जासूसी के काल्पनिक किरदार जेम्स बॉन्ड की बहुप्रतीक्षित 25वीं फ़िल्म 'नो टाइम टू डाई' पर्दे पर आई है. बॉन्ड पर्दे पर एमआई6 के जासूस का किरदार निभाते हैं. क्या वास्तविक जीवन में भी ब्रिटेन के जासूसों का जीवन इतना ही रोमांचक होता है, बता रहे हैं एमआई6 के कुछ पूर्व जासूस.
लाइव रिपोर्टिंग
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शरिया क़ानून के बारे में क्या सोचती हैं पाँच इस्लामी देशों की ये महिलाएं
स्वामीनाथन नटराजन
बीबीसी वर्ल्ड सर्विस
दुनिया के कई देशों में शरिया क़ानून लागू है. इसका आम लोगों के जीवन पर कैसा असर होता है, पांच महिलाओं ने बीबीसी को अपने अनुभव बताए.
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तालिबान ने काबुल की दीवारों पर लिखवाया क़तर समझौता
इक़बाल अहमद
बीबीसी संवाददाता
तालिबान के नेताओं की दोहा में पाकिस्तानी राजदूत से मुलाक़ात, इमरान ख़ान और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के बीच बातचीत, साथ में पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों की अन्य अहम सुर्खियां.
और पढ़ेंसैयद अली शाह गिलानी के बेटों का आरोप, पुलिस ने ज़बरदस्ती किया अंतिम संस्कार
रियाज़ मसरूर
बीबीसी संवाददाता, श्रीनगर से
पुलिस ने किया आरोपों से इनकार, शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर मुकदमा दायर, पाक पीएम इमरान ने दिया बयान
और पढ़ेंतालिबान के डर से इन नियमों को मानने पर मजबूर हो रही महिलाएं
रजनी वैद्यनाथन
दक्षिण एशिया संवाददाता
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से आख़िरी विदेशी सैनिक को गए हफ़्ता बीतने जा रहा है. उनके चले जाने के बाद पीछे छूट गए लोगों की ज़िंदगी कैसी बीत रही है?
और पढ़ेंओवल में कैसे 'लॉर्ड' बने शार्दुल ठाकुर और क्यों ट्रोल हुए रहाणे?
ओवल टेस्ट के चौथे दिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने दिखाया दम. इंग्लैंड को जीत के लिए भारत ने दी है 368 रन की चुनौती
और पढ़ेंतालिबान पर महिला पुलिसकर्मी की बर्बर हत्या का आरोप, बात करने से डर रहे हैं लोग
तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के एक शहर में एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर दी है. महिला के रिश्तेदारों ने बीबीसी को ये जानकारी दी.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक महिला का नाम बानू नेगर था और उन्हे घोर ज़िले के फ़िरोज़कोह शहर में उनके घर पर परिवार के सामने मार दिया गया.
हत्या की ये घटना पिछले दिनों में अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा की ख़बरों के बीच हुई है.
बीबीसी ने तालिबान के अधिकारियों से घटना से जुड़े सवाल पूछे हैं. परिवार का कहना है कि स्थानीय तालिबान ने जांच की बात कही है.
वारदात की सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है क्योंकि फ़िरोज़कोह में कई लोगों इस बारे में बात करने से डर रहे हैं.
परिवार वालों ने कुछ वीभत्स तस्वीरें भेजी हैं जिनमें दीवारों पर ख़ून दिख रहा है और कोने में एक लाश पड़ी है जिसका चेहरा विकृत है.
गर्भवती थीं पुलिसकर्मी
एक ख़बर के मुताबिक स्थानीय जेल में काम करने वालीं नेगर आठ महीने गर्भवती थीं. एक चश्मदीद ने बताया कि वहां मौजूद तालिबान लड़ाके अरबी में बातें कर रहे थे.
अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने साथ ही तालिबान ने खुद को सहिष्णु पेश करने की कोशिश की है लेकिन हिंसा और दमन के घटनाओं की ख़बरें देश के कई इलाकों से अभी भी आ रही हैं.
