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कोरोना संक्रमण को लेकर मंगलवार की सुर्ख़ियां
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कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मंगलवार को दुनिया में जो कुछ देखने को मिला उसमें प्रमुख बातें ये रहीं-
फ्रांस ने ऐलान किया है कि एक से ज़्यादा कर्मचारियों वाले दफ़्तरों में मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा रहा है. यह प्रावधान आने वाले एक सितंबर से लागू हो जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 20 से लेकर 40 साल के युवा कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला रहे हैं. उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अमरीका में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की आंशका है और इतना ही नहीं इस दौरान चार लाख लोगों की मौत की आशंका भी है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि बीते तीन सप्ताह में कोरोना संक्रमण के मामलों में दोगुनी वृद्धि को देखते हुए अब लॉकडाउन के प्रावधानों में रियायत नहीं दी जाएगी.
चीन की फर्मास्यूटिकल कंपनी सिनोफार्म ने साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन तैयार करने की उम्मीद जताई है.
चीनी कंपनी का दावा- इस साल के अंत तक आ जाएगी कोरोना वैक्सीन
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केरी एलेन
बीबीसी मॉनिटरिंग, चीनी मीडिया एनालिस्ट
चीन की एक फ़ार्मा कंपनी सिनोफ़ार्म ने घोषणा की है कि इस
साल के अंत तक वो कोरोना वायरस की वैक्सीन बना लेगी.
सिनोफ़ार्म के चेयरमैन लिउ जिंगझेन ने मीडिया
को बताया कि वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल संयुक्त अरब
अमीरात (यूएई) में चल रहा है और इसके दिसंबर तक बाज़ार में आने की उम्मीद है.
वैक्सीन के ट्रायल के तौर पर लिउ जिंगझेन ने ख़ुद इसके दो डोज़ लिए हैं.
उन्होंने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि अब तक उन्हें इसके “कोई भी साइड इफ़ेक्ट” महसूस नहीं
हुए हैं.
चीन के बीज़िंग और वुहान शहरों में ऐसी वर्कशॉप
हैं जहां एक साल में क्रमश: 10.2 करोड़ और 10 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन हो सकता
है. इस वैक्सीन के दो डोज़ की कीमत 1000 युआन यानी करीब 10700 रुपये होगी.
चीन में वैक्सीन की कीमत को लेकर कुछ लोगों
ने चिंता जाहिर की है. चीनी सोशल मीडिया साइट सीना वीबो पर बहुत से लोगों ने लिखा
कि इस कीमत पर वैक्सीन चीन के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए बहुत महंगी साबित
होगी और वो इसे नहीं ले पाएंगे.
हालांकि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनके
मुताबिक चीन में संक्रमण के घरेलू मामले अब नहीं हैं, यहां सिर्फ़ बाहर से आने
वालों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिल रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण इलाकों तक संक्रमण
पहुंचने के आसार कम ही हैं.
वर्तमान में दुनियाभर में करीब 200 कोरोना वैक्सीन का
ट्रायल चल रहा है और 20 से अधिक वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार होने के स्तर
पर हैं.
कोरोना संक्रमण का तेज़ी से बढ़ता ग्राफ़, क्या वैक्सीन से ही काबू होगी महामारी?
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मानसी दाश
बीबीसी संवाददाता
भारत में 30 जनवरी 2020 को कोरोना संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया. मामले धीरे-धीरे बढ़े और मई के आख़िर तक रोज़ाना आठ हज़ार मामले दर्ज किए जाने लगे.
संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाई और जुलाई महीना ख़त्म होते-होते रोज़ाना पचास हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए जाने लगे.
अगस्त में रोज़ाना दर्ज हो रहे कोरोना पॉज़िटिव मामलों के नए रिकॉर्ड बनने लगे और हर रोज़ संक्रमितों का आंकड़ा साठ हज़ार से ऊपर रहने लगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ऑस्ट्रेलिया में सभी नागरिकों को मुफ़्त मिलेगी कोरोना वैक्सीन
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मंगलवार को कहा है कि देश कोरोना
की वैक्सीन का उत्पादन करेगा और सभी नागरिकों को मुफ्त में ये वैक्सीन देगा.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वीडिश-ब्रितानी कंपनी
एस्ट्राज़ेनिका के साथ ऑस्ट्रेलिया ने एक करार किया है जिसके तहत ऑक्सफोर्ड की बनाई
वैक्सीन अब उन्हें भी मिल सकती है.
उन्होंने कहा, “फिलहाल ऑक्सफोर्ड
की वैक्सीन दुनिया की सबसे उन्नत और भरोसेमंद वैक्सीन है. कंपनी के साथ करार के तहत
हमने अपने सभी नागरिकों के लिए अब ये वैक्सीन सुनिश्चित कर ली है.”
