विराट कोहली को हटा कर रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान बनाने पर क्या बोले सौरव गांगुली?
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सौरव गांगुली की फ़ाइल फ़ोटोImage caption: सौरव गांगुली की फ़ाइल फ़ोटो
विराट कोहली से वनडे की कप्तानी रोहित शर्मा को दिए जाने पर बीसीसीआई अध्यक्ष
और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि बोर्ड और चयनकर्ताओं ने
मिलकर रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान बनाने का फ़ैसला किया है.
अभी दक्षिण अफ़्रीका
में खेले जाने वाली वनडे सिरीज़ के लिए टीम की घोषणा नहीं की गई है.
तीन टेस्ट
मैचों की सिरीज़ 26 दिसंबर से शुरