बीबीसी हिंदी के लाइव पेज के साथ बने रहने के लिए आपका शुक्रिया. अब यह लाइव पेज यहीं ख़त्म हो रहा है. शनिवार के ताज़े अपडेट और ख़बरों के लिए आपयहाँ क्लिक कर सकते हैं.
फ़ाइज़र वैक्सीन की सप्लाई में कमी से यूरोप के देश नाराज़
यूरोपीय यूनियन के कई देशों को फ़ाइज़र की कोरोना वैक्सीन उस मात्रा में नहीं मिल पा रही जितनी की उन्हें उम्मीद थी.
कारण यह है कि अमरीकी कंपनी ने यूरोप जाने वाली वैक्सीन की शिपमेंट को धीमा कर दिया है.
ईयू के छह देशों ने कहा है कि हालात अस्वीकार्य हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे टीकाकरण की प्रक्रिया की विश्वसनीयता कम होती है.
स्वीडन, डेनमार्क, फ़िनलैंड, लिथूआनिया, लैटविया और स्टोनिया ने ईयू से कहा है कि वो फ़ाइज़र-बायो एनटेक कंपनी पर दबाव डालें.
फ़ाइज़र का कहना है कि वैक्सीन का कम मात्रा में मिलना केवल वक़्ती मुद्दा है.
शुक्रवार को कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, जनवरी और फ़रवरी के शुरुआती दिनों में वैक्सीन सप्लाई प्रभावित होगी लेकिन फ़रवरी के आख़िर और मार्च के शुरू में मरीजों के लिए वैक्सीनों की सप्लाई काफ़ी बढ़ जाएगी.
ईयू ने अमरीका की ही एक और कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन को भी मंज़ूरी दे दी है लेकिन इसके बावजूद वैक्सीन सप्लाई में कमी के कारण यूरोप के देशों में टीकाकरण अभियान में कमी ज़रूर आ जाएगी.
टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय पार्टी में बनीं रहेंगी
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद शताब्दी रॉय ने कहा है कि वो पार्टी में बनीं रहेंगी.
एक दिन पहले इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि वो टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकती हैं.
लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, "मैं टीएमसी में रहूंगी, जिन्हें पार्टी में दिक़्क़त होती है उन्हें उसे उठाना चाहिए."
उन्होंने एक फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए पार्टी से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी. उन्होंने लिखा था, "लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं पार्टी के अलग-अलग कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखाई दे रही हूं. मुझे अपने लोगों के साथ रहना पसंद है, लेकिन कई लोग नहीं चाहते कि मैं आप सबके साथ रहूं. अक्सर मुझे पार्टी कार्यक्रमों के बारे में सूचित नहीं किया जाता है, तो अब मैं क्या कर सकती हूं."
इसी पोस्ट के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अफ़वाह उड़ने लगी.
लेकिन शुक्रवार को टीएमसी के कई नेताओं ने उनसे मुलाक़ात की और उन्हें मना लिया.
वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी शर्तों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ाई
Getty ImagesCopyright: Getty Images
वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी शर्तों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है. पहले वाट्सऐप ने कहा था कि आठ फ़रवरी तक जो लोग भी नई प्राइवेसी नियमों को नहीं स्वीकार करेंगे वो उसकी सेवा नहीं ले सकेंगे.
लेकिन अब कंपनी का कहना है कि यूज़र्स को 15 मई तक का समय दिया गया है.
वाट्सऐप ने जब नई शर्तों से संबंधित नोटिफ़िकेशन भेजना शुरू किया तो दुनिया भर में इसकी आलोचना हुई.
इस समय दुनिया भर में क़रीब दो अरब लोग वाट्सऐप यूज़ करते हैं.
प्राइवेसी नियमों में बदलाव का मतलब था कि वाट्सऐप अपनी पेरेंट कंपनी फ़ेसबुक को कौन-कौन सा डेटा शेयर करेगा.
दुनिया भर में इसको हो रही आलोचना के बाद वाट्सऐप ने कहा था कि उसके नोटिफ़िकेशन को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है.
वाट्सऐप के इस नोटिफ़िकेशन के बाद बहुत सारे लोगों ने सिगनल और टेलिग्राम जैसे दूसरे मैसेजिंग ऐप्स डाउनलोड करना शुरू कर दिया था.