अगर ये वैक्सीन कारगर साबित हुई तो हम बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करेंगे और
सभी 250 लाख ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों तक मुफ्त में इसे पहुंचाएंगे.
ऑक्सफोर्ड में बनाई जा रही वैक्सीन दुनिया की उन पांच वैक्सीन में से एक है
जिसकी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल के आख़िर
तक इसके नतीजे भी आ जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कुछ और संभावित वैक्सीन बना रही टीमों से
संपर्क कर रही है और साथ ही देश के भीतर भी वैज्ञानिकों को उनकी कोशिशों में मदद कर
रही है.
हालांकि अब तक एस्ट्राज़ेनिका के साथ वैक्सीन की क़ीमत क्या होगी और देश में
उसका उत्पादन कौन करेगा इसे लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.
ब्रेकिंग न्यूज़13 अन्य देशों के साथ हवाई सफ़र शुरू करने की तैयारी: हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय नागरिक
उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय
हवाई सफ़र शुरू करने को लेकर मंत्रालय लगातार कोशिश कर रहा है.
उन्होंने बताया कि वंदे भारत योजना के तहत अब तक अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त
अरब अमीरात, क़तर और मालदीव के साथ हवाई सफ़र को लेकर एयर बबल बनाया गया था.
अब मंत्रालय 13 अन्य देशों के साथ हवाई सफ़र की व्यवस्था करने
का प्रयास कर रहा है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, इटली, जापान, न्यूज़ीलैंड, नाइजीरिया,
बहरीन, केन्या, इसराइल, फ़िलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड शामिल
हैं.
इसके अलावा पड़ोसी देशों श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान,
नेपाल और भूटान के साथ भी एयर बबल बनाने का प्रस्ताव चल रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि इसी तरह दूसरे अन्य देशों के
साथ भी हवाई सफ़र को लेकर व्यवस्था की जाएगी.
उन्होंने कहा, “कहीं भी फंसे हुए हमारे नागरिकों तक पहुंचने की
पूरी कोशिश की जा रही है. कोई भी भारतीय पीछे नहीं छोड़ा जाएगा.”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्राइवर कोरोना
पॉज़िटिव पाया गया है.
शिमला में मौजूद चीफ़ मेडिकल अधिकारी डॉक्टर सुरेखा चोपड़ा ने
बताया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात 12 सुरक्षाकर्मियों का कोरोना टेस्ट भी पॉज़िटिव
आया है.
कोरोना महामारी और वैक्सीन पर वियतनाम के उप प्रधानमंत्री का बयान
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वियतनाम के उप प्रधानमंत्री वु डक डैम ने मंगलवार
को कहा कि कोरोना महामारी देश में लंबे समय तक रहने वाली है.
उन्होंने कहा कि देश
की पूरी आबादी तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में कम से कम एक साल का समय लगेगा.
डैम ने एक सरकारी मीटिंग में कहा, “हमें इस बीमारी
के साथ रहने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.”
वियतनाम में कोराना संक्रमण का पहला मामला जनवरी
में सामने आया था. फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के कुल 983 मामले सामने आए हैं और 25
लोगों की मौत हुई है.
इनमें से संक्रमण के आधे मामले पिछले महीने आए हैं.
भारत में कोरोना मृत्युदर में कमी आई: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में
कोरोना मृत्युदर में कमी आई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया, “13 अगस्त से यानी पांच दिन से जो नए मामले आ रहे हैं उनकी संख्या में थोड़ी
कमी आई है. लेकिन महामारी के मद्देनज़र पांच दिन की अवधि कम वक्त है और इसे एक
बेंचमार्क के तौर पर नहीं देखा जा सकता.”
“हम कह सकते हैं सरकार की कोशिशों का अच्छा
नतीजा मिल रहा है लेकिन इस कारण निश्चिंत हो जाना कतई ठीक नहीं होगा.”
संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के प्रतिनिधि वीके पॉल ने बताया कि अब सरकार देश
में रोज़ाना 9 लाख तक कोरोना टेस्टिंग कर रही है जिससे काफी मदद मिल रही है. कुछ
दिनों में टेस्टिंग को 10 लाख तक करने की सरकार की योजना है.
भारत में फिलहाल तीन कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा और तीनों के
मामले में भारत प्रगति कर रहा है और इसे कैसे लोगों तक पहुंचाया जाए सरकार इस पर
भी विचार कर रही है.
एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा वैक्सीन अभी बन रही है और ये कितनी
कारगार होगी, कितने वक़्त तक सुरक्षा देगी, कितनी सुरक्षित होगी इसके बारे में अभी
पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन ये कहा जा सकता है कि हम सही राह पर
हैं.
अतुल गर्ग ने कहा कि पहले उन्होंने RTPCR टेस्ट 15 अगस्त को कराया था जिसको रिपोर्ट निगेविट आई थी.
