.
अस्थमा वाले मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना ख़तरनाक है?फ़ल्किर्क से लेस्ले-एन
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
अस्थमा यूके की सलाह है कि आप अपना रोज़ाना का इनहेलर लेते रहें. इससे कोरोना वायरस समेत किसी भी रेस्पिरेटरी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा अटैक से आपको बचने में मदद मिलेगी.
अगर आपको अपने अस्थमा के बढ़ने का डर है तो अपने साथ रिलीवर इनहेलर रखें. अगर आपका अस्थमा बिगड़ता है तो आपको कोरोना वायरस होने का ख़तरा है.
क्या ऐसे विकलांग लोग जिन्हें दूसरी कोई बीमारी नहीं है, उन्हें कोरोना वायरस होने का डर है?स्टॉकपोर्ट से अबीगेल आयरलैंड
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
ह्दय और फ़ेफ़ड़ों की बीमारी या डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से जूझ रहे लोग और उम्रदराज़ लोगों में कोरोना वायरस ज्यादा गंभीर हो सकता है.
ऐसे विकलांग लोग जो कि किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं और जिनको कोई रेस्पिरेटरी दिक्कत नहीं है, उनके कोरोना वायरस से कोई अतिरिक्त ख़तरा हो, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं.
जिन्हें निमोनिया रह चुका है क्या उनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं?कनाडा के मोंट्रियल से मार्जे
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
कम संख्या में कोविड-19 निमोनिया बन सकता है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जिन्हें पहले से फ़ेफ़ड़ों की बीमारी हो.
लेकिन, चूंकि यह एक नया वायरस है, किसी में भी इसकी इम्युनिटी नहीं है. चाहे उन्हें पहले निमोनिया हो या सार्स जैसा दूसरा कोरोना वायरस रह चुका हो.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकारें इतने कड़े कदम क्यों उठा रही हैं जबकि फ़्लू इससे कहीं ज्यादा घातक जान पड़ता है?हार्लो से लोरैन स्मिथ
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
शहरों को क्वारंटीन करना और लोगों को घरों पर ही रहने के लिए बोलना सख्त कदम लग सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो वायरस पूरी रफ्तार से फैल जाएगा.
फ़्लू की तरह इस नए वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है. इस वजह से उम्रदराज़ लोगों और पहले से बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह ज्यादा बड़ा ख़तरा हो सकता है.
क्या खुद को और दूसरों को वायरस से बचाने के लिए मुझे मास्क पहनना चाहिए?मैनचेस्टर से एन हार्डमैन
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
पूरी दुनिया में सरकारें मास्क पहनने की सलाह में लगातार संशोधन कर रही हैं. लेकिन, डब्ल्यूएचओ ऐसे लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहा है जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण (लगातार तेज तापमान, कफ़ या छींकें आना) दिख रहे हैं या जो कोविड-19 के कनफ़र्म या संदिग्ध लोगों की देखभाल कर रहे हैं.
मास्क से आप खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए और इन्हें अपने हाथ बार-बार धोने और घर के बाहर कम से कम निकलने जैसे अन्य उपायों के साथ इस्तेमाल किया जाए.
फ़ेस मास्क पहनने की सलाह को लेकर अलग-अलग चिंताएं हैं. कुछ देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनके यहां स्वास्थकर्मियों के लिए इनकी कमी न पड़ जाए, जबकि दूसरे देशों की चिंता यह है कि मास्क पहने से लोगों में अपने सुरक्षित होने की झूठी तसल्ली न पैदा हो जाए. अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो आपके अपने चेहरे को छूने के आसार भी बढ़ जाते हैं.
यह सुनिश्चित कीजिए कि आप अपने इलाके में अनिवार्य नियमों से वाकिफ़ हों. जैसे कि कुछ जगहों पर अगर आप घर से बाहर जाे रहे हैं तो आपको मास्क पहनना जरूरी है. भारत, अर्जेंटीना, चीन, इटली और मोरक्को जैसे देशों के कई हिस्सों में यह अनिवार्य है.
अगर मैं ऐसे शख्स के साथ रह रहा हूं जो सेल्फ-आइसोलेशन में है तो मुझे क्या करना चाहिए?लंदन से ग्राहम राइट
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
अगर आप किसी ऐसे शख्स के साथ रह रहे हैं जो कि सेल्फ-आइसोलेशन में है तो आपको उससे न्यूनतम संपर्क रखना चाहिए और अगर मुमकिन हो तो एक कमरे में साथ न रहें.
सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे शख्स को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो जिसे खोला जा सके. ऐसे शख्स को घर के दूसरे लोगों से दूर रहना चाहिए.
मैं पांच महीने की गर्भवती महिला हूं. अगर मैं संक्रमित हो जाती हूं तो मेरे बच्चे पर इसका क्या असर होगा?बीबीसी वेबसाइट के एक पाठक का सवाल
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के असर को समझने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी बारे में बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.
यह नहीं पता कि वायरस से संक्रमित कोई गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान इसे अपने भ्रूण या बच्चे को पास कर सकती है. लेकिन अभी तक यह वायरस एमनियोटिक फ्लूइड या ब्रेस्टमिल्क में नहीं पाया गया है.
गर्भवती महिलाओंं के बारे में अभी ऐसा कोई सुबूत नहीं है कि वे आम लोगों के मुकाबले गंभीर रूप से बीमार होने के ज्यादा जोखिम में हैं. हालांकि, अपने शरीर और इम्यून सिस्टम में बदलाव होने के चलते गर्भवती महिलाएं कुछ रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस से बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं.
मैं अपने पांच महीने के बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हूं. अगर मैं कोरोना से संक्रमित हो जाती हूं तो मुझे क्या करना चाहिए?मीव मैकगोल्डरिक
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
अपने ब्रेस्ट मिल्क के जरिए माएं अपने बच्चों को संक्रमण से बचाव मुहैया करा सकती हैं.
अगर आपका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ पैदा कर रहा है तो इन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पास किया जा सकता है.
ब्रेस्टफीड कराने वाली माओं को भी जोखिम से बचने के लिए दूसरों की तरह से ही सलाह का पालन करना चाहिए. अपने चेहरे को छींकते या खांसते वक्त ढक लें. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को फेंक दें और हाथों को बार-बार धोएं. अपनी आंखों, नाक या चेहरे को बिना धोए हाथों से न छुएं.
बच्चों के लिए क्या जोखिम है?लंदन से लुइस
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
चीन और दूसरे देशों के आंकड़ों के मुताबिक, आमतौर पर बच्चे कोरोना वायरस से अपेक्षाकृत अप्रभावित दिखे हैं.
ऐसा शायद इस वजह है क्योंकि वे संक्रमण से लड़ने की ताकत रखते हैं या उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या उनमें सर्दी जैसे मामूली लक्षण दिखते हैं.
हालांकि, पहले से अस्थमा जैसी फ़ेफ़ड़ों की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.