मानवाधिकार समूहों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की प्रतिशोध हत्याओं, नजरबंदी और उत्पीड़न के कई मामले दर्ज किए हैं.
तालिबान ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वह पूर्व सरकार के लिए काम करने वालों के खिलाफ कार्यवाई नहीं करेगा.
तालिबान अधिकारियों ने शनिवार को काबुल में दर्जनों महिलाओं द्वारा किए गए प्रदर्शन पर भी कार्यवाई की.
महिलाएं पिछली सरकार में दिए गए अधिकारों को जारी रखने की मांग कर रही थीं.
प्रदर्शकारियों ने बताया कि उनपर आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया जब वो एक ब्रिज से राष्ट्रपति भवन की ओर जा रही थीं.
अमित शाह बोले, लोकतंत्र में सबसे बड़ा योगदान बीट कॉन्स्टेबल का है
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को वॉशिंगटन में कहा कि तालिबान का रुख़ अभी तक 'भरोसा पैदा करने वाला' और 'उचित' रहा है.
और पढ़ेंआईएसआई प्रमुख काबुल क्यों गए?
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पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी के प्रमुख काबुल पहुँचे हैं और उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से उम्मीदवार, 30 सितंबर को वोटिंग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. तृणमूल कांग्रेस ने आज इसकी जानकारी दी है.
पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को भवानीपुर समेत तीन सीटों पर उपचुनाव होने हैं. वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को की जाएगी.
ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए उपचुनाव में जीत हासिल करना ज़रूरी है.
ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी, लेकिन ममता खुद नंदीग्राम सीट पर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं.
नियमों के अनुसार सीएम पद पर बने रहने के लिए छह महीने के भीतर उन्हें किसी भी सीट से चुनाव जीतना है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ दिनों पहले ही चुनाव आयोग को लिखकर बताया था कि राज्य में चुनाव कराए जा सकते हैं.
उपचुनाव को लेकर ममता ने जून में तंज किया था “जब पीएम कहेंगे तो चुनाव आयोग काम करेगा.”
उन्होंने कहा था, “मैं पीएम से ग़ुज़ारिश करती हूं कि वो उपचुनाव कराने के आदेश दें. कोविड का असर कम हो गया है और अगले सात दिनों में ये कराया जा सकता है. मैंने सुना है कि पीएम चुनाव आयोग को आदेश देते हैं, तो वो कदम उठाते हैं.”
हालांकि बीजेपी ने ममता की आलोचना की थी.
बंगाल के बीजेपी दिलीप घोष ने कहा था, “मुख्यमंत्री इतनी जल्दी उपचुनाव क्यों कराना चाहती है. एक ऐसे समय में जब 118 नगर पालिका की सीटों पर भी अभी चुनाव नहीं हो रहे.”
शनिवार को चुनाव आयोग ने भवानीपुर के अलावा बंगाल की दो और सीटों शमशेरगंज और जांगीपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान किया था.
चुनाव आयोग के मुताबिक़ नामांकन की आख़िरी तारीख 13 सितंबर है. 16 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे.
दिनभर: बीबीसी हिंदी का डिजिटल रेडियो बुलेटिन
किसान महापंचायत: राकेश टिकैत ने कहा- जान दे देंगे लेकिन हटेंगे नहीं
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान अपनी मांगे पूरी होने तक दिल्ली बॉर्डर से नहीं हटेंगे.
राकेश टिकैत ने मुज़फ़्फ़रनगर में आयोजित किसान महापंचायत में कहा कि अपनी जीत होने तक किसान पीछे नहीं हटेंगे.
किसान महापंचायत का आयोजन तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किया गया. क़ानून वापस लेने की मांग को लेकर किसान नौ महीने से ज़्यादा वक़्त से आंदोलन कर रहे हैं. किसान दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राकेश टिकैत ने कहा, “ हम ये प्रण लेते हैं कि हम आंदोलन स्थल (दिल्ली सीमा पर) नहीं छोड़ेगें चाहे हमारी कब्रें वहां खोद दी जाएं, ज़रूरत पड़ी तो हम अपनी जान देंगे, लेकिन जब तक हमारी जीत नहीं होती, हम आंदोलन स्थल नहीं छोड़ेंगे.”