लेकिन उन्होंने सोमवार को फिर अपना टेस्ट कराया जिसमें संक्रमित होने की पुष्टि हुई.
इससे पहले योगी सरकार के आठ मंत्री संक्रमित हो चुके हैं.
उनमें से दो मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान की तो मौत हो चुकी है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे.
भारत में अब तक कोरोना के 27 लाख से अधिक मामले आ चुके हैं और क़रीब 52 हज़ार लोग अब तक कोरोना वायरस के कारण मारे जा चुके हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़अमित शाह एम्स के पोस्ट कोविड केयर में भर्ती किए गए
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गृह मंत्री अमित शाह पिछले हफ़्ते जांच में कोरोना निगेटिव पाए गए तो उम्मीद की जा रही थी कि वो कोरोना से ठीक होने के बाद अब स्वस्थ्य होकर लौट आए हैं. लेकिन मंगलवार को उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया है.
अस्पताल ने अपने बयान में कहा है कि गृह मंत्री पिछले तीन चार दिनों से थकान और बदन दर्द से जूझ रहे थे.
एम्स मीडिया एंड प्रोटोकॉल डिविजन की प्रमुख आरती विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''अमित शाह पिछले तीन-चार दिनों से थकान और बदन दर्द से जूझ रहे थे. वो कोरोना निगेटिव हैं. उन्हें एम्स के पोस्ट कोविड केयर में भर्ती किया गया है. वो बिल्कुल ठीक हैं और अस्पताल से ही काम कर रहे हैं.''
जाँच में कोरोना निगेटिव पाए जाने के बाद 55 साल के अमित शाह गुड़गाँव के निजी अस्पताल मेदांता से पिछले हफ़्ते डिस्चार्ज हुए थे. उन्होंने 14 अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि डॉक्टरों की सलाह पर वो अभी अपने घर पर आइसोलेशन में ही रहेंगे. एक दिन बाद 15 अगस्त को अमित शाह ने अपने आवास पर ध्वाजारोहण भी किया था.
ब्रेकिंग न्यूज़WHO ने बताया कि सबसे ज़्यादा किनसे फैल रहा कोरोना
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जताई
है कि 20 से 40 साल की उम्र के तक के लोग कोरोना संक्रमण फैलाने का काम कर रहे
हैं क्योंकि हो सकता है उन्हें पता न हो कि वो वायरस से संक्रमित हैं.
वेस्टर्न पैसिफ़िक में डब्ल्यूएचओ के रीज़नल
डायरेक्टर ताकेशी कासाई ने एक वर्चुएल ब्रीफ़िंग में बताया कि इससे आबादी के दूसरे
हिस्से को बड़ा ख़तरा है, ख़ासकर बुजुर्गों, बीमार लोगों और उन इलाकों में जहां स्वास्थ्य
सेवाएं बेहद बदतर हालत में हैं.
इस महीने की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ ने कहा था
कि दुनियाभर में युवाओं की एक बड़ी आबादी में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
फिलीपीन्स के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति रूस की वैक्सीन लगाने को तैयार
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मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज़ मेनवेल लोपेज़ ओबराडोरImage caption: मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज़ मेनवेल लोपेज़ ओबराडोर
मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज़ मेनवेल लोपेज़ ओबराडोर
ने कहा है कि यदि रूस की वैक्सीन प्रभावी साबित होती है तो वो इस लगवाने के लिए ख़ुद
सामने आएंगे. इससे पहले फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे ने कहा था कि
वो ख़ुद रूस की वैक्सीन लगाएंगे.
रूस ने दो महीने के
टेस्ट के बाद ही वैक्सीन के उत्पादन को मंज़ूरी दे दी है. इस वैक्सीन की पहली खेप का
उत्पादन भी कर लिया गया है.
हालांकि इतने कम समय
में वैक्सीन के उत्पादन को मंज़ूरी देने को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में चिंताएं भी
ज़ाहिर की गई हैं.
कई वैज्ञानिकों ने
चिंता ज़ाहिर की है कि कहीं रूस राष्ट्रीय गौरव को सुरक्षा की तुलना में प्राथमिकता
तो नहीं दे रहा है.
कुछ वैज्ञानिकों का
कहना है कि सिर्फ़ 10 प्रतिशत क्लिनिकल
ट्रायल ही कामयाब रहते हैं.
अपनी रोज़ाना प्रेसवार्ता
में लोपेज़ ओबराडार ने वैक्सीन के बारे में कहा है, 'मैं सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहूंगा.'
इसी बीच दुनियाभर
के देशों में वैक्सीन बनाने की रेस जारी है.
मेक्सिको और अर्जेंटीना
की सरकार ने दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राज़ेनेका के साथ वैक्सीन के उत्पादन के लिए क़रार
किया है.
मेक्सिको के उप विदेश
मंत्री का कहना है कि यदि तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल कामयाब साबित होता है तो उनके
देश को 20 करोड़ डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी.
