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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी

    पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी का नाम लिए बग़ैर उस पर श्रेय लेने की राजनीति करने का आरोप लगाया तो अखिलेश यादव ने भी बीजेपी पर पलटवार किया. क्या इस रणनीति से चुनाव में फायदा मिलेगा?

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  2. बीजेपी को समझने में शिवसेना को लगे 25 साल- संजय राउत

    शिवसेना सांसद संजय राउत
    Image caption: शिवसेना सांसद संजय राउत

    शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि 25 साल पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि बीजेपी देश में एकता नहीं चाहती है लेकिन हम (शिवसेना) इस बात को साल 2019 में समझ सके.

    राउत ने कहा, "तब उन्होंने कहा था कि बीजेपी देश को बांट रही है और उल्टी दिशा में ले जा रही है. ये बात हमारे अब समझ में आई है."

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, राउत ने एक किताब के विमोचन पर ये बात कही.

    ये किताब मराठी भाषा में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भाषणों का संकलन है.

    राउत ने कहा कि इस किताब की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें कुछ बातें जानने की ज़रूरत है.

    इस किताब का नाम है 'नेमकेची बोलाने' जिसका मतलब है संक्षिप्त बोलना.

    राउत ने कहा, "इस किताब का नाम इतना अच्छा है कि हम सबको इसे प्रधानमंत्री को तोहफ़े में देना चाहिए. उन्हें कुछ बातें जानने की ज़रूरत है."

    राउत ने ये भी आरोप लगाया है कि जो लोग सरकार के ख़िलाफ़ बोलने की कोशिश करते हैं उनकी आवाज़ दबाई जा रही है.

    शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के मुद्दे पर बीजेपी से संबंध तोड़ लिए थे. इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी.

    संजय राउत इन दिनों अपने बयानों में कांग्रेस का समर्थन भी कर रहे हैं.

    हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा था कि देश में विपक्ष का जो भी मोर्चा बनेगा उसमें कांग्रेस मुख्य भूमिका में होगी.

  3. मध्य प्रदेश: जनरल रावत की मौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला, एक गिरफ़्तार

    शुरैह नियाज़ी

    बीबीसी हिंदी के लिए, भोपाल से

    भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को लेकर जाते हुए सैनिक
    Image caption: भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को लेकर जाते हुए भारतीय सैनिक

    मध्यप्रदेश के खंडवा ज़िले में पुलिस ने चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत को लेकर आपत्ति टिप्पणी करने के मामले में एक युवक को गिरफ़्तार किया है.

    पुलिस के मुताबिक इस मामले में बीजेपी विधायक राम दांगोरे ने शिकायत की थी. पुलिस ने बताया है कि उन्होंने दुर्गेश वास्कले नामक एक आदिवासी युवक को गिरफ़्तार किया है.

    अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, इस युवक के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 297, 153ए, और 153बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.

    स्थानीय पुलिस ने बताया है कि इस युवक पर सीडीएस बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है.

    खंडवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के मुताबिक़, “9 दिसंबर को सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी की गई थी. इसके बाद एक आवेदन कार्रवाई के लिये भी मिला था जिस पर मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.”

    विधायक राम दांगोरे ने अपने पत्र में लिखा था कि ‘दुर्गेश वास्कले और उनके साथियों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से न केवल धार्मिक एवं सामाजिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है. बल्कि देश के शहीदों को लेकर भी लगातार आपत्तिजनक पोस्ट की जा रही है.

    हाल ही में दुर्घटना में शहीद हुए देश के गौरव सीडीएस बिपिन रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों एवं सैन्यकर्मियों की शहादत पर भी घोर निंदनीय टिप्पणी की गई है जो कि देशद्रोह की श्रेणी में आता है. कृपया दोषियों के विरुद्ध एनएसए में मुकदमा दर्ज कर उपकृत करें.’

    बता दें कि बीती 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई है.