टिकैत मे कहा, “किसान आंदोलन तब तक चलेगा जब तक भारत सरकार चलवाएगी. जब तक वे बात नहीं मानेंगे आंदोलन चलता रहेगा. जब सरकार बातचीत करेगी तो हम करेंगे. देश में आज़ादी की लड़ाई 90 साल तक चली, यह आंदोलन कितने साल चलेगा हमें तो जानकारी नहीं है.”
किसान महापंचायत से आ रही तस्वीरों में दिख रहा है कि किसान भारी संख्या में वहां पहुंचे.
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के लिए समर्थन जताते हुए ट्विटर पर लिखा, “गूंज रही है सत्य की पुकार तुम्हें सुनना होगा, अन्यायी सरकार!”
उधर बीजेपी ने टिकैत पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
केंद्रीय मंत्री और मुज़फ़्फरनगर से सांसद संजीव बालयान ने एएनआई से कहा, “अगर वो (संयुक्त किसान मोर्चा) राजनीति में आना चाहते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे.”
इससे पहले उन्होंने “बाहरी लोगों” पर माहौल ख़राब करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, “हमारे जनपद ने पिछले कुछ वर्षों में काफ़ी बुरे दिन देखे हैं, कुछ लोग बाहर से आकर माहौल खराब कर देते हैं. अब मुज़फ़्फ़रनगर विकास के पथ पर अग्रसर है, मुझे उम्मीद है कि पंचायत का शांतिपूर्वक निस्तारण होगा.”
कृष्णा नागर ने टोक्यो में जीता गोल्ड, जयपुर में जश्न
मोहर सिंह मीणा
पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर के पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद जयपुर में जश्न का माहौल है. उनका घर जयपुर में ही है.
कृष्णा के पिता सुनील नागर ने बीबीसी से कहा, "कृष्णा ने कहा था इस बार गोल्ड ही लेकर आना है. उसकी मेहनत सफल हुई है. इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है."
कृष्णा ने पैरालंपिक्स की तैयारी अपने घर से क़रीब 13 किलोमीटर दूर सवाई मानसिंह स्टेडियम में की.
उनके कोच यादवेन्द्र सिंह ने कहा कि शिक्षक दिवस के दिन इससे बड़ी खुशी नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा, "कृष्णा को रोज़ सुबह तीन घंटे और शाम को तीन घंटे प्रैक्टिस कराई. मेहनत का परिणाम मिल गया. वह पहले भी कई नेशनल, एशियाड और विश्व प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुका है."
कृष्णा की जीत पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत देशभर से लोगों ने बधाई दी है.
कृष्णा ने बैडमिंटन पुरुष एकल एसएच-6 कैटेगरी में हांगकांग के खिलाड़ी चू मान काई को करारी शिकस्त दी. उन्होंने हांगकांग के खिलाड़ी को 21-17, 16-21 और 21-17 से हरा कर स्वर्ण पदक जीता.
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रवि शास्त्री कोविड पॉज़िटिव, रहेंगे टीम से अलग
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रवि शास्त्री कोविड -19 पॉज़िटिव पाए गए हैं. उन्हें और तीन सहयोगी स्टाफ को आइसोलेशन में रखा गया है.
59 वर्षीय शास्त्री का शनिवार को लैटरल फ्लो टेस्ट पाज़िटिव आया. इसके बाद गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण, क्षेत्ररक्षण कोच रामकृष्णन श्रीधर और फिजियोथेरेपिस्ट नितिन पटेल को “एहतियातन” अलग रखा गया है.
भारतीय टीम के दूसरे सदस्यों का टेस्ट निगेटिव आया है. बीसीसीआई ने चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन का खेल शुरू होने के पहले ये जानकारी दी.
बोर्ड की ओर से जारी बयान के मुताबिक जब तक मेडिकल टीम की मंज़ूरी नहीं मिलती शास्त्री और अन्य तीन सदस्य होटल में रहेंगे और टीम के साथ यात्रा नहीं करेंगे.
इंग्लैंड और भारत की टीम अलग-अलग होटलों में रुकी हुई है और टीमों के बीच केवल खेल के मैदान पर ही बातचीत होती है.
दोनों देशों के बीच चल रही सीरिज़ में 1-1 से बराबर पर है.
छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री के पिता पर केस, दो समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने का आरोप
आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
उन पर रायपुर के एक थाने में समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावना पैदा करने और सामाजिक तनाव बढ़ाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 505 और 153 ए के तहत मामला दर्ज हुआ है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर जारी एक बयान में कहा, "एक पुत्र के रूप में मैं अपने पिता जी का सम्मान करता हूँ लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को अनदेखा नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो. हमारी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के पिता ही क्यों न हों."
रायपुर के सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर दर्ज मामले में कहा गया है कि पिछले महीने लखनऊ में मीडिया से बातचीत में नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं.
नंद कुमार बघेल और भूपेश बघेल के बीच पिछले कई सालों से वैचारिक मतभेद रहे हैं. ऐसा कई मौकों पर हुआ है, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोई बात कही है और उनके पिता नंद कुमार बघेल ने मीडिया में उसके विरोध में बयान दिया है.
भूपेश बघेल को अपने पिता के मामले में कई बार सफ़ाई देनी पड़ी है. ब्राहणों के मुखर विरोधी 86 वर्षीय नंद कुमार बघेल मुख्यमंत्री के सहयोगी सवर्ण मंत्रियों और अधिकारियों पर भी निशाना साधते रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के कुछ ही महीनों के भीतर नंद कुमार बघेल ने ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ नाम से एक क़िताब लिखी थी, जिसकी बिक्री पर 2001 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था.
हालांकि नंद कुमार बघेल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन 2017 में हाईकोर्ट ने भी नंद कुमार बघेल की प्रतिबंध हटाने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी.
तस्वीरों में :उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में किसानों की महापंचायत
केंद्र की मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों ख़िलाफ़ किसानों के विशाल विरोध-प्रदर्शन की महपंचायत उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में चल रही है. मौके पर मौजूद बीबीसी संवाददाता पीयूष नागपाल ने प्रदर्शन की तस्वीरें भेजी हैं जिनमें बड़ी संख्या में किसाान दिख रहे हैं.
संजय राउत का मोदी सरकार से सवाल, आपको नेहरू से इतनी नफरत क्यों?
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि आज़ादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च की ओर से जारी किए गए एक पोस्टर से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाना संकीर्ण मानसिकता का परिचय है.
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि वो नेहरू से इतनी 'नफ़रत' क्यों करते हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च (आईसीएचआर) शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध संस्थान है.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में संजय राउत ने लिखा है कि आईसीएचआर ने अपने पोस्टर से नेहरू और मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद की तस्वीर हटा दी है.
संजय राउत ने लिखा है, "जिन लोगों की आज़ादी की लड़ाई और इतिहास बनाने में कोई भूमिका नहीं थी, वे स्वाधीनता संग्राम के नायकों को बाहर कर रहे हैं. ये सियासी बदले की कार्रवाई है. ये अच्छी बात नहीं है और इससे उनकी संकीर्ष मानसिकता का पता चलता है. ये स्वाधीनता संग्राम के सभी नायकों का अपमान है."
सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है, "आज़ादी के बाद किसी को नेहरू की नीतियों से मतभेद हो सकता है. लेकिन कोई भी आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान को खारिज नहीं कर सकता है."
"नेहरू ने ऐसा क्या कर दिया कि उनसे इतनी नफरत की जा रही है. सच तो ये है कि जिन संस्थाओं का उन्होंने खड़ा किया, उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था को चलाए रखने के लिए आज बेचा जा रहा है."
संजय राउत ने ये बात हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा घोषित नेशनल मोनेटाइज़ेशन पाइपलाइन नीति को लेकर कही. उन्होंने कहा कि नेहरू की दूरदर्शी नीति की वजह से ही आज देश को आर्थिक बर्बादी से बचाया जा सका है.
ब्रेकिंग न्यूज़किसानों की महापंचायत शुरू, वरुण गाँधी की टिप्पणी से बीजेपी नेता असहज
केंद्र की मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों ख़िलाफ़ किसानों के विशाल विरोध-प्रदर्शन की महपंचायत उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में शुरू हो गई है.
मंच से किसान नेता कह रहे हैं कि "सरकार कहती है कि मुट्ठी भर किसान कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं लेकिन उन्हें आकर देखना चाहिए. किसान नेताओं ने कहा कि यहाँ की आवाज़ संसद तक पहुँचनी चाहिए."
मुज़फ़्फ़रनगर में मौजूद बीबीसी के सहयोगी पत्रकार समीरात्मज मिश्र ने बताया कि शहर के जीआईसी कॉलेज के विशाल मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान पंचायत चल रही है. पंचायत में देश के तमाम राज्यों से आए किसान इकट्ठा हैं.
शहर में कल रात से ही किसानों का आना जारी है और लगातार बना हुआ है. शहर की तमाम सड़कों पर लोग ही लोग दिख रहे हैं और शहर के मैदान गाड़ियों, ट्रैक्टरों और बसों से भरे हैं. मंच पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और अध्यक्ष नरेश टिकैत के अलावा किसान मोर्चा के लगभग सभी बड़े नेता मौजूद हैं. क़ानून व्यवस्था बनाए रहने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है.
मुज़फ़्फ़रनगर में हो रही महपंचायत की एक क्लिप शेयर करते हुए बीजेपी नेता वरुण गांधी ने ट्वीट किया है, ''मुज़फ़्फ़रनगर में आज लाखों किसान धरना प्रदर्शन में जुटे हैं. वे हमारे अपने लोग हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीक़े से फिर से बात करने की जरूरत है. उनके दर्द और मुद्दे समझने की ज़रूरत है. हमें उन तक पहुँचने की ज़रूरत है.''
वरुण गाँधी के ट्वीट का स्क्रीशॉट पोस्ट करते हुए हुए राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने लिखा है, ''वरुण भाई जो कह रहे हैं उसकी प्रशंसा होनी चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश में खुरजा के बीजेपी विधायक विजेंद्र सिंह की टिप्पणी को देखिए. विजेंद्र सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर यह फालतू का बयान दोहराकर देखें.''
जयंत ने इस स्क्रीनशॉट में विजेंद्र सिंह के ट्वीट को भी रखा है. विजेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''माफ़ कीजिएगा वरुण जी. आपको किसान और राष्ट्र विरोधी ताक़तों में फ़र्क़ करने की ज़रूरत है.''
हालांकि बाद में विजेंद्र सिंह ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.
राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी भी महापंचायत में पहुँचे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''बहुत माला पहनी है. मुझे जनता ने बहुत प्यार, सम्मान दिया है. अन्नदाताओं पर पुष्प बरसाकर उनका नमन और स्वागत करना चाहता था पर हमें अनुमति नहीं मिली. किसान के सम्मान से सरकार को क्या ख़तरा है?''
स्वराज इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि महापंचायत शुरू हो गई है.
पंचायत शुरू होने से पहले भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा था, "देश के कोने-कोने से किसान इस महापंचायत में शिरकत करेंगे. महापंचायत में हरियाणा के अलावा पंजाब और कई अन्य राज्यों से महिला जत्थेदार भी पहुँच रही हैं.''
उन्होंने कहा था ''हमारा मानना है कि महापंचायत में क़रीब पाँच लाख किसान पहुंचेंगे. पंचायत स्थल भर जाने की स्थिति में शहर में जगह-जगह माइक और एलईडी लगाए गए हैं जिससे किसान वहाँ से भी पंचायत स्थल को देख और सुन सकें."
अफ़ग़ानिस्तान पर रूस और चीन से बात करेंगे जी-7 देश
ग्रुप-7 देशों के विदेश मंत्री अगले हफ़्ते अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर चर्चा करने जा रहे हैं.
जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने रविवार को जापानी न्यूज़ चैनल एनएचके को बताया कि इस मीटिंग में रूस, चीन और अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
ग्रुप-7 देशों के विदेश मंत्रियों की ये बैठक 8 सितंबर को होने की उम्मीद जा रही है.
जापान के विदेश मंत्री ने रूस और चीन के प्रतिनिधि के इस मीटिंग में भाग लेने की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि इन दोनों देशों का अफ़ग़ानिस्तान पर प्रभाव है.
उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की अगुवाई में ऑनलाइन होने वाली इस मीटिंग में 20 से ज़्यादा देशों के डिप्लोमैट शामिल हो सकते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान की पंजशीर घाटी में अभी क्या चल रहा है
काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी में अब भी तालिबान और स्थानीय विद्रोहियों के बीच जंग जारी है. हालांकि पंजशीर में स्थिति कैसी है ये निश्चित तौर पर तो स्पष्ट नहीं है क्योंकि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी तरह के दावे कर रहे हैं.
तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर प्रांत के सात में से चार ज़िलों में कब्ज़ा कर लिया है और वे मज़बूती से आगे बढ़ रह हैं. वहीं राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ़) के स्थानीय नेता अहमद मसूद के साथ खड़े लड़ाकों का दावा है कि उन्होंने ख्वाक दर्रे में "हजारों चरमपंथियों" को घेर लिया है.
टोलो न्यूज़ ने तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य अनामुल्लाह समांगानी के हवाले से लिखा है कि शनिवार को तालिबान बलों ने पंजशीर के शोतुल, परयान, खेंज और अबशर ज़िलों पर कब्जा कर लिया है.
समांगानी के अनुसार, अब लड़ाई अनाबा में हो रही हैजो पंजशीर के प्रांतीय केंद्र पास है.
समांगानी ने कहा, "परयान, शोतुल, खेंज और अबशर ज़िलों पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया गया है और अब मुजाहिदीन अनाबा (ज़िले) के बीचोंबीच हैं."
पंजशीर में दूरसंचार सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इस कारण वहां से किसी भी तरह की विस्तृत और त्वरित जानकारी हासिल करने में मुश्किल पेश आ रही है.
इस बीच, एनआरएफ़ के नेता अहमद मसूद ने शनिवार सुबह एक फ़ेसबुक पोस्ट में कहा कि वे पंजशीर में तालिबान के हमलों के ख़िलाफ़ डटे हुए हैं.
इस बीच पूर्व उप-राष्ट्रपति और रेसिस्टेंस फ्रंट के नेता अमरुल्ला सालेह ने शुक्रवार रात एक रिकॉर्डेड संदेश में बताया कि पंजशीर में स्थिति गंभीर है, लेकिन वे हमलों के ख़िलाफ़ खड़े रहेंगे.
उन्होंने कहा, "विरोध जारी है. दुश्मन को नुकसान हुआ है और हमें भी. लेकिन स्थिति हमारे नियंत्रण में है. ”
टोलो न्यूज़ के मुताबिक़, इस बीच जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख सलाहुद्दीन रब्बानी ने शनिवार को तालिबान से पंजशीर पर हमला बंद करने का आह्वान किया है.
उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर प्रकाशित एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा, "अगर लोगों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग और हिंसा जारी रही, तो देर-सबेर देश के अन्य हिस्सों में भी जनता का विरोध शुरू हो जाएगा."
जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी से अलग हुए धड़े के मुखिया अत्ता मोहम्मद नूर ने कहा कि पंजशीर पर तालिबान का हमला अगर जारी रहा तो देश में एक और जंग छिड़ जाएगी.
तालिबान बलों और प्रतिरोध बलों के बीच पिछले कई दिनों से लड़ाई जारी है.
टोलो न्यूज़ के मुताबिक़, हालांकि दोनों पक्षों ने इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए कुछ बैठकें भी की हैंलेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका है.