वैक्सीन की पहली खेप
अगले साल अप्रैल तक उपलब्ध हो सकती है. मेक्सिको में अब तक 522162 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. सरकारी डाटा
के मुताबिक देश मों कोरोना वायरस की वजह से 56577 मौतें भी हुई हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़कमज़ोर होते डॉलर से तेल ख़रीदने वाले ख़ुश
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दुनिया की प्रमुख
मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर के कमज़ोर होने की वजह से कच्चा तेल ख़रीदने
वाले देशों को तेल सस्ता मिल रहा है. अमरीका के एनर्जी इन्फ़र्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन
यानी ईआए ने ये जानकारी शुक्रवार को दी है.
कच्चे तेल का
कारोबार अमरीकी डॉलर में ही होता है, इस वजह से उन
देशों को ये तेल सस्ता पड़ रहा है जिनकी मुद्रा डॉलर के मुक़ाबले मज़बूत हुई है.
यूरोज़ोन के देश भी इसमें शामिल हैं. इनमें कई देश ऐसे हैं जो कच्चा तेल आयात करते
हैं. एक जून से 12 अगस्त के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों
में 19 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
लेकिन ईआईए के
अनुमान के मुताबिक़ डॉलर के मुक़ाबले यूरो की क़ीमत बढ़ने की वजह से यूरो में ये
बढ़ोतरी 12 फ़ीसदी ही हुई है. बीते कुछ महीनों से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम और डॉलर के दाम
विरोधी दिशाओं में बढ़ रहे हैं.
जहां ब्रेंट
क्रूड ऑयल महंगा हो रहा है वहीं वैश्विक मुद्राओं के मुक़ाबले डॉलर कमज़ोर पड़ रहा
है. हाल के सप्ताह में महामारी के असर की वजह से क्रूड ऑयल की वैश्विक मांग कम
होने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन कमज़ोर हो रहे डॉलर ने तेल के दामों
का समर्थन ही किया है.
कमज़ोर अमरीकी
डॉलर का मतलब ये है कि तेल ख़रीदने वाले देशों को तेल सस्ता पड़ रहा है. इस सप्ताह
ईआईए की सूची रिपोर्ट के मुताबिक 7 अगस्त तक के
सप्ताह में 45 लाख बैरल क्रूड ऑयल निकाला गया है. वहीं
सात लाख बैरल गैसोलीन और 23 लाख बैरल डिस्टिलेट फ्यूल सूची से कम हुआ
है.
इससे तेल के
दामों को बढ़त मिली है. तेल की इस कमी से तेल के दाम कुछ ऊंचे हुए थे लेकिन
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी और ओपेक ने इस साल के लिए तेल की खपत के अपने अनुमान को
कम कर दिया है और स्वीकार किया है कि कोविड 19 महामारी पर
वैश्विक असर अनुमान से कहीं ज़्यादा होगा.
जल्द शुरू होगा रूस की वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल
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बीते सप्ताह कोरोना संक्रमण की वैक्सीन को अनुमति देने वाले रूस ने अपनी वैक्सीन स्पुतनिक-5 का एक वीडियो जारी किया है. रूस का दावा है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस को ख़त्म कर देगी.
हालांकि वैज्ञानिकों ने रूस के दावों पर चिंता जाहिर की है.
रशियन डायरेक्ट इवेस्टमेंट फंड की ओर से जारी 38 सेकंड के वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे वैक्सीन स्पुतनिक-5 परिदृश्य में आती है और कोरोना संक्रमण को ख़त्म कर देती है.
स्पुतनिक न्यूज़ के मुताबिक वैक्सीन के उत्पादन का एक वीडियो भी जारी किया गया है. बीते सप्ताह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि रूस के रक्षा मंत्रालय और गामेलया इंस्टीट्यूट की ये वैक्सीन खासी प्रभावी है और कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करती है.
रूस की तास न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक वैक्सीन का फ़ेज़ थ्री ह्यूमन ट्रायल अगले सात से दस दिनों के भीतर शुरू हो सकता है. रुस के मास्को क्षेत्र में होने वाले इस ट्रायल में दसियों हज़ार लोग हिस्सा लेंगे.
वैक्सीन का फ़ेज़-1 और फ़ेज़-2 ट्रायल बहुत तेज़ गति से हुआ है और इस प्रक्रिया को दो महीने के भीतर ही पूरा कर लिया गया है. सरकार ने वैक्सीन को मंज़ूरी फ़ेज़-3 ट्रायल शुरू होने से पहले ही दे दी थी.
लाइव रिपोर्टिंग
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कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं और कैसे कर सकते हैं बचाव
जेम्स गैलहर
स्वास्थ्य और विज्ञान संवाददाता
कोरोना के 85% मरीज़ों में तीन मुख्य लक्षणों में से कम से कम एक लक्षण देखा जाता है. कैसे बच सकते हैं कोरोना से, जानिए.