वाट्सऐप ने कहा था कि वो अपने यूज़र्स का जो डेटा फ़ेसबुक के साथ शेयर करेगा वह कोई नई बात नहीं है और उसके पहले के नियमों में कोई परिवर्तन नहीं होने जा रहा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कमल मोरारका का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री और उद्योगपति कमल मोरारका का शुक्रवार शाम निधन हो गया. 74 साल के मोरारका
लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
मोरारका जनता दल (सेक्यूलर) के टिकट पर 1988 से 1994 तक राज्यसभा के सदस्य रहे थे.
मोरारका इसी दौरान 90-91 में चंद्रशेखर की सरकार में केंद्र में मंत्री बने थे.
मोरारका का जन्म 1946 में राजस्थान के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था.
वह एक जानेमाने कारोबारी थी. साल 2012 से वो समाजवादी जनता पार्टी के अध्यक्ष भी थे.
मोरारका राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रहे थे.
कोरोना से दुनिया भर में मरने वालों की तादाद 20 लाख के पार
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कोरोना से 20 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका में सबसे ज़्यादा तीन लाख 90 हज़ार लोग कोरोना के शिकार हुए हैं. उसके बाद ब्राज़ील में क़रीब दो लाख और भारत में क़रीब डेढ़ लाख लोग अब तक कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
दुनिया भर में नौ करोड़ तीस लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए हैं.
दिल्ली सरकार के सभी दफ़्तर 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली सरकार ने फ़ैसला किया है कि उसके अंतर्गत आने वाले सभी दफ़्तर, स्वायत्त बॉडी, पीएसयूज़, कॉरपोरेशन और स्थानीय निकाय अब अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे.
कोरोना के कारण कई दफ़्तरों में लोगों को घर से काम करने की आज़ादी थी और दफ़्तर में पूरे लोग नहीं आते थे.
लेकिन अब देश भर में और दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया है कि पिछले आठ महीनों में कोरोना के सबसे कम मामले दिल्ली में आए हैं. उनके अनुसार पॉज़िटीविटी रेट भी सबसे कम 0.44 प्रतिशत हो गई है.
उत्तर कोरिया ने अपने 'सबसे शक्तिशाली हथियार' से पर्दा उठाया
KCNACopyright: KCNA
उत्तर कोरिया ने अब एक नये किस्म की बैलिस्टिक मिसाइल से
पर्दा उठाया है, जिसे वहाँ का सरकारी मीडिया ‘दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार’ बता रहा है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, उत्तर
कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन के सामने हुई एक परेड में इस बैलिस्टिक
मिसाइल का अनावरण किया गया जिसे पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है.
उत्तर कोरिया ने यह कथित शक्ति
प्रदर्शन अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण से पहले किया
है.
ख़बरों के अनुसार, इस परेड के बाद
एक राजनीतिक बैठक भी हुई जिसमें किम जोंग-उन ने अमेरिका को ‘देश का सबसे बड़ा दुश्मन’ बताया.
KCNACopyright: KCNA
उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी ने जो तस्वीरें जारी की हैं, उनमें ब्लैंक एंड व्हाइट रंग की चार बड़ी मिसाइलें देखी जा सकती हैं.
इन तस्वीरों के आधार पर कई विश्लेषक ये कह रहे हैं कि ‘ऐसी मिसाइलें इससे पहले नहीं देखी गईं.'
उत्तर कोरिया की समझ रखने वाले विशेषज्ञ अंकित पांडा ने ट्विटर पर इस बैलिस्टिक मिसाइल का नाम लिखा है, “नया साल, नई पुकगुकसॉन्ग.”
पिछले साल अक्तूबर में उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम नामक बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी. उस मिसाइल को इससे भी बड़ी परेड में पेश किया गया था.
आईसीबीएम का आकार देखकर दुनिया के कई नामी जानकार चकरा गये थे. उत्तर कोरिया की वो मिसाइल अमेरिका के किसी भी हिस्से में परमाणु हमला कर सकती है.
उत्तर कोरिया ने हथियारों का यह ताज़ा प्रदर्शन सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी के कार्यकाल के पाँच साल पूरे होने पर की.
बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने पटना में एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए अपना
आपा खो दिया. पत्रकार ने इंडिगो एयरलाइंस के एक कर्मचारी की हत्या को लेकर सवाल किया
था और राज्य में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के बारे में पूछा था.
नीतीश कुमार ने इस सवाल पर
भड़कते हुए मीडिया को ही ‘केस का समाधान’ निकाल लेने को कहा. इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों से पूछा
कि आप किसका ‘समर्थन’ कर रहे हैं.
उन्होंने भड़कते हुए कहा
कि ''पति-पत्नी की सरकार में 15 साल क्या होता रहा, उसे आप लोग हाईलाइट कीजिए''.
नाराज दिख रहे नीतीश
कुमार ने पत्रकार के सवाल पर भड़कते हुए कहा, “जरा दूसरे राज्यों में भी
चले जाइए. आप इतने महान व्यक्ति हैं और आप किसके समर्थक है, मैं आपको डायरेक्ट पूछ
रहा हूँ. जिनको 15 साल तक राज मिला, पति-पत्नी के राज में इतना अपराध होता रहा, आप
उसको क्यों नहीं हाईलाइट करते?”
इस घटना पर प्रतिक्रिया
देते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
ने हाथ उठा अपराधियों के सामने किया सरेंडर और कहा कोई नहीं रोक सकता अपराध. हड़प्पा काल में
भी होते थे अपराध. जरा तुलना कर लीजिए.''
तेजस्वी यादव ने नीतीश
कुमार पर हमला बोलते हुए आगे लिखा है कि ''उल्टा पत्रकार से पूछ रहे हैं क्या आपको
पता है कौन है अपराधी और वो क्यों करते हैं अपराध?''
इंडिगो एयरलाइंस के
एग्जिक्यूटिव 38 साल के रुपेश कुमार सिंह की अज्ञात बंदूकधारियों ने मंगलवार को
पटना में उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी. बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए
विशेष जांच दल का गठन किया है.
किसानों की शंकाओं का समाधान करने की कोशिश: नरेंद्र सिंह तोमर
ANICopyright: ANI
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौंवें दौर की बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि ''किसान यूनियन के साथ वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई, लेकिन बातचीत किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई. दोबारा चर्चा 19 जनवरी को होगी. आशा है कि यूनियन आज की चर्चा को आगे बढ़ाएंगे.''
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''हमने किसान यूनियन से कहा है कि अपने बीच में अनौपचारिक समूह बना लें, जो ठीक से क़ानूनों पर चर्चा कर एक मसौदा बनाकर सरकार को दे. हम उस पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार हैं.''
उन्होंने कहा, ''किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता में तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई. आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई. उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई. यूनियन और सरकार ने तय किया की 19 जनवरी को 12 बजे फिर से चर्चा होगी.''
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के प्रति हम सभी की प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारत सरकार स्वागत करती है.''
दिल्ली के विज्ञान भवन के बाहर मौजूद बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा ने किसान नेताओं से बातचीत की.
किसान नेताओं का कहना था कि ''सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है, ताकि आंदोलन लंबा चले और टूट जाए. अगली बैठक 19 जनवरी को तय की गई है. सरकार की ओर से बात करने के लिए छोटी कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया जा रहा है. सरकार हमारा और अपना दोनों का वक्त खराब कर रही है सरकार की नीयत साफ़ नहीं है.''
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि ''इस नौवीं बैठक में कुछ भी नया नहीं रखा गया. हर बैठक में वहीं पुराने मुद्दे रहे हैं और इसमें भी थे. हमारे दो प्रमुख मुद्दे हैं कि तीनों क़ानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी सुनिश्चित किया जाए. सरकार तीनों क़ानूनों को रद्द करने की मांग के बजाए दूसरा विकल्प देने की बात करती है.''
उन्होंने कहा, ''सरकार कहती है कि छोटी कमेटियों में हम बैठक करते हैं जिसमें हम भी कम संख्या में होंगे और आप भी कम संख्या में होंगे. उस बैठक के अंदर कोई मिनट्स नहीं लिखे जाएंगे और जो कुछ भी कॉमन होगा उसे आगे बड़ी बैठक में रख देंगे.''
