बीबीसी पड़ताल: फ़ेसबुक पर बिक रही अमेज़न के जंगलों की ज़मीन
- जोआओ फ़ेलेट और शार्लेट पामेंट
- बीबीसी ब्राज़ील सेवा

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पेड़ों की कटाई, इस वक़्त पूरे अमेज़न जंगल की समस्या है
बीबीसी ने अपनी पड़ताल में यह पाया है कि ब्राज़ील के अमेज़न वर्षावन के कुछ हिस्सों को अवैध रूप से फ़ेसबुक पर बेचा जा रहा है.
ब्राज़ील के राष्ट्रीय वन और यहां के आदिवासियों के लिए आरक्षित रखी गई भूमि संरक्षित क्षेत्रों की श्रेणी में आते हैं.
फ़ेसबुक के विज्ञापन सेवा के माध्यम से जिन प्लॉट्स के विज्ञापन सूचीबद्ध किये गये हैं, उनमें से कुछ का आकार (क्षेत्रफल) एक हज़ार फ़ुटबॉल मैदानों के बराबर है.
फ़ेसबुक ने कहा है कि "वो इस बारे में स्थानीय प्रशासन के साथ काम करने के लिए तैयार है", लेकिन उसने यह संकेत भी दिया है कि वो इस व्यापार को रोकने के लिए अपनी ओर से कोई स्वतंत्र कार्रवाई नहीं करेगा.
कंपनी ने यह भी कहा कि "हमारी वाणिज्य नीतियों के अनुसार, ख़रीदारों और विक्रेताओं को क़ानूनों और नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है."
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अमेज़न के जंगलों 'पृथ्वी के फेफड़े' भी कहा जाता है. इन्हें लगातार नष्ट किया जा रहा है.
वर्षावनों की इस अवैध ख़रीद-फ़रोख्त से प्रभावित एक आदिवासी समुदाय के नेता ने फ़ेसबुक से इस मामले में और अधिक क़दम उठाने का आग्रह किया है.
वहीं जंगलों को बचाने में जुटे कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि देश (ब्राज़ील) की सरकार बिक्री को रोकने के लिए तैयार नहीं है.
ब्राज़ील मे काम करने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता इवानइडे बानदेरा कहती हैं, "जंगल की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने वाले खुद को इतना सशक्त महसूस करते हैं कि उन्हें इन ज़मीनों का सौदा करने के लिए फ़ेसबुक पर जाने में कोई डर या शर्मिंदगी नहीं है."
कोई सर्टिफ़िकेट नहीं
फ़ेसबुक मार्केटप्लेस के सर्च-टूल से अगर कोई व्यक्ति पुर्तगाली भाषा में 'वन', 'देसी जंगल' या 'लकड़ी' जैसे शब्द सर्च करता है, तो उसे बड़ी आसानी से अवैध तरीक़े से बेचे जा रहे अमेज़न के इन जंगलों के हिस्सों के बारे में जानकारी मिलती है.
कुछ विज्ञापनों में तो इन ज़मीनों की सैटेलाइट तस्वीरें और जीपीएस को-ऑर्डिनेट्स भी दिये गए हैं.
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मवेशियों को अक्सर उन ज़मीनों पर चरने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिन्हें संरक्षित किया जाना है.
ज़मीनों के विक्रेताओं में से कई खुले तौर पर यह स्वीकार करते हैं कि उनके पास 'भूमि का टाइटल' यानी ज़मीन के क़ाग़ज़ात नहीं हैं जो ब्राज़ील के क़ानून के अनुसार, भूमि पर स्वामित्व को साबित करने का ज़रूरी दस्तावेज़ है.
ब्राज़ील के पशुपालन उद्योग द्वारा इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
'कोई जोखिम नहीं'
ब्राज़ील के अमेज़न के जंगल में पेड़ों की कटाई पिछले दस साल में सबसे ज़्यादा है और फ़ैब्रिकियो गुइमारेस जैसे विक्रेताओं के लिए फ़ेसबुक मार्केटप्लेस ज़मीन बेचने का एक बेहतरीन ज़रिया बन चुका है.
फ़ैब्रिकियो गुइमारेस (जिन्हें छिपे हुए कैमरे से फ़िल्माया गया) उन्होंने कहा, "यहाँ सरकारी एजेंटों द्वारा निरीक्षण का कोई ख़तरा नहीं है."
फ़ैब्रिकियो ने जंगल के एक हिस्से पर टहलते हुए अपनी यह बात कही, जिसे उन्होंने जलाकर बर्बाद कर दिया है.
फ़ैब्रिकियो ने जो ज़मीनें ब्राज़ील के आदिवासी समुदायों से हथियाई हैं, उन्हें बेचने के लिए वो फ़ेसबुक मार्केटप्लेस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ज़मीन के जिस हिस्से पर फ़ैब्रिकियो ने आग लगा कर जंगल साफ़ किया और खेती के लिए तैयार किया, उसकी क़ीमत को उन्होंने तीन गुना बढ़ा दिया है और इसेके लिए वो 35,000 डॉलर की माँग कर रहे हैं.
फ़ैब्रिकियो किसान नहीं हैं. वो मध्य वर्ग से हैं और उनके पास शहर में एक स्थायी नौकरी है. और वे अमेज़न के इन जंगलों को निवेश के अवसर के रूप में देख रहे हैं.
बीबीसी ने बाद में जब अपनी पड़ताल के लिए फ़ैब्रिकियो से संपर्क कर, उनसे इस बारे में टिप्पणी माँगी, तो उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया.
गोपनीय तरीके से पड़ताल
बीबीसी ने पाया कि फ़ेसबुक पर कई विज्ञापन रोंडोनिया इलाक़े से आए हैं. ये अमेज़न वर्षावन का वो इलाक़ा है जहां सबसे अधिक जंगलों को नष्ट किया है.
बीबीसी ने अपनी पड़ताल के अंतर्गत रोंडोनिया के चार ज़मीन विक्रेताओं की एक ऐसे शख़्स (अंडरकवर एजेंट) से बैठक करवाई, जिसे एक वकील बताया गया, जो कथित तौर पर कुछ अमीर निवेशकों के प्रतिनिधि के रूप में उनसे मिलने पहुँचा था.
ब्राज़ील के नक्शे में रोंडोनिया राज्य
आलविम सौज़ा एल्वेस नाम के एक व्यक्ति, आदिवासी समुदाय के लिए संरक्षित जंगल उरु-वे-वाऊ-वाऊ में ज़मीन के एक हिस्से को लगभग 17 लाख रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे.
यह ज़मीन उरु-वे-वाऊ-वाऊ समुदाय के 200 से ज़्यादा लोगों का घर है और ब्राज़ील सरकार के अनुसार, कम से कम ऐसे पाँच समुदाय भी यहाँ रहते हैं, जिनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं है.
लेकिन बैठक में एल्वेस ने यह दावा किया कि "वहाँ कोई आदिवासी समुदाय नहीं रहता."
उन्होंने कहा, "ऐसे समुदाय मेरी ज़मीन से लगभग 50 किलोमीटर दूर रहते हैं. मैं आपको ये नहीं कह सकता कि वो चलते हुए कभी-कभी इस ज़मीन पर नहीं आते."
उरु-वे-वाऊ-वाऊ समुदाय के लोग घुसपैठियों से अपनी ज़मीनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं
बीबीसी ने इस ज़मीन को बेचने के लिए फ़ेसबुक पर दिये गये विज्ञापन को समुदाय के प्रधान बिटाटे उरु-वे-वाऊ-वाऊ को दिखाया.
उन्होंने कहा कि "इस इलाक़े में उनका समुदाय शिकार करने के लिए, मछलियाँ पकड़ने के लिए और फल इक्ट्ठा करने के लिए जाता रहता है."
उन्होंने कहा, "ये हमारा अपमान करने जैसा है. मैं इन लोगों को नहीं जानता. पर मुझे लगता है कि इनका मक़सद जंगल पर आदिवासी समुदायों के अधिकार को ख़त्म करना है. उनका मकसद यहाँ के जंगलों को उखाड़ फेंकना है और हमारी ज़िंदगियों को तबाह करना है."
उन्होंने कहा कि "प्रशासन को इसमें दखल देना चाहिए" और उन्होंने फ़ेसबुक से भी आग्रह किया कि "वो ऐसे विज्ञापनों के ख़िलाफ़ कुछ कड़े क़दम उठाये."
स्थिति में बदलाव
ज़मीनों के इस अवैध बाज़ार को बढ़ावा देने में एक अन्य कारण "सरकार द्वारा क्षमादान की उम्मीद" भी है. एल्वेस ने बताया कि वो कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर कुछ राजनेताओं से बात कर रहे हैं जो उन्हें इन ज़मीनों का मालिकाना हक़ दिला सकते हैं.
उन्होंने मौजूदा सरकार के लिए कहा, "मैं सच कहूं, तो इस समस्या का समाधान तब तक नहीं निकल सकता, जब तक राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो इसे ना सुलझाएं."
इन लोगों के बीच एक आम रणनीति यह है कि अमेज़न के अलग-अलग हिस्सों में पहले जंगलों को काटा जाये, फिर राजनेताओं से यह अपील की जाये कि वो जंगल के इन हिस्सों से 'संरक्षित का दर्जा' इस आधार पर हटा दें कि अब वहाँ जंगल नहीं रह गया है.
इसके बाद ज़मीन हड़पने वाले आधिकारिक तौर पर सरकार से इन ज़मीनों को ख़रीद सकते हैं ताकि जंगल की ज़मीनों पर उनके दावों को क़ानूनी जामा पहनाया जा सके.
आलविम सौज़ा एल्वेस ने बीबीसी के अंडरकवर एजेंट को अमेज़न के जंगल की ज़मीन बेचने का प्रयास किया, पर वो उन्हें ज़मीन के क़ाग़ज़ नहीं दिखा पाये.