    बीजेपी विधायक का पत्र
  4. किसान आंदोलन ख़त्म होने के मुद्दे पर “बीबीसी इंडिया बोल”, सुनिए मोहनलाल शर्मा से

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  5. अमेरिका के केंटकी में तूफ़ान से तबाही, 50 के मरने की आशंका

    तूफ़ान की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ अमेज़न वेयरहाउस
    Image caption: तूफ़ान की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ अमेज़न का वेयरहाउस

    अमेरिकी केंटकी प्रांत में आए एक भयानक तूफ़ान की वजह से अब तक 50 से ज़्यादा लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है.

    राज्य के गवर्नर एंडी बेशियर ने इसे केंटकी के इतिहास का सबसे भयानक तूफ़ान बताया है.

    उन्होंने कहा है कि मरने वालों की संख्या 100 तक पहुंच सकती है.

    अमेरिका के कई प्रांतों में लगातार तूफ़ान आ रहे हैं जिसके चलते कई कर्मचारी अमेज़न के वेयरहाउसों में फंसे हुए हैं.

    न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि जब तूफ़ान आया तो लगभग 100 लोग मेफील्ड की केंडल बनाने वाली फैक्ट्री में मौजूद थे.

    बेशियर ने कहा है कि “मुझे लगता है कि हम उनमें से कम से कम 12 लोगों को खो देंगे.”

    तूफ़ान की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ अमेज़न वेयरहाउस

    प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया है कि शुक्रवार रात आए तूफ़ान ने दक्षिणी इलिनॉइस स्थित एक अमेजन वेयरहाउस तहस-नहस कर दिया है.

    अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि छत गिरने से कितने लोगों को चोट पहुंची है लेकिन स्थानीय आपातकालीन सेवाएं देने वाली संस्था ने फेसबुक पर बताया है कि इससे काफ़ी नुकसान हुआ है.

    प्रभावित इलाके में रहने वाली साराह बिएरमेन ने कहा है कि उनके साथी का अभी भी कोई पता नहीं चल पा रहा है.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मेरी उससे आज रात लगभग 8 बजे बात हुई थी. उससे पहले मैंने उसे एक मैसेज़ भेजा था. और वह अपनी वैन को छोड़ने के लिए वेयरहाउस जा रहा था. उसके बाद से मेरी उससे बात नहीं हुई है.”

  6. उत्तर प्रदेश: बिजनौर में पुजारी की हत्या, तीन जांच टीम तैनात

    शहबाज़ अनवर, बीबीसी हिंदी के लिए

    पुजारी की हत्या के मामले में लोगों से बात करते हुए पुलिस अधिकारी
    Image caption: पुजारी की हत्या के मामले में लोगों से बात करते हुए पुलिस अधिकारी

    उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में एक मंदिर के पुजारी की हत्या का मामला सामने आया है. पुलिस प्रशासन के अधिकारियों का आशंका है कि हत्या की वजह पैसे का लेन देन हो सकता है.

    पुजारी के संपर्क के लोगों का दावा है कि कुछ असमाजिक तत्व पुजारी के संपर्क में थे. पुजारी लोगों को ब्याज़ पर पैसे भी देते थे. पुलिस इसे ध्यान में रखते हुए भी जांच कर रही है.

    बिजनौर के नांगल थाना क्षेत्र में गंगा किनारे माता काली का मंदिर है. शनिवार सुबह पूजा करने आए लोगों को कथित रूप से मंदिर के बाहर पुजारी रामदास का शव मिला. रामदास की उम्र लगभग 60 साल बताई गई है.

    ज़िले के एसपी डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने बताया, "बुजुर्ग पुजारी के सिर पर वार कर हत्या की गई है. मंदिर के आसपास कुछ अवांछित लोगो का आना जाना था जिसकी जांच की जा रही है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. "

    पुजारी रामदास पिछले कई वर्षों से नांगलसोती क्षेत्र में रह रहे थे.