शुक्रवार को प्रदर्शकारी किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली में नौंवे दौर की बातचीत बिना किसी ठोस नतीजे के ख़त्म हुई.
किसान नेताओं का कहना है कि अगले दौर की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी और तब तक धरना-प्रदर्शन पहले की तरह जारी रहेगा.
प्रदर्शनकारी किसान चाहते हैं कि सरकार तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार ने क़ानूनों को वापस लेने से इंकार किया है.
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार पुरानी बातों को दोहरा रही है, जबकि उनकी मुख्य मांग इन क़ानूनों को ख़त्म करने की है.
लाइव रिपोर्टिंग
time_stated_uk
कोरोना वैक्सीन लेने के लिए क्या अब भी ज़रूरी है कोविन (Co-Win) ऐप पर पंजीयन?
21 जून, 2021 से भारत में नई वैक्सीन पॉलिसी लागू, नई पॉलिसी के पहले ही दिन पूरे देश में 80 लाख से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई.
और पढ़ेंविवेचना: इस तरह दी गई थी भगत सिंह को फांसी
फांसी के फंदे पर चढ़ने से पहले कैसे बीते भगत सिंह की ज़िंदगी के आख़िरी 12 घंटे
और पढ़ेंPost update
बीबीसी हिंदी के लाइव पेज के साथ बने रहने के लिए आपका शुक्रिया. अब यह लाइव पेज यहीं ख़त्म हो रहा है. शनिवार के ताज़े अपडेट और ख़बरों के लिए आपयहाँ क्लिक कर सकते हैं.
फ़ाइज़र वैक्सीन की सप्लाई में कमी से यूरोप के देश नाराज़
यूरोपीय यूनियन के कई देशों को फ़ाइज़र की कोरोना वैक्सीन उस मात्रा में नहीं मिल पा रही जितनी की उन्हें उम्मीद थी.
कारण यह है कि अमरीकी कंपनी ने यूरोप जाने वाली वैक्सीन की शिपमेंट को धीमा कर दिया है.
ईयू के छह देशों ने कहा है कि हालात अस्वीकार्य हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे टीकाकरण की प्रक्रिया की विश्वसनीयता कम होती है.
स्वीडन, डेनमार्क, फ़िनलैंड, लिथूआनिया, लैटविया और स्टोनिया ने ईयू से कहा है कि वो फ़ाइज़र-बायो एनटेक कंपनी पर दबाव डालें.
फ़ाइज़र का कहना है कि वैक्सीन का कम मात्रा में मिलना केवल वक़्ती मुद्दा है.
शुक्रवार को कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, जनवरी और फ़रवरी के शुरुआती दिनों में वैक्सीन सप्लाई प्रभावित होगी लेकिन फ़रवरी के आख़िर और मार्च के शुरू में मरीजों के लिए वैक्सीनों की सप्लाई काफ़ी बढ़ जाएगी.
ईयू ने अमरीका की ही एक और कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन को भी मंज़ूरी दे दी है लेकिन इसके बावजूद वैक्सीन सप्लाई में कमी के कारण यूरोप के देशों में टीकाकरण अभियान में कमी ज़रूर आ जाएगी.
टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय पार्टी में बनीं रहेंगी
तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद शताब्दी रॉय ने कहा है कि वो पार्टी में बनीं रहेंगी.
एक दिन पहले इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि वो टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकती हैं.
लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, "मैं टीएमसी में रहूंगी, जिन्हें पार्टी में दिक़्क़त होती है उन्हें उसे उठाना चाहिए."
उन्होंने एक फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए पार्टी से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी. उन्होंने लिखा था, "लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं पार्टी के अलग-अलग कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखाई दे रही हूं. मुझे अपने लोगों के साथ रहना पसंद है, लेकिन कई लोग नहीं चाहते कि मैं आप सबके साथ रहूं. अक्सर मुझे पार्टी कार्यक्रमों के बारे में सूचित नहीं किया जाता है, तो अब मैं क्या कर सकती हूं."
इसी पोस्ट के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अफ़वाह उड़ने लगी.