और पढ़ेंभारत में कोरोना से मरने वालों की सही गिनती नहीं हो रही?
सौतिक विश्वास
बीबीसी संवाददाता
भारत में कोरोना वायरस से 51,000 से ज्यादा मौतें दर्ज की जा चुकी हैं लेकिन क्या असली संख्या कुछ और है?
और पढ़ेंकोरोना: क्या अब दुनिया में जवान लोग फैला रहे हैं संक्रमण?
लॉकडाउन खुलने के बाद से लोगों का बाहर जाना शुरू हो गया है और युवाओं में इसके सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं.
और पढ़ेंPost update
कोरोना संक्रमण पर हमारा यह विशेष पन्ना यहीं समाप्त होता है. लेकिन बुधवार को भी कोरोना को लेकर देश दुनिया की तमाम अपडेट्स का सिलसिला जारी रहेगा. अपडेट्स जानने के लिए यहां क्लिक करें.
कोरोना संक्रमण को लेकर मंगलवार की सुर्ख़ियां
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर मंगलवार को दुनिया में जो कुछ देखने को मिला उसमें प्रमुख बातें ये रहीं-
चीनी कंपनी का दावा- इस साल के अंत तक आ जाएगी कोरोना वैक्सीन
केरी एलेन
बीबीसी मॉनिटरिंग, चीनी मीडिया एनालिस्ट
चीन की एक फ़ार्मा कंपनी सिनोफ़ार्म ने घोषणा की है कि इस साल के अंत तक वो कोरोना वायरस की वैक्सीन बना लेगी.
सिनोफ़ार्म के चेयरमैन लिउ जिंगझेन ने मीडिया को बताया कि वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चल रहा है और इसके दिसंबर तक बाज़ार में आने की उम्मीद है.
वैक्सीन के ट्रायल के तौर पर लिउ जिंगझेन ने ख़ुद इसके दो डोज़ लिए हैं. उन्होंने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि अब तक उन्हें इसके “कोई भी साइड इफ़ेक्ट” महसूस नहीं हुए हैं.
चीन के बीज़िंग और वुहान शहरों में ऐसी वर्कशॉप हैं जहां एक साल में क्रमश: 10.2 करोड़ और 10 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन हो सकता है. इस वैक्सीन के दो डोज़ की कीमत 1000 युआन यानी करीब 10700 रुपये होगी.
चीन में वैक्सीन की कीमत को लेकर कुछ लोगों ने चिंता जाहिर की है. चीनी सोशल मीडिया साइट सीना वीबो पर बहुत से लोगों ने लिखा कि इस कीमत पर वैक्सीन चीन के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए बहुत महंगी साबित होगी और वो इसे नहीं ले पाएंगे.
हालांकि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनके मुताबिक चीन में संक्रमण के घरेलू मामले अब नहीं हैं, यहां सिर्फ़ बाहर से आने वालों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिल रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण इलाकों तक संक्रमण पहुंचने के आसार कम ही हैं.
वर्तमान में दुनियाभर में करीब 200 कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और 20 से अधिक वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार होने के स्तर पर हैं.
कोरोना संक्रमण का तेज़ी से बढ़ता ग्राफ़, क्या वैक्सीन से ही काबू होगी महामारी?
मानसी दाश
बीबीसी संवाददाता
भारत में 30 जनवरी 2020 को कोरोना संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया. मामले धीरे-धीरे बढ़े और मई के आख़िर तक रोज़ाना आठ हज़ार मामले दर्ज किए जाने लगे.
संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाई और जुलाई महीना ख़त्म होते-होते रोज़ाना पचास हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए जाने लगे.
अगस्त में रोज़ाना दर्ज हो रहे कोरोना पॉज़िटिव मामलों के नए रिकॉर्ड बनने लगे और हर रोज़ संक्रमितों का आंकड़ा साठ हज़ार से ऊपर रहने लगा.
लेकिन क्या इस स्थिति से डरने की ज़रूरत है? और इस पर काबू कैसे पाया जाए?पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें.
क्या भारत में भी मौजूद है 10 गुना ज़्यादा संक्रामक कोरोना वायरस?
गुरप्रीत सैनी
बीबीसी संवाददाता
तमिलनाडु से मलेशिया लौटा एक शख़्स कोरोना वायरस के एक बदले रूप से संक्रमित पाया गया. तो क्या इस तरह का वायरस भारत में भी मौजूद है?
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़ऑस्ट्रेलिया में सभी नागरिकों को मुफ़्त मिलेगी कोरोना वैक्सीन
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने मंगलवार को कहा है कि देश कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन करेगा और सभी नागरिकों को मुफ्त में ये वैक्सीन देगा.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वीडिश-ब्रितानी कंपनी एस्ट्राज़ेनिका के साथ ऑस्ट्रेलिया ने एक करार किया है जिसके तहत ऑक्सफोर्ड की बनाई वैक्सीन अब उन्हें भी मिल सकती है.
उन्होंने कहा, “फिलहाल ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन दुनिया की सबसे उन्नत और भरोसेमंद वैक्सीन है. कंपनी के साथ करार के तहत हमने अपने सभी नागरिकों के लिए अब ये वैक्सीन सुनिश्चित कर ली है.”
अगर ये वैक्सीन कारगर साबित हुई तो हम बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करेंगे और सभी 250 लाख ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों तक मुफ्त में इसे पहुंचाएंगे.
ऑक्सफोर्ड में बनाई जा रही वैक्सीन दुनिया की उन पांच वैक्सीन में से एक है जिसकी तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल के आख़िर तक इसके नतीजे भी आ जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कुछ और संभावित वैक्सीन बना रही टीमों से संपर्क कर रही है और साथ ही देश के भीतर भी वैज्ञानिकों को उनकी कोशिशों में मदद कर रही है.
हालांकि अब तक एस्ट्राज़ेनिका के साथ वैक्सीन की क़ीमत क्या होगी और देश में उसका उत्पादन कौन करेगा इसे लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.
ब्रेकिंग न्यूज़13 अन्य देशों के साथ हवाई सफ़र शुरू करने की तैयारी: हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को बताया कि ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई सफ़र शुरू करने को लेकर मंत्रालय लगातार कोशिश कर रहा है.
उन्होंने बताया कि वंदे भारत योजना के तहत अब तक अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, क़तर और मालदीव के साथ हवाई सफ़र को लेकर एयर बबल बनाया गया था.
अब मंत्रालय 13 अन्य देशों के साथ हवाई सफ़र की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहा है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, इटली, जापान, न्यूज़ीलैंड, नाइजीरिया, बहरीन, केन्या, इसराइल, फ़िलीपींस, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड शामिल हैं.
इसके अलावा पड़ोसी देशों श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल और भूटान के साथ भी एयर बबल बनाने का प्रस्ताव चल रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि इसी तरह दूसरे अन्य देशों के साथ भी हवाई सफ़र को लेकर व्यवस्था की जाएगी.
उन्होंने कहा, “कहीं भी फंसे हुए हमारे नागरिकों तक पहुंचने की पूरी कोशिश की जा रही है. कोई भी भारतीय पीछे नहीं छोड़ा जाएगा.”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का ड्राइवर पॉज़िटिव
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्राइवर कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है.
शिमला में मौजूद चीफ़ मेडिकल अधिकारी डॉक्टर सुरेखा चोपड़ा ने बताया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात 12 सुरक्षाकर्मियों का कोरोना टेस्ट भी पॉज़िटिव आया है.
कोरोना महामारी और वैक्सीन पर वियतनाम के उप प्रधानमंत्री का बयान
वियतनाम के उप प्रधानमंत्री वु डक डैम ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी देश में लंबे समय तक रहने वाली है.
उन्होंने कहा कि देश की पूरी आबादी तक कोरोना वैक्सीन पहुंचने में कम से कम एक साल का समय लगेगा.
डैम ने एक सरकारी मीटिंग में कहा, “हमें इस बीमारी के साथ रहने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.”
वियतनाम में कोराना संक्रमण का पहला मामला जनवरी में सामने आया था. फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के कुल 983 मामले सामने आए हैं और 25 लोगों की मौत हुई है.
इनमें से संक्रमण के आधे मामले पिछले महीने आए हैं.
भारत में कोरोना मृत्युदर में कमी आई: स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में कोरोना मृत्युदर में कमी आई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया, “13 अगस्त से यानी पांच दिन से जो नए मामले आ रहे हैं उनकी संख्या में थोड़ी कमी आई है. लेकिन महामारी के मद्देनज़र पांच दिन की अवधि कम वक्त है और इसे एक बेंचमार्क के तौर पर नहीं देखा जा सकता.”
“हम कह सकते हैं सरकार की कोशिशों का अच्छा नतीजा मिल रहा है लेकिन इस कारण निश्चिंत हो जाना कतई ठीक नहीं होगा.”
संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग के प्रतिनिधि वीके पॉल ने बताया कि अब सरकार देश में रोज़ाना 9 लाख तक कोरोना टेस्टिंग कर रही है जिससे काफी मदद मिल रही है. कुछ दिनों में टेस्टिंग को 10 लाख तक करने की सरकार की योजना है.
भारत में फिलहाल तीन कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा और तीनों के मामले में भारत प्रगति कर रहा है और इसे कैसे लोगों तक पहुंचाया जाए सरकार इस पर भी विचार कर रही है.
एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा वैक्सीन अभी बन रही है और ये कितनी कारगार होगी, कितने वक़्त तक सुरक्षा देगी, कितनी सुरक्षित होगी इसके बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन ये कहा जा सकता है कि हम सही राह पर हैं.
योगी सरकार के एक और मंत्री कोरोना पॉज़िटिव
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक और मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने ख़ुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
अतुल गर्ग ने कहा कि पहले उन्होंने RTPCR टेस्ट 15 अगस्त को कराया था जिसको रिपोर्ट निगेविट आई थी.
लेकिन उन्होंने सोमवार को फिर अपना टेस्ट कराया जिसमें संक्रमित होने की पुष्टि हुई.
इससे पहले योगी सरकार के आठ मंत्री संक्रमित हो चुके हैं.
उनमें से दो मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान की तो मौत हो चुकी है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे.
भारत में अब तक कोरोना के 27 लाख से अधिक मामले आ चुके हैं और क़रीब 52 हज़ार लोग अब तक कोरोना वायरस के कारण मारे जा चुके हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़अमित शाह एम्स के पोस्ट कोविड केयर में भर्ती किए गए
गृह मंत्री अमित शाह पिछले हफ़्ते जांच में कोरोना निगेटिव पाए गए तो उम्मीद की जा रही थी कि वो कोरोना से ठीक होने के बाद अब स्वस्थ्य होकर लौट आए हैं. लेकिन मंगलवार को उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया है.
अस्पताल ने अपने बयान में कहा है कि गृह मंत्री पिछले तीन चार दिनों से थकान और बदन दर्द से जूझ रहे थे. एम्स मीडिया एंड प्रोटोकॉल डिविजन की प्रमुख आरती विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''अमित शाह पिछले तीन-चार दिनों से थकान और बदन दर्द से जूझ रहे थे. वो कोरोना निगेटिव हैं. उन्हें एम्स के पोस्ट कोविड केयर में भर्ती किया गया है. वो बिल्कुल ठीक हैं और अस्पताल से ही काम कर रहे हैं.''
जाँच में कोरोना निगेटिव पाए जाने के बाद 55 साल के अमित शाह गुड़गाँव के निजी अस्पताल मेदांता से पिछले हफ़्ते डिस्चार्ज हुए थे. उन्होंने 14 अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि डॉक्टरों की सलाह पर वो अभी अपने घर पर आइसोलेशन में ही रहेंगे. एक दिन बाद 15 अगस्त को अमित शाह ने अपने आवास पर ध्वाजारोहण भी किया था.
कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ी ख़ुशख़बरी, जानिए क्या होगा असर
संक्रामक रोगों के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने कहा है कि कोरोना वायरस का म्यूटेशन के बाद अधिक संक्रामक होना 'अच्छा' हो सकता है.
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़WHO ने बताया कि सबसे ज़्यादा किनसे फैल रहा कोरोना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जताई है कि 20 से 40 साल की उम्र के तक के लोग कोरोना संक्रमण फैलाने का काम कर रहे हैं क्योंकि हो सकता है उन्हें पता न हो कि वो वायरस से संक्रमित हैं.
वेस्टर्न पैसिफ़िक में डब्ल्यूएचओ के रीज़नल डायरेक्टर ताकेशी कासाई ने एक वर्चुएल ब्रीफ़िंग में बताया कि इससे आबादी के दूसरे हिस्से को बड़ा ख़तरा है, ख़ासकर बुजुर्गों, बीमार लोगों और उन इलाकों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहद बदतर हालत में हैं.
इस महीने की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि दुनियाभर में युवाओं की एक बड़ी आबादी में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
फिलीपीन्स के बाद मेक्सिको के राष्ट्रपति रूस की वैक्सीन लगाने को तैयार
मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज़ मेनवेल लोपेज़ ओबराडोर ने कहा है कि यदि रूस की वैक्सीन प्रभावी साबित होती है तो वो इस लगवाने के लिए ख़ुद सामने आएंगे. इससे पहले फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे ने कहा था कि वो ख़ुद रूस की वैक्सीन लगाएंगे.
रूस ने दो महीने के टेस्ट के बाद ही वैक्सीन के उत्पादन को मंज़ूरी दे दी है. इस वैक्सीन की पहली खेप का उत्पादन भी कर लिया गया है.
हालांकि इतने कम समय में वैक्सीन के उत्पादन को मंज़ूरी देने को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत में चिंताएं भी ज़ाहिर की गई हैं.
कई वैज्ञानिकों ने चिंता ज़ाहिर की है कि कहीं रूस राष्ट्रीय गौरव को सुरक्षा की तुलना में प्राथमिकता तो नहीं दे रहा है.
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि सिर्फ़ 10 प्रतिशत क्लिनिकल ट्रायल ही कामयाब रहते हैं.
अपनी रोज़ाना प्रेसवार्ता में लोपेज़ ओबराडार ने वैक्सीन के बारे में कहा है, 'मैं सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहूंगा.'