    इलाके के एसओ रविन्द्र कुमार ने बताया, "रामदास के शव के पास से उनकी आईडी मिली है. वह कईं वर्षों से नांगल क्षेत्र में रह रहे थे. ग्रामीण मनोज कुमार शर्मा की तहरीर पर अज्ञात के ख़िलाफ़ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. मंदिर में मूर्तियां पूरी तरह सुरक्षित हैं. अन्य सामान भी सुरक्षित है."

    सट्टा लगाने वालों पर शक

    रामदास की हत्या के मामले में पुलिस जुआ खेलने वालों और सट्टा लगाने वालों पर शक जता रही है.

    कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि पुजारी के पास सट्टे का टिकट लगाने वालों तथा कुछ अराजक तत्वों का आना जाना लगा रहता था.

    एसओ नांगल सोती भी इस मामले की पुष्टि करते हैं और इस तरफ जांच किए जाने की बात कहते हैं.

    स्थानीय पत्रकार राहुल राजपूत कहते हैं, "रामदास पुजारी लोगों को बिना ब्याज़ के पैसे आदि देकर उनकी मदद भी किया करते थे. उनके क्षेत्र में सैकड़ों भक्त भी हैं. शनिवार सुबह को उनका शव मंदिर के बाहर पड़ा मिला. उनके चेहरे पर चोटों के निशान हैं."

    बड़ी रक़म तो नहीं हत्या की वजह?

    पुलिस को इस बात का शक है कि कहीं पुजारी ने किसी को बड़ी रक़म दी हो और इन पैसों को वापस लौटाने के चक्कर में उनकी जान ले ली गई हो.

    हालांकि, एसपी ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस की तीन टीमें लगा दी हैं.

  7. हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत बढ़ी तो दुश्मनों को फ़ायदा : फारुख़ अब्दुल्लाह

    जम्मू – कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख़ अब्दुल्लाह
    Image caption: जम्मू – कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख़ अब्दुल्लाह

    जम्मू–कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख़ अब्दुल्लाह ने राज्य में अगर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत बढ़ती है तो इसका फ़ायदा दुश्मनों को होगा.

    उन्होंने आगाह किया है कि राजनीति और धर्म को एक दूसरे से अलग किया जाना चाहिए. इस तरीके से ही देश को सही दिशा में ले जाया जा सकता है.

    फारुख़ अब्दुल्लाह ने शनिवार को कहा, “कश्मीर के लोगों को सिर्फ एक वोट – बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया. कई वादे किए गए लेकिन एक भी पूरा नहीं किया गया. कश्मीरी मुसलमानों और कश्मीरी पंडितों के बीच समस्याएं पैदा की गयीं. जम्मू–कश्मीर में हिंदू और मुसलमानों के बीच नफ़रत से हमारे दुश्मनों का फायदा होगा."

    इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "अगर इस देश के नेता राजनीति और धर्म को एक दूसरे से अलग नहीं करेंगे तो ये देश नहीं चल पाएगा."

    उन्होंने केंद्र सरकार की अगुवाई कर रही बीजेपी पर हमला किया और कहा, "वे महिला अधिकार विधेयक क्यों पारित नहीं करते? उनके पास संसद में 300 सदस्य हैं. लेकिन वे नहीं चाहते कि महिलाओं को वही दर्जा मिले जो पुरुषों को मिला हुआ है.”

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  8. Video content

    Video caption: कलमा न पढ़ पाने पर जब भारतीय पायलट बनाए गए क़ैदी. Vivechna

    भारतीय पायलट जवाहरलाल भार्गव का विमान पाकिस्तान में मार गिराया गया था. वो भारत की सीमा की तरफ़ पैदल बढ़े लेकिन सीमा से केवल 15 किलोमीटर पहले पकड़े गए.