लेकिन शुक्रवार को टीएमसी के कई नेताओं ने उनसे मुलाक़ात की और उन्हें मना लिया.
वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी शर्तों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ाई
वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी शर्तों को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है. पहले वाट्सऐप ने कहा था कि आठ फ़रवरी तक जो लोग भी नई प्राइवेसी नियमों को नहीं स्वीकार करेंगे वो उसकी सेवा नहीं ले सकेंगे.
लेकिन अब कंपनी का कहना है कि यूज़र्स को 15 मई तक का समय दिया गया है.
वाट्सऐप ने जब नई शर्तों से संबंधित नोटिफ़िकेशन भेजना शुरू किया तो दुनिया भर में इसकी आलोचना हुई.
इस समय दुनिया भर में क़रीब दो अरब लोग वाट्सऐप यूज़ करते हैं.
प्राइवेसी नियमों में बदलाव का मतलब था कि वाट्सऐप अपनी पेरेंट कंपनी फ़ेसबुक को कौन-कौन सा डेटा शेयर करेगा.
दुनिया भर में इसको हो रही आलोचना के बाद वाट्सऐप ने कहा था कि उसके नोटिफ़िकेशन को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है.
वाट्सऐप के इस नोटिफ़िकेशन के बाद बहुत सारे लोगों ने सिगनल और टेलिग्राम जैसे दूसरे मैसेजिंग ऐप्स डाउनलोड करना शुरू कर दिया था.
वाट्सऐप ने कहा था कि वो अपने यूज़र्स का जो डेटा फ़ेसबुक के साथ शेयर करेगा वह कोई नई बात नहीं है और उसके पहले के नियमों में कोई परिवर्तन नहीं होने जा रहा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कमल मोरारका का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री और उद्योगपति कमल मोरारका का शुक्रवार शाम निधन हो गया. 74 साल के मोरारका
लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
मोरारका जनता दल (सेक्यूलर) के टिकट पर 1988 से 1994 तक राज्यसभा के सदस्य रहे थे.
मोरारका इसी दौरान 90-91 में चंद्रशेखर की सरकार में केंद्र में मंत्री बने थे.
मोरारका का जन्म 1946 में राजस्थान के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था.
वह एक जानेमाने कारोबारी थी. साल 2012 से वो समाजवादी जनता पार्टी के अध्यक्ष भी थे.
मोरारका राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी रहे थे.
कोरोना से दुनिया भर में मरने वालों की तादाद 20 लाख के पार
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कोरोना से 20 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका में सबसे ज़्यादा तीन लाख 90 हज़ार लोग कोरोना के शिकार हुए हैं. उसके बाद ब्राज़ील में क़रीब दो लाख और भारत में क़रीब डेढ़ लाख लोग अब तक कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
दुनिया भर में नौ करोड़ तीस लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हुए हैं.
दिल्ली सरकार के सभी दफ़्तर 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली सरकार ने फ़ैसला किया है कि उसके अंतर्गत आने वाले सभी दफ़्तर, स्वायत्त बॉडी, पीएसयूज़, कॉरपोरेशन और स्थानीय निकाय अब अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे.
कोरोना के कारण कई दफ़्तरों में लोगों को घर से काम करने की आज़ादी थी और दफ़्तर में पूरे लोग नहीं आते थे.
लेकिन अब देश भर में और दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया है कि पिछले आठ महीनों में कोरोना के सबसे कम मामले दिल्ली में आए हैं. उनके अनुसार पॉज़िटीविटी रेट भी सबसे कम 0.44 प्रतिशत हो गई है.
उत्तर कोरिया ने अपने 'सबसे शक्तिशाली हथियार' से पर्दा उठाया
उत्तर कोरिया ने अब एक नये किस्म की बैलिस्टिक मिसाइल से पर्दा उठाया है, जिसे वहाँ का सरकारी मीडिया ‘दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार’ बता रहा है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन के सामने हुई एक परेड में इस बैलिस्टिक मिसाइल का अनावरण किया गया जिसे पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है.
उत्तर कोरिया ने यह कथित शक्ति प्रदर्शन अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण से पहले किया है.
ख़बरों के अनुसार, इस परेड के बाद एक राजनीतिक बैठक भी हुई जिसमें किम जोंग-उन ने अमेरिका को ‘देश का सबसे बड़ा दुश्मन’ बताया.
उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी ने जो तस्वीरें जारी की हैं, उनमें ब्लैंक एंड व्हाइट रंग की चार बड़ी मिसाइलें देखी जा सकती हैं.
इन तस्वीरों के आधार पर कई विश्लेषक ये कह रहे हैं कि ‘ऐसी मिसाइलें इससे पहले नहीं देखी गईं.'
उत्तर कोरिया की समझ रखने वाले विशेषज्ञ अंकित पांडा ने ट्विटर पर इस बैलिस्टिक मिसाइल का नाम लिखा है, “नया साल, नई पुकगुकसॉन्ग.”
पिछले साल अक्तूबर में उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम नामक बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी. उस मिसाइल को इससे भी बड़ी परेड में पेश किया गया था.
आईसीबीएम का आकार देखकर दुनिया के कई नामी जानकार चकरा गये थे. उत्तर कोरिया की वो मिसाइल अमेरिका के किसी भी हिस्से में परमाणु हमला कर सकती है.
उत्तर कोरिया ने हथियारों का यह ताज़ा प्रदर्शन सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी के कार्यकाल के पाँच साल पूरे होने पर की.
पाकिस्तानी जेएफ़ 17 और भारतीय तेजस, कौन सा लड़ाकू विमान है ज़्यादा ख़तरनाक
सलमान रावी
बीबीसी संवाददाता
दोनों ही विमान यानी तेजस और जेएफ़-17 लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं.
और पढ़ेंपत्रकार के सवाल पर नीतीश कुमार ने आपा खोया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए अपना आपा खो दिया. पत्रकार ने इंडिगो एयरलाइंस के एक कर्मचारी की हत्या को लेकर सवाल किया था और राज्य में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के बारे में पूछा था.
नीतीश कुमार ने इस सवाल पर भड़कते हुए मीडिया को ही ‘केस का समाधान’ निकाल लेने को कहा. इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों से पूछा कि आप किसका ‘समर्थन’ कर रहे हैं.
उन्होंने भड़कते हुए कहा कि ''पति-पत्नी की सरकार में 15 साल क्या होता रहा, उसे आप लोग हाईलाइट कीजिए''.
नाराज दिख रहे नीतीश कुमार ने पत्रकार के सवाल पर भड़कते हुए कहा, “जरा दूसरे राज्यों में भी चले जाइए. आप इतने महान व्यक्ति हैं और आप किसके समर्थक है, मैं आपको डायरेक्ट पूछ रहा हूँ. जिनको 15 साल तक राज मिला, पति-पत्नी के राज में इतना अपराध होता रहा, आप उसको क्यों नहीं हाईलाइट करते?”
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ उठा अपराधियों के सामने किया सरेंडर और कहा कोई नहीं रोक सकता अपराध. हड़प्पा काल में भी होते थे अपराध. जरा तुलना कर लीजिए.''
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए आगे लिखा है कि ''उल्टा पत्रकार से पूछ रहे हैं क्या आपको पता है कौन है अपराधी और वो क्यों करते हैं अपराध?''
इंडिगो एयरलाइंस के एग्जिक्यूटिव 38 साल के रुपेश कुमार सिंह की अज्ञात बंदूकधारियों ने मंगलवार को पटना में उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी. बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है.
वो अमेरिकी राष्ट्रपति जिन पर महाभियोग शुरू हुआ, लेकिन आगे क्या हुआ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ दोबारा महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन इससे पहले भी कई राष्ट्रपति इसका सामना कर चुके हैं.
और पढ़ेंदिनभर: बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन सुनिए
ट्रंप, बाइडन और अमेरिका के लिए क्या है महाभियोग का मतलब
एंथनी ज़र्चर
उत्तरी अमेरिका संवाददाता, बीबीसी न्यूज़
अमेरिका के 231 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति पर उनके कार्यकाल में दोबारा महाभियोग शुरू हुआ हो.
और पढ़ेंडोनाल्ड ट्रंप ने जाते-जाते चीन को दिया एक और झटका
Video content
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले 20 जनवरी को सत्ता से विदा हो रहे हैं लेकिन जाते-जाते चीन को लेकर आक्रामकता में कोई कमी नहीं दिखा रहे.
