कोरोना वायरस कहां से आया था, आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट

पीपीई किट पहने एक व्यक्ति

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कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक जाँच रिपोर्ट सामने आई है.

डब्ल्यूएचओ की एक टीम इसकी जाँच के लिए चीन के दौरे पर गई थी. जाँच टीम की रिपोर्ट में कोरोना महामारी को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग़ेब्रेयेसुस ने कहा, “ये रिपोर्ट एक बहुत अच्छी शुरुआत है लेकिन ये अंत नहीं है. हमें अभी वायरस के स्रोत की जानकारी नहीं मिली है.”

चीन के 17 विशेषज्ञों और 17 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के समूह की जाँच के बाद ये दस्तावेज़ तैयार किया गया है.

ये जाँच टीम इस साल जनवरी के अंत में चीन पहुँची थी जहां 14 दिनों तक उन्होंने अस्पतालों, बाज़ारों और प्रयोगशालाओं का दौरा किया.

उन्होंने आधिकारिक डाटा इकट्ठा किया, दूसरे देशों के अध्ययनों की समीक्षा की और दक्षिण चीन के बाज़ारों में आपूर्ति करने वाले खेतों से लिए गए नमूनों का विश्लेषण किया.

हालांकि ये जाँच स्थानीय प्राधिकरण के सख़्त नियंत्रण में की गई, जिन्होंने शुरुआत में इसका विरोध भी किया था.

वायरस की उत्पत्ति को लेकर चार निष्कर्ष

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बाज़ार

120 पन्नों की रिपोर्ट में वायरस की उत्पत्ति और उसके इंसानों में फैलने के संबंध में चार संभावनाएं बताई गई हैं.

यहां मिले प्रमाणों के आधार पर विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाले हैं:

1. वायरस के जानवर से इंसान में पहुँचने की संभावना

रिपोर्ट के मुताबिक़, इस बात के ठोस प्रमाण हैं कि इंसानों तक पहुँचे कई कोरोना वायरसों की उत्पत्ति जीव-जंतुओं से हुई है.

दस्तावेज़ के मुताबिक़, इंसान में ये वायरस जिस जीव-जंतु से पहुँचा है वो चमगादड़ हो सकता है. चमगादड़ ऐसे जीव-जंतुओं में शामिल है जिनमें कई वायरस होते हैं जो इंसानों में फैल सकते हैं.

रिपोर्ट में इस बात की भी संभावना जताई गई है कि पैंगोलिन या मिंक भी वो जीव-जंतु हो सकते हैं जिन्होंने इंसानों को संक्रमित किया हो.

2. जानवर से इंसानों में संक्रमण फैलने के बीच में एक और जीव-जंतु होने की संभावना

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ये संभावना कहती है कि जिस जीव-जंतु को पहली बार कोरोना हुआ हो, उसने इंसानों से पहले किसी अन्य जानवर को संक्रमित किया हो. उस दूसरे संक्रमित जानवर से फिर इंसान संक्रमित हुए हों.

ये इस तथ्य पर आधारित है कि चमगादड़ में पाए गए सार्स-कोविड-2 से संबंधित कई वायरस में कुछ भिन्नताएं हैं जो बताती हैं कि बीच में कोई ‘कड़ी ग़ायब’ है.

ये ग़ायब कड़ी एक जानवर हो सकता है जो पहली बार संक्रमित हुए जानवर और इंसान दोनों के संपर्क में आया हो.

दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया है कि सार्स-कोविड-2 के लिए अति-संवेदनशील जानवरों की बढ़ती संख्या में जंगली जानवर भी शामिल हैं जो खेती के लिए पाले जाते हैं.

शोधकर्ताओं के मुताबिक़, “ये संभावना ऐसे गुत्थी की ओर ले जाती है जिसे सुलझाना मुश्किल है.”

3. खाने के सामान से इंसानों में पहुँचने की संभावना

ये परिकल्पना कहती है कि कोविड-19 वायरस खाने के सामान या उन्हें रखने वाले कंटेनर्स के ज़रिए इंसानों में पहुँचा है.

इसमें फ्रोज़न फूड शामिल हैं जो आमतौर पर वुहान के बाज़ारों में बेचे जाते हैं.

इस संभावना के लिए प्रमाण हैं कि सार्स कोविड-2 संक्रमित फ्रोज़न उत्पादों में बना रह सकता है. हाल के समय में चीन की सरकारी मीडिया में भी बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया गया है. उनका इशारा विदेश से आने वाले सामान की ओर होता है.

हालांकि, डब्ल्यूएचओ का दस्तावेज़ कहता है कि सार्स कोविड-2 वायरस के खाने से संचरण के कोई निर्णायक सबूत नहीं हैं और वायरस के कोल्ड चेन से फैलने की भी संभावना बहुत कम है.

4. वायरस के प्रयोगशाला से इंसानों में फैलने की संभावना कम

इसमें संभावना जताई गई है कि प्रयोगशाला में हुई एक दुर्घटना के कारण यह वायरस वहां के कर्मियों में फैल गया.

दस्तावेज़ स्पष्ट करता है कि उन्होंने इस संभावना का विश्लेषण नहीं किया कि किसी ने जानबूझकर वायरस फैलाया था.

उन्होंने इस बारे में भी पूछताछ नहीं की है कि क्या वायरस प्रयोगशाला में निर्मित किया गया था, क्योंकि वायरस जीनोम के विश्लेषण के आधार पर इस संभावना को पहले ही अन्य वैज्ञानिकों ने ख़ारिज कर दिया है.

रिपोर्ट स्वीकार करती है कि प्रयोगशालाओं में ऐसी दुर्घटनाएं दुर्लभ होती हैं लेकिन, ये हो सकती हैं.