  9. Video content

    Video caption: सीडीएस बिपिन रावत की मौत से भारत की चीन नीति पर असर पड़ेगा?

    जनरल रावत की मौत भारतीय सेना के लिए एक बड़ा झटका है और विश्लेषक मानते हैं कि इसकी भरपाई बहुत आसान नहीं होगी.

  10. केरल के राज्यपाल ने सीएम विजयन से कहा – ‘आप ख़ुद ही विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति क्यों नहीं बन जाते’

    केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ सीएम पिनराई विजयन
    Image caption: केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ सीएम पिनराई विजयन

    केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को एक चिट्ठी लिख कर आड़े हाथों लिया है.

    समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, ख़ान ने अपने पत्र में लिखा है कि "आप विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन करें और व्यक्तिगत रूप से खुद कुलाधिपति का पद ग्रहण करें, ताकि आप राज्यपाल पर किसी निर्भरता के बिना अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा कर सकें."

    बताया जा रहा है कि राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने ये पत्र इसलिए लिखा क्योंकि वह राज्य सरकार की ओर से शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों के कुलाधिपति के रूप में उनके अधिकारों को सीमित कर विश्वविद्यालयों के मामलों में दखल देने से नाख़ुश हैं.

    इस मामले पर कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने भी कहा है, "पिछले 5 सालों से राज्य में उच्च शिक्षा प्रणाली का राजनीतिकरण करने की कोशिश हो रही है.

    हम इस मुद्दे को उठाते रहे हैं लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. अब राज्यपाल ने सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं."

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  11. जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी क्या बोले?

    नरेंद्र मोदी
    Image caption: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि उनका निधन 'हर राष्ट्रभक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति' है.

    पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्र-निर्माताओं और राष्ट्र रक्षकों की इस धरती से मैं आज देश के उन सभी वीर योद्धाओं को भी श्रद्धांजलि दे रहा हूं जिनका आठ दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया.

    भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारत प्रेमी के लिए, हर राष्ट्र भक्त के लिए बहुत बड़ी क्षति है.

    जनरल बिपिन रावत जी जितने जांबाज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी रहा है.”

    इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि जनरल रावत आने वाले दिनों में अपने भारत को नए संकल्पों के साथ वे जहां होंगे, वहां से भारत को आगे बढ़ते हुए देखेंगे.

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    विपक्ष पर बोला हमला

    पीएम मोदी ने शनिवार को 9,800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया.

    इस मौके पर पीएम मोदी ने विपक्षी दलों और पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोला.

    उन्होंने कहा, “मैं जब आज दिल्ली से चला तो मैं सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा और कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो मैंने काटा था.

    कुछ लोगों की ऐसा कहने की आदत है, हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता भी उन्होंने ही काटा हो. कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है."

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    पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "आज से करीब 50 साल पहले इस योजना पर काम शुरू हुआ था और आज इसका काम पूरा हुआ है.

    जब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था तो इसकी लागत 100 करोड़ से भी कम थी,आज ये लगभग 10,000 करोड़ खर्च करने के बाद पूरी हुई है. पहले की सरकारों की लापरवाही की 100 गुना ज्यादा कीमत देश को चुकानी पड़ी है."

    पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर आपराधिक तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा, "पहले की सरकारें माफिया को संरक्षण देना, बाहुबलियों को बढ़ावा देना और जमीनों पर अवैध कब्जा करवाती थीं लेकिन आज योगी की सरकार माफिया की सफाई में जुटी है, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी सभी को सशक्त करने में जुटी है.

    कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की फाइलें बरसों से चल रही थीं लेकिन इस एयरपोर्ट को शुरू करवाने का काम भी डबल इंजन की सरकार ने ही किया."

  12. मानवीय संकट से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान को मिलेगी 280 मिलियन डॉलर की मदद

    अफ़ग़ानिस्तान

    विश्व बैंक का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय दाताओं ने फ्रीज़ हुए फंड से अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और स्वास्थ्य सेवाओं को 280 मिलियन डॉलर देने पर सहमति जताई है.