भारत के पास सुरक्षा परिषद की तीन कमेटियों की अध्यक्षता, पाकिस्तान के लिए इसका क्या मतलब?
सहर बलोच
बीबीसी उर्दू, इस्लामाबाद
जिन तीन कमेटियों की अध्यक्षता भारत को मिली है, उनमें तालिबान सेंक्शन, काउंटर टेररिज़्म और लीबिया सेंक्शन कमेटी शामिल हैं.
और पढ़ेंकिसानों की शंकाओं का समाधान करने की कोशिश: नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ नौंवें दौर की बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि ''किसान यूनियन के साथ वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई, लेकिन बातचीत किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई. दोबारा चर्चा 19 जनवरी को होगी. आशा है कि यूनियन आज की चर्चा को आगे बढ़ाएंगे.''
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''हमने किसान यूनियन से कहा है कि अपने बीच में अनौपचारिक समूह बना लें, जो ठीक से क़ानूनों पर चर्चा कर एक मसौदा बनाकर सरकार को दे. हम उस पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार हैं.''
उन्होंने कहा, ''किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता में तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई. आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई. उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई. यूनियन और सरकार ने तय किया की 19 जनवरी को 12 बजे फिर से चर्चा होगी.''
एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के प्रति हम सभी की प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारत सरकार स्वागत करती है.''
दिल्ली के विज्ञान भवन के बाहर मौजूद बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा ने किसान नेताओं से बातचीत की.
किसान नेताओं का कहना था कि ''सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है, ताकि आंदोलन लंबा चले और टूट जाए. अगली बैठक 19 जनवरी को तय की गई है. सरकार की ओर से बात करने के लिए छोटी कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया जा रहा है. सरकार हमारा और अपना दोनों का वक्त खराब कर रही है सरकार की नीयत साफ़ नहीं है.''
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि ''इस नौवीं बैठक में कुछ भी नया नहीं रखा गया. हर बैठक में वहीं पुराने मुद्दे रहे हैं और इसमें भी थे. हमारे दो प्रमुख मुद्दे हैं कि तीनों क़ानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी सुनिश्चित किया जाए. सरकार तीनों क़ानूनों को रद्द करने की मांग के बजाए दूसरा विकल्प देने की बात करती है.''
उन्होंने कहा, ''सरकार कहती है कि छोटी कमेटियों में हम बैठक करते हैं जिसमें हम भी कम संख्या में होंगे और आप भी कम संख्या में होंगे. उस बैठक के अंदर कोई मिनट्स नहीं लिखे जाएंगे और जो कुछ भी कॉमन होगा उसे आगे बड़ी बैठक में रख देंगे.''
शुक्रवार को प्रदर्शकारी किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली में नौंवे दौर की बातचीत बिना किसी ठोस नतीजे के ख़त्म हुई.
किसान नेताओं का कहना है कि अगले दौर की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी और तब तक धरना-प्रदर्शन पहले की तरह जारी रहेगा.
प्रदर्शनकारी किसान चाहते हैं कि सरकार तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार ने क़ानूनों को वापस लेने से इंकार किया है.
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार पुरानी बातों को दोहरा रही है, जबकि उनकी मुख्य मांग इन क़ानूनों को ख़त्म करने की है.
किसान नेताओं और सरकार की बैठक में क्या कुछ हुआ ?
किसान आंदोलन: नौंवें दौर की बातचीत में भी नहीं बनी बात
प्रदर्शकारी किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली में नौंवे दौर की बातचीत बिना किसी ठोस नतीजे के ख़त्म हो गई है.
बातचीत के बाद किसान नेताओं ने संवाददाताओं से कहा कि अगले दौर की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी और तब तक धरना-प्रदर्शन पहले की तरह जारी रहेगा.
प्रदर्शनकारी किसान चाहते हैं कि सरकार तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस ले, लेकिन सरकार ने क़ानूनों को वापस लेने से इंकार किया है.
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार पुरानी बातों को दोहरा रही है, जबकि उनकी मुख्य मांग इन क़ानूनों को ख़त्म करने की है.