इसी बीच दुनियाभर के देशों में वैक्सीन बनाने की रेस जारी है.
मेक्सिको और अर्जेंटीना की सरकार ने दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राज़ेनेका के साथ वैक्सीन के उत्पादन के लिए क़रार किया है.
मेक्सिको के उप विदेश मंत्री का कहना है कि यदि तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल कामयाब साबित होता है तो उनके देश को 20 करोड़ डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी.
वैक्सीन की पहली खेप अगले साल अप्रैल तक उपलब्ध हो सकती है. मेक्सिको में अब तक 522162 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. सरकारी डाटा के मुताबिक देश मों कोरोना वायरस की वजह से 56577 मौतें भी हुई हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़कमज़ोर होते डॉलर से तेल ख़रीदने वाले ख़ुश
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर के कमज़ोर होने की वजह से कच्चा तेल ख़रीदने वाले देशों को तेल सस्ता मिल रहा है. अमरीका के एनर्जी इन्फ़र्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी ईआए ने ये जानकारी शुक्रवार को दी है.
कच्चे तेल का कारोबार अमरीकी डॉलर में ही होता है, इस वजह से उन देशों को ये तेल सस्ता पड़ रहा है जिनकी मुद्रा डॉलर के मुक़ाबले मज़बूत हुई है. यूरोज़ोन के देश भी इसमें शामिल हैं. इनमें कई देश ऐसे हैं जो कच्चा तेल आयात करते हैं. एक जून से 12 अगस्त के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में 19 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
लेकिन ईआईए के अनुमान के मुताबिक़ डॉलर के मुक़ाबले यूरो की क़ीमत बढ़ने की वजह से यूरो में ये बढ़ोतरी 12 फ़ीसदी ही हुई है. बीते कुछ महीनों से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम और डॉलर के दाम विरोधी दिशाओं में बढ़ रहे हैं.
जहां ब्रेंट क्रूड ऑयल महंगा हो रहा है वहीं वैश्विक मुद्राओं के मुक़ाबले डॉलर कमज़ोर पड़ रहा है. हाल के सप्ताह में महामारी के असर की वजह से क्रूड ऑयल की वैश्विक मांग कम होने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन कमज़ोर हो रहे डॉलर ने तेल के दामों का समर्थन ही किया है.
कमज़ोर अमरीकी डॉलर का मतलब ये है कि तेल ख़रीदने वाले देशों को तेल सस्ता पड़ रहा है. इस सप्ताह ईआईए की सूची रिपोर्ट के मुताबिक 7 अगस्त तक के सप्ताह में 45 लाख बैरल क्रूड ऑयल निकाला गया है. वहीं सात लाख बैरल गैसोलीन और 23 लाख बैरल डिस्टिलेट फ्यूल सूची से कम हुआ है.
इससे तेल के दामों को बढ़त मिली है. तेल की इस कमी से तेल के दाम कुछ ऊंचे हुए थे लेकिन इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी और ओपेक ने इस साल के लिए तेल की खपत के अपने अनुमान को कम कर दिया है और स्वीकार किया है कि कोविड 19 महामारी पर वैश्विक असर अनुमान से कहीं ज़्यादा होगा.
जल्द शुरू होगा रूस की वैक्सीन का तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल
बीते सप्ताह कोरोना संक्रमण की वैक्सीन को अनुमति देने वाले रूस ने अपनी वैक्सीन स्पुतनिक-5 का एक वीडियो जारी किया है. रूस का दावा है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस को ख़त्म कर देगी.
हालांकि वैज्ञानिकों ने रूस के दावों पर चिंता जाहिर की है. रशियन डायरेक्ट इवेस्टमेंट फंड की ओर से जारी 38 सेकंड के वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे वैक्सीन स्पुतनिक-5 परिदृश्य में आती है और कोरोना संक्रमण को ख़त्म कर देती है.
स्पुतनिक न्यूज़ के मुताबिक वैक्सीन के उत्पादन का एक वीडियो भी जारी किया गया है. बीते सप्ताह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया था कि रूस के रक्षा मंत्रालय और गामेलया इंस्टीट्यूट की ये वैक्सीन खासी प्रभावी है और कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करती है.
रूस की तास न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक वैक्सीन का फ़ेज़ थ्री ह्यूमन ट्रायल अगले सात से दस दिनों के भीतर शुरू हो सकता है. रुस के मास्को क्षेत्र में होने वाले इस ट्रायल में दसियों हज़ार लोग हिस्सा लेंगे.
वैक्सीन का फ़ेज़-1 और फ़ेज़-2 ट्रायल बहुत तेज़ गति से हुआ है और इस प्रक्रिया को दो महीने के भीतर ही पूरा कर लिया गया है. सरकार ने वैक्सीन को मंज़ूरी फ़ेज़-3 ट्रायल शुरू होने से पहले ही दे दी थी.