दस्तावेज़ कहता है, “वायरस की वृद्धि, जानवरों में टीकाकरण या क्लिनिकल सैंपल के साथ काम करने के दौरान सीमित सुरक्षा या लापरवाही के कारण प्रयोगशालाओं में इंसान संक्रमित हो सकते हैं.”

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि "दिसंबर 2019 से पहले किसी भी प्रयोगशाला में सार्स-कोविड-2 से संबंधित वायरस या संयोजन से सार्स-कोविड-2 जीनोम बनाने वाले जीनोम्स का रिकॉर्ड नहीं मिला है."

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोरोनो वायरस पर काम करने वाली तीन वुहान प्रयोगशालाओं में "उच्च-गुणवत्ता वाले जैव सुरक्षा स्तर" हैं. यहां एक भी कर्मचारी को दिसंबर 2019 से महीनों या सप्ताह पहले कोविड-19 से संबंधित कोई बीमारी नहीं मिली है.

हालांकि, टेड्रोस एडहानोम ने कहा है कि वायरस के प्रयोगशाला से फैलने को लेकर अधिक ठोस निष्कर्षों पर पहुँचने के लिए और अधिक डाटा व अध्ययन की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “हालांकि, टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि प्रयोगशाला से वायरस लीक होने की संभावना कम है. इस संबंध में और जाँच किए जाने की ज़रूरत है.”

कुछ अनसुलझे सवाल

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बाज़ार

वायरस की उत्पत्ति को लेकर इन सभी संभावनाओं के बावजूद भी कुछ ऐसे सवाल हैं जो अनसुलझे रह गए हैं.

1. वुहान का बाज़ार

कोविड़-19 के शुरुआती मामले चीनी शहर वुहान में स्थित हुनान बाज़ार से जुड़े हुए थे.

महामारी की शुरुआत से ही वुहान को कोरोना वायरस के स्रोत के तौर पर देखा जा रहा था.

लेकिन, जाँच में कहा गया है कि “इस निष्कर्ष पर पहुँचने के कोई सबूत नहीं हैं” कि इस जगह की महामारी की उत्पत्ति में कोई भूमिका है.

दस्तावेज़ कहता है कि हालांकि, शुरुआती मामले हुनान के बाज़ार से जुड़े हैं लेकिन अन्य बाज़ारों में भी ऐसे ही मामले आए हैं. कई अन्य मामले तो बाज़ारों से भी जुड़े हुए नहीं हैं.

टीम ने पुष्टि की कि वुहान में हुनान बाज़ार में व्यापक रूप से सार्स-कोविड-2 का संक्रमण था लेकिन इसके स्रोत का पता नहीं चल सका है.

रिपोर्ट कहती है, “यह बताता है कि हुनान का बाज़ार इस महामारी का असली स्रोत नहीं है.”

2. दूसरे देशों में खेती

शोध यह भी बताता है कि वुहान के बाज़ार में ये वायरस खेतों से पहुँचा होगा जहां से बाज़ार में आपूर्ति होती है और वहां चमगादड़ों में सार्स-कोविड-2 बड़ी मात्रा में पाया जाता है.

हालांकि, दस्तावेज़ में ये भी कहा गया है कि ये कोई कड़ी नहीं दिखाता है लेकिन जाँच के लिए एक और संभावना पैदा करता है.

जब कोरोना वायरस के पहले प्रकोप का पता चला था, तो हुनान बाज़ार में 20 देशों से पशु उत्पाद आ रहे थे, इनमें कुछ ऐसे भी थे जिनमें 2019 के अंत में सार्स-कोविड-2 के मामले सामने आए थे.

इस शोध में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों में से एक, पीटर दासज़ैक का कहना है कि दक्षिण पूर्व एशिया में खेती के जानवर महामारी की शुरुआत का सबसे संभावित स्रोत हैं.

दासज़ैक ने एक एनपीआर रिपोर्ट में कहा है कि ये खेत ऐसी जगह हो सकते हैं जहां कोरोनोवायरस किसी चमगादड़ से दूसरे जानवर और फिर वहां के लोगों में पहुँचा होगा.

टेड्रोस एडहानोम ने कहा, "वुहान और अन्य जगहों के बाज़ारों में वायरस पहुँचाने में खेती के जानवरों ने क्या भूमिका निभाई होगी, इसका पता लगाने के लिए और अधिक अध्ययन करना होगा."

3. संक्रमण का पहला मामला

रिपोर्ट यह भी बताती है कि सार्स-कोविड-2 वायरस का मनुष्यों में पता चलने से पहले उसका कई हफ़्तों तक प्रसार हो रहा था.

टीम ने वायरस के प्रारंभिक प्रसार का संकेत देने वाले कई देशों में प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वुहान में पहला मामला आने से पहले ही कई सैंपल पॉज़िटिव पाए गए थे. इससे पता चलता है कि वायरस दूसरे देशों में भी फैल रहा होगा.

शोधकर्ताओं ने चेताया है कि "अध्ययन की गुणवत्ता सीमित है" लेकिन सक्रमण के पहले संभावित मामलों की जाँच करना महत्वपूर्ण है.

चीन मिशन के सदस्यों ने चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में वन्यजीवों और पशुधन पर अधिक परीक्षण करने, कोविड-19 के पहले मामलों पर अधिक अध्ययन और वुहान में बाजारों से आपूर्ति श्रृंखलाओं की ट्रेसिंग करने की सिफ़ारिश की है.

इस शोध की प्रगति के बावजूद, डब्ल्यूएचओ निदेशक ने कहा है, "वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने में समय लगता है. जाँच के लिए की गई एक यात्रा से सभी सवालों के जवाब नहीं मिल सकते.”

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