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
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समाप्त
एल्वेस ने बीबीसी के अंडरकवर रिपोर्टर को एक ऐसे शख़्स से मिलवाया जो उनके अनुसार, कुरुपीरा एसोसिएशन का लीडर है.
ब्राज़ील की फ़ेडरल पुलिस के मुताबिक़, कुरुपीरा एसोसिएशन एक ऐसा समूह है जो आदिवासी समुदायों से अवैध रूप से ज़मीन हड़पने के लिए जाना जाता है.
इन दोनों लोगों ने बीबीसी के रिपोर्टर को बताया कि कुछ हाई-प्रोफ़ाइल राजनेता राजधानी ब्रासीलिया में सरकारी एजेंसियों के साथ इनकी बैठक करवाने में मदद करते हैं.
उन्होंने बताया कि उनके सबसे बड़े सहयोगी सांसद कर्नल क्रिसोस्टोमो हैं जो सोशल लिबरल पार्टी के सदस्य हैं. राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो भी साल 2019 तक इसी पार्टी के सदस्य थे जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बना ली.
जब बीबीसी ने उनसे बात करने की कोशिश की, तो कर्नल क्रिसोस्टोमो ने माना कि उन्होंने ऐसी बैठकें करवाने में सहयोग किया था, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि ये समूह अवैध रूप से ज़मीनें हड़पने के काम में लिप्त है.
उन्होंने कहा कि "मुझे इस बारे में नहीं बताया गया, और अगर वो अवैध रूप से ज़मीन हथिया रहे हैं तो आगे से उन्हें मेरा सहयोग नहीं मिलेगा."
यह पूछे जाने पर कि 'क्या उन्हें इन बैठकों को करवाने का कोई पछतावा है? उन्होंने जवाब दिया, "नहीं."
बीबीसी ने आलविम सौज़ा एल्वेस से भी उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब देने से इनकार कर दिया.
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अमेज़न वर्षावन पृथ्वी पर पायी जाने वाली हर दस में से एक प्रजाति का घर है.
बीबीसी ने इस संबंध में ब्राज़ील के पर्यावरण मंत्री रिकार्डो सालेस से भी बात करने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति जाएर बोलसोनारो की सरकार पर्यावरण से जुड़े अपराधों समेत किसी भी तरह के अपराध को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी. हम बार-बार अपनी इस नीति के बारे में स्पष्ट रूप से कहते रहे हैं."
सरकार ने वनों की कटाई को नियंत्रित करने वाली केंद्रीय एजेंसी आईबीएएमए (IBAMA) के निरीक्षण बजट में लगभग 40 फीसदी की कटौती की है.
लेकिन पर्यावरण मंत्री रिकार्डो सालेस का कहना है कि "कोरोना वायरस महामारी की वजह से जंगलों में क़ानूनों का सही से पालन नहीं हो पाया." साथ ही उन्होंने वनों की कटाई के लिए राज्य सरकारों को भी ज़िम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, "इस साल सरकार ने 'ऑपरेशन वेर्दे ब्राज़ील-2' बनाया है जो वनों की अवैध कटाई और अवैध ढंग से लगाई जाने वाली आग पर नियंत्रण करने के लिए है. इस ऑपरेशन के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास करेंगी."
हालांकि, रोंडोनिया के एक संघीय अभियोजक राफ़ेल बेविलाकिया ने कहा कि वर्तमान सरकार के शासन में स्थिति लगातार ख़राब हुई है. उन्होंने कहा, "स्थिति वास्तव में बहुत हताश करने वाली है. कार्यकारी शक्तियाँ हमारे ख़िलाफ़ खेल रही हैं और ये निराशाजनक है."
वहीं फ़ेसबुक ने यह दावा किया है कि "वो अवैध बिक्री के ख़िलाफ़ है, लेकिन अवैध बिक्री की पहचान करना कंपनी के लिए एक जटिल काम है और इसीलिए कंपनी अपने स्तर पर यह नहीं कर सकती." इसी आधार पर इस सोशल मीडिया कंपनी ने मामले को स्थानीय न्यायपालिका और स्थानीय प्रशासन के पाले में डाल दिया है.
लेकिन फ़ेसबुक को इस मामले में अब तक 'इतनी गंभीरता' नहीं दिख पाई है कि वो फ़ेसबुक मार्केटप्लेस पर अमेज़न की ज़मीनों की बिक्री से जुड़े विज्ञापनों पर रोक लगाये.
पर्यावरण कार्यकर्ता इवानइडे बानदेरा क़रीब 30 साल से ब्राज़ील के रोंडोनिया राज्य में वनों की कटाई को रोकने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन अब उनका कहना है कि अब वो उम्मीद खो रही हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि ये बहुत कठिन लड़ाई है. जंगल को नष्ट होने और अधिक से अधिक सिकुड़ते देखना वास्तव में दर्दनाक है. इतिहास में कभी भी जंगलों को बचाये रख पाना, उन्हें खड़े रख पाना, इतना मुश्किल नहीं था."
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