    अगस्त में तालिबान की सत्ता पर वापसी के बाद अफ़ग़ानिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता रोक दी गई थी जिसके बाद से देश एक गहरे मानवीय और आर्थिक संकट से जूझ रहा है.

    विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने चेतावनी दी है कि अफ़ग़ानिस्तान की आधी से अधिक आबादी पर भूखमरी का खतरा मंडरा रहा है. तीस लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.

    देश में गंभीर सूखे के कारण गेहूं की फसल बर्बाद हो चुकी है, मूलभूत ज़रूरत के सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं और इस सबके बीच तालिबान के अधिग्रहण के बाद पश्चिमी देशों के वित्तीय सहायता से हाथ खींच लेने के कारण देश में आर्थिक संकट गहराता ही जा रहा है.

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    पश्चिमी देशों ने तालिबान की सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने से इनकार कर दिया है. अमेरिका और अन्य देशों ने करीब 10 अरब डॉलर के अफ़ग़ान भंडार पर रोक लगा दी है. वहीं विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की फंडिंग पर रोक लगा दी है.

    डब्ल्यूएफपी का अनुमान है कि अफ़ग़ानिस्तान में 2.3 करोड़ लोगों को तत्काल खाना मुहैया कराने की ज़रूरत है. इसे "पृथ्वी पर सबसे खराब मानवीय संकट" माना जा रहा है.

    विश्व बैंक ये पैसा संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी डब्ल्यूएफपीऔर यूनिसेफ को देगी.

    विश्व बैंक ने कहा कि दोनों एजेंसियों की अफ़ग़ानिस्तान में मौजूदगी और क्षमता है जिसके आधार पर वह सीधे लोगों को सेवाएं देने में सक्षम हैं.

  13. एक साल लंबे आंदोलन के बाद घर लौटने लगे हैं किसान प्रदर्शनकारी

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    विवादित तीन कृषि क़ानूनों को संसद के ज़रिए वापस लिए जाने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान अपना आंदोलन समाप्त करके घर लौटना शुरू हो चुके हैं.

    एक साल से भी लंबे समय तक यह प्रदर्शन दिल्ली के सिंघु, टीकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर चल रहा था.

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    शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने अस्थाई ठिकानों को हटाना शुरू कर दिया और वे घर लौटते समय ‘विजय जुलूस’ निकाल रहे हैं.

    इस मार्च को कल ही होना था लेकिन तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.

    भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआई से शुक्रवार को कहा था कि शनिवार को किसानों का एक बड़ा समूह प्रदर्शन स्थल को ख़ाली कर देगा.

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    उन्होंने कहा था, “हम बातचीत करेंगे, प्रार्थना करेंगे और उन लोगों से मिलेंगे जिन्होंने हमारी मदद की. लोगों ने अभी से जाना शुरू कर दिया है और इसमें 4-5 दिन लगेंगे. मैं 15 दिसंबर को वापस जाऊंगा.”

    तीनों क़ानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद किसानों ने प्रदर्शन स्थलों से न हटने का फ़ैसला लिया था. प्रदर्शनकारी किसानों की मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गारंटी मिलनी चाहिए और प्रदर्शनकारी किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को वापस लिया जाना चाहिए.

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    आख़िरकार किसानों ने वापस लौटने का फ़ैसला तब लिया जब केंद्र सरकार ने इन मांगों के लिए एक पांच सदस्यीय कमिटी गठित करने का प्रस्ताव भेजा. केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से ही कमिटी के लिए नाम मांगे थे. किसानों के आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा ही कर रहा था.

    MSP के मुद्दे पर केंद्र सरकार एक कमिटी का गठन करने के फ़ैसले पर सहमत हुई है. इस कमिटी में सरकारी अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और किसान मोर्चा के प्रतिनिधि होंगे.

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार किसानों के ख़िलाफ़ पुलिस मामले भी निरस्त करने पर राज़ी है. इनमें पराली जलाने से लेकर प्रदर्शनकारियों से झड़पों की जो रिपोर्ट हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने दर्ज की है, वो मामले शामिल हैं.

  14. ओमिक्रॉन पर टीके की दो खुराक काम नहीं करेगी: ब्रितानी वैज्ञानिक

    कोरोना वायरस

    ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 की वैक्सीन की दो खुराक वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाने के लिए नाकाफ़ी है.

    ब्रिटेन में ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट को लेकर किए गए शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि टीके का असर नए वेरिएंट को रोकने में कम प्रभावी है.

    हालांकि तीसरा बूस्टर डोज़ लगभग 75% लोगों को किसी ना किसी तरह कोविड से सुरक्षित रखने में सक्षम रहा है.

    ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट ने 581 ओमिक्रॉन केस और हज़ारों डेल्टा केस पर यह विश्लेषण तैयार किया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि नए वेरिएंट पर टीका कितना असरदार है.

    तेज़ी से म्यूटेट होने वाले ओमिक्रॉन को लेकर सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस पर टीका कम प्रभावी बताया जा रहा है.

    ओमिक्रॉन

    इस बीच, विकसित देशों के मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने वाले ब्रिटेन के सेक्रेटरी माइकल गोव ने कहा है कि ब्रिटेन एक "गंभीर स्थिति" का सामना कर रहा है.

    सरकार की आपातकालीन समिति कोबरा की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अब तक किए गए उपाय "आनुपातिक" थे, लेकिन मंत्री हर उपायों की समीक्षा कर रहे हैं.

    उन्होंने कहा, "कार्रवाई की ज़रूरत है,और जैसे ही नया डेटा आएगा, हम विचार करेंगे कि उस डेटा के आधार पर हमें क्या कार्रवाई करनी चाहिए.’’

    ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के 448 नए मामलों की पुष्टि की गई, यहां नए वेरिएंट के कुल संक्रमण की संख्या 1,265 हो गई है. शुक्रवार को ब्रिटेन में कुल 58,194 कोविड के मामले सामने आए. संक्रमण के लिहाज़ से 9 जनवरी के बाद ये आंकड़ें सबसे ज़्यादा हैं.

  15. सिंघु बॉर्डर से LIVE:

    किसान आंदोलन का समापन, ताज़ा हाल आप तक पहुंचा रहे हैं बीबीसी संवाददाता राघवेंद्र राव (कैमरा: शुभम कौल)

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  16. फ़ुटबॉलर माराडोना से जुड़ी घड़ी चुराने वाले को असम पुलिस ने किया गिरफ़्तार

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    असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के ज़रिए दुबई पुलिस ने असम पुलिस के साथ तालमेल कर महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की हैरिटेज हबलॉट घड़ी चुराने वाले वाजिद हुसैन को गिरफ्तार किया है और घड़ी बरामद की.

    इसकी जानकारी असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा ने ट्विटर पर दी.

    अर्जेंटीना के फ़ुटबॉलर डिएगो माराडोना का निधन बीते साल नवंबर में हुआ था, 1986 में अर्जेंटीना ने फुटबॉल वर्ल्डकप जिताने वाले माराडोना को दुनिया के महान फुटबॉलरों में से एक माना जाता है.

  17. रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो गंभीर परिणाम होंगे: ब्रिटेन

    पुतिन

    ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे "गंभीर आर्थिक परिणाम" भुगतने होंगे.

    उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के अंत में लिवरपूल में जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक एकता का प्रदर्शन करते हुए स्पष्ट करेगी कि रूस का ये क़दम एक "रणनीतिक ग़लती" होगी.

    ट्रस ने ये भी कहा कि ब्रिटेन और उसके सहयोगियों को "रूस को इस तरह की कार्रवाई करने से रोकना है."

    रूस और यूक्रेन की सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है और रूस की ओर से सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है लेकिन रूस का कहना है कि उसकी यूक्रेन पर हमले की कोई योजना नहीं है.

    अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए ने हाल में कहा था कि अगले साल की शुरुआत में रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

    अमेरिका की रूस को दी गई चेतावनी को दोहराते हुए ट्रस ने कहा, "यूक्रेन पर आक्रामकता के खिलाफ़ G7 का रुख़ पूरी तरह से मज़बूत और साफ़ है."

    उन्होंने कहा, ‘’अगर रूस ने कार्रवाई की,तो यह उसकी रणनीतिक ग़लती होगी और रूस के लिए इसके गंभीर परिणाम होंगे. हम इस सप्ताह के अंत में समान विचारधारा वाले सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे और अपने रुख़ को और स्पष्ट करेंगे. ‘’

    रूस

    यूक्रेन यूरोपीय संघ और रूस दोनों के साथ सीमा साझा करता है,लेकिन एक पूर्व सोवियत गणराज्य के रूप में रूस के साथ उसके गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध हैं.

    हालांकि,रूस ने यूक्रेन पर उकसाने का आरोप लगाया है. रूस का कहना है कि वह नेटो की सेना और उसकी सीमा के क़रीब हथियारों की तैनाती के ख़िलाफ़ गारंटी चाहता है.

    क्या ब्रिटेन रूस को हमले से रोक पाएगा इस सवाल पर ट्रस ने कहा कि ब्रिटेन यूक्रेन के साथ ‘रक्षा और सुरक्षा क्षमता’ पर काम कर रहा है. हम उन्हें समर्थन मुहैया करा रहे हैं.

    ‘’हम ऊर्जा के क्षेत्र में यूक्रेन की मदद करने के लिए भी काम कर रहे हैं ताकि वे पूरी तरह से रूस पर ऊर्जा आपूर्ति के लिए निर्भर ना रहे. अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो जर्मनी और रूस के बीच नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन रूस के लिए " एक समस्या" हो सकती है.’’

    माना जा रहा है कि यूक्रेन सीमा के पास क़रीब 94 हज़ार रूसी सैनिक तैनात है. रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास भारी हथियार भी पहुंचाए हैं.

    यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने बीते दिनों जारी एक बयान में कहा था कि हो सकता है कि रूस जनवरी के अंत में यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर बड़ा आक्रमण करे.

    यूक्रेन में बीते सात सालों से गृहयुद्ध चल रहा है. रूस ने 2014 में क्राइमिया पर क़ब्ज़ा कर लिया था.

    यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में सक्रिय अलगाववादियों का भी रूस समर्थन करता है.

    हालांकि,रूस सीधे तौर पर यूक्रेन में जारी संघर्ष में शामिल होने से इनकार करता रहा है.

    यूक्रेन चाहता है कि वो पश्चिमी देशों के सुरक्षा संगठन नेटो का हिस्सा बने,जिसका अहम सदस्य अमेरिका भी है.

    वहीं,रूस नहीं चाहता कि नेटो सेनाएं ठीक उसके दरवाज़े तक पहुंच जाए.

  18. पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुक़ाबले 178 के क़रीब पहुँचा

    इमरान ख़ान

    बढ़ती महंगाई दर और ख़ाली होते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहे पाकिस्तान का रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो गया है. शुक्रवार को पाकिस्तनी रुपया 0.06% गिरकर 177.71 प्रति डॉलर हो गया.

    डॉलर की बढ़ती मांग और पर्याप्त आपूर्ति की कमी के कारण पाकिस्तानी रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर को भी पार कर गया.

    टॉपलाइन सिक्यॉरिटीज की ओर से किए गए एक सर्वे के अनुसार,वित्तीय बाज़ार के 43% प्रतिभागियों का मानना है कि वित्तीय साल 2022 के अंत तक पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुक़ाबले 180-185 तक गिर जाएगा.

    पाकिस्तानी रुपया पिछले सात महीने से लागातार कमज़ोर हो रहा है. इस साल 14 मई को रुपया में बीते 22 महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई जब ये 152.27 रुपए प्रति डॉलर हो गया. अब तक इसमें 16.7 फ़ीसदी (यानी 25.44 रुपये) की गिरावट आई है.

    पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के जारी आँकड़ों से पता चला है कि एक जुलाई,2021 से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष से पाकिस्तानी रुपया 12.80% यानी 20.17 रुपए तक की गिरा है.

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    बीते शनिवार को सऊदी अरब से पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर का क़र्ज़ दिया था. यह क़र्ज़ सऊदी से मिलने वाला आर्थिक पैकेज का हिस्सा है.

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पिछले महीने 24 तारीख़ को कहा था कि उनके पास मुल्क को चलाने के लिए पैसे नहीं हैं और क़र्ज़ बढ़ता जा रहा है.

    इमरान ख़ान ने कहा था, ''हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपने मुल्क को चलाने के लिए उतना पैसा नहीं है. इसकी वजह से हम क़र्ज़ लेते हैं.'

  19. दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रवेश परीक्षा से कराने का प्रस्ताव पास

    डीयू

    दिल्ली यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद ने कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के लिए एक प्रस्ताव पास किया है.

    यह प्रस्ताव कुलपति योगेश सिंह की ओर से गठित नौ सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट पर आधारित है. इस साल डीयू में कट-ऑफ़ सिस्टम के कारण कुछ कोर्स में ज़्यादा तो कुछ कोर्स में बेहद कम दाखिले हो सके थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया.

    कटऑफ सिस्टम की ख़ामी में बताया गया है कि कुछ बोर्ड के छात्र ही बड़ी संख्या में दाखिला पा रहे हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट में केरल बोर्ड का भी ज़िक्र किया था.

    समिति की रिपोर्ट ने वर्तमान कट-ऑफ सिस्टम का विश्लेषण करने के बाद कहा कि "जब तक विश्वविद्यालय में स्नातक प्रवेश कट-ऑफ पर आधारित हैं,तब तक एडमिशन में इस तरह की असमानता से नहीं बचा जा सकता.’’

    इस प्रस्ताव के पास होने से दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन के पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा से एडमिशन का रास्ता साफ़ हो गया है.

    अकादमिक परिषद की बैठक में शुक्रवार रात यह प्रस्ताव पास किया गया. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से डीयू चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा.

    इसके अलावा नैनो मेडिसिन सेंटर खोलने पर भी सहमति बनी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की योजना है कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसेट) के ज़रिए एडमिशन हो. डीयू में इसी साल यह प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टालना पड़ा था.

    समिति ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय एक अच्छी तरह से तैयार आंतरिक व्यवस्था के माध्यम से या किसी बाहरी एजेंसी के माध्यम से एक केंद्रीय प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाए है ताकि प्रवेश की प्रक्रिया "पर्याप्त रूप से निष्पक्ष" हो सके.

    हालांकि अकादमी परिषद के 16 सदस्यों ने एक असहमति पत्र के ज़रिए कहा कि वे विश्वविद्यालय की आजमाई हुई और परखी हुई प्रवेश प्रक्रिया को जल्दबाजी में न बदला जाए.

    इन सदस्यों कहना है कि सीईटी का प्रस्ताव देने वाली रिपोर्ट केवल शैक्षणिक सत्र 2021-22 पर आधारित है,जो महामारी की अवधि के दौरान हुई थी. प्रक्रिया में बदलाव के लिए पर्याप्त समय के डेटा का विश्लेषण करना चाहिए और इसके बाद ही बदलाव को उचित ठहराया जा सकता है.