समलैंगिकों को लेकर महिला हैं पुरुषों से ज़्यादा उदार

एक ताज़ा सर्वे के मुताबिक़ ब्रिटेन के हर पाँच व्यस्कों में से एक व्यस्क समलैंगिक शादी में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर सकता है.
इंग्लैंड और वेल्स में शनिवार से समलैंगिक शादी की अनुमति प्रदान करने वाला नया क़ानून लागू हुआ है.
बीबीसी रेडियो 5 के लाइव सर्वे में भी यह बात सामने आई कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के बीच इस तरह के समारोह से दूर रहने की दोगुनी प्रवृत्ति देखी गई.
इस सर्वेक्षण में शामिल 1,007 लोगों में से 68 फ़ीसदी लोगों ने समलैंगिक शादी की अनुमति पर सहमति जताई, लेकिन 26 फ़ीसदी लोगों ने इसका विरोध किया.
समलैंगिकों अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था का कहना है कि लोगों का नज़रिय़ा 'अविश्वसनीय रूप से सकारात्मक' था.
समलैंगिक महिलाओं, पुरुषों और बाइसेक्सुअल लोगों लिए काम करने वाली संस्था स्टोनवॉल के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस तथ्य को सामने लाना महत्वपूर्ण था कि पाँच लोगों में चार लोग समलैंगिक शादी के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे.
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'कट्टर या असहिष्णु'
लेकिन कैथोलिक गिरजाघर का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कैथोलिक वॉयस ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि अब भी लोग शादी के बारे में अपनी वास्तविक भावनाओं को व्यक्त करने में 'काफ़ी झिझक' महसूस करते हैं.
इस संगठन के एक सदस्य और ग्रेटर मैनचेस्टर में पादरी एडमंड मोंटगोमेरी ने कहा, "चर्च के रूप में हम समलैंगिक संबंध में रहने वाले लोगों से प्रेम करते हैं."
मोंटगोमेरी कहते हैं, "लेकिन उनके प्रति हमारा प्यार उनको शादी का वास्तविक अर्थ समझाना भी है, जिससे कारण सर्वेक्षण में शामिल हर पाँचवा व्यक्ति ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार करने में कठिनाई महसूस करता है और ईमानदारी से मना करते हैं."
वह कहते हैं, "हमारी आधुनिक संस्कृति में कट्टर या असहिष्णु होने के लेबल से मुक्त होकर खुली बहस करना मुश्किल होता जा रहा है."
उनके अनुसार, "यह एक बहुत बड़ी बिडंबना है कि जो सहिष्णुता का दायरा बढ़ाने की बात करने वाले लोग असहमति जताने वाले लोगों को इस दायरे से बाहर रखते हैं."
इंग्लैंड और वेल्स में समलैंगिक शादियों को पहली बार अनुमति मिल गई है, शोध बताते हैं कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस मुद्दे पर संकुचित राय रखता है. इसमें से करीब 42 फ़ीसदी लोगों का मानना है कि समलैंगिक शादियां सामान्य शादियों से अलग नहीं हैं.
महिलाएँ हैं ज़्यादा उदार
स्टीफ़न नोलॉन के कार्यक्रम कॉमरेस के सर्वेक्षण में शामिल 1,007 ब्रितानी वयस्कों में से 22 प्रतिशत का कहना था कि वे समलैंगिक शादी के सामारोह में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा देंगे.
इसमें शामिल 16 फ़ीसदी महिलाओं की तुलना में 29 प्रतिशत पुरुषों का कहना था कि वह समलैंगिक शादी के समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे.
इस शोध से यह भी पता चला कि 18-34 साल की उम्र के 80 फ़ीसदी लोग समलैंगिक शादी के पक्ष में हैं, जबकि 65 साल से अधिक उम्र के 44 फ़ीसदी से ज़्यादा लोगों ने इस तरह की शादियों का समर्थन किया.
इस सर्वेक्षण के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में समलैंगिक शादी को ज़्यादा समर्थन देती दिखीं.
इसमें शामिल 75 प्रतिशत महिलाओं ने समलैंगिक शादियों का समर्थन किया, वहीं पुरुषों में यह आँकड़ा 61 प्रतिशत रहा.
वहीं 59 फ़ीसदी लोगों की राय थी कि समलैंगिक शादियों का विरोध करने वाले लोगों को समलैंगिता का विरोधी नहीं माना जाना चाहिए.
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