'रूस पर और कड़े प्रतिबंध हों'

पूर्वी यूक्रेन में राष्ट्रपति की चेतावनी को दरकिनार कर रूस समर्थक लड़ाके सरकारी इमारतों पर क़ब्ज़ा कर रहे हैं.
बढ़ते तनाव के मद्देनज़र अमरीका और यूरोपीय संघ का कहना है कि यूक्रेन में रूस की भूमिका के चलते रूस पर और सख़्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
सोमवार को यूरोपीय संघ के देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि प्रतिबंधों में शामिल लोगों की सूची में इज़ाफ़ा किया जाएगा.
ब्रितानी विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा, " यूरोपीय देशों के विदेश मंत्री प्रतिबंधों में इज़ाफ़े के लिए सहमत हो गए हैं. प्रतिबंधित लोगों की सूची में नए नाम जोड़े जाएँगे. परिषद की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया है. ज़रूरत पड़ने पर तीसरे स्तर के प्रतिबंध लागू करने की संभावना पर भी विचार गया."
यूक्रेन ने हालात सुधारने के लिए व्यापक सैन्य अभियान शुरू करने की चेतावनी दी है. रूस का कहना है कि यूक्रेन को अपने ही नागरिकों पर बल प्रयोग नहीं करना चाहिए.
इसी बीच, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से फ़ोन पर बात भी की है.
पुतिन ने ओबामा से बातचीत में यूक्रेन में तनाव को बढ़ावा देने के आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया.
अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि ओबामा ने पुतिन से कहा कि अमरीका हालात का कूटनीतिक हल चाहता है लेकिन इस दिशा में रूस के क़दम पर्याप्त नहीं है.
इससे पहले, यूक्रेन की सरकार ने रूस समर्थक कार्यकर्ताओं को हथियार डालने के लिए सोमवार सुबह तक का वक़्त दिया था.
डोनेत्स्क के नज़दीकी शहर होरलिवका में भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया और इमारत को अपने क़ब्ज़े में ले लिया.
यूक्रेन के अंतरिम राष्ट्रपति ओलेक्सेंडर टुर्चयोनोफ़ ने इसे रूस की ओर से भड़काऊ कार्रवाई क़रार दिया है. हालाँकि उन्होंने राष्ट्रीय जनमत संग्रह का समर्थन किया है.
प्रदर्शनकारी देश के भविष्य को लेकर जनमतसंग्रह कराने की माँग कर रहे हैं. टुर्चयोनोफ़ ने कहा है कि वे मतदान के ख़िलाफ़ नहीं हैं.
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमरीका ने यूक्रेन के घटनाक्रम के पीछे रूस का हाथ होने के आरोप लगाए जिन्हें रूस ने सिरे से ख़ारिज कर दिया.
पूर्वी यूक्रेन में सरकारी इमारतों पर क़ब्ज़ा करने वाले रूस समर्थक प्रदर्शनकारी स्थानीय अधिकारियों में बढ़ोत्तरी या रूस के साथ जुड़ने के विकल्प पर स्थानीय स्तर पर जनमत संग्रह कराने की माँग कर रहे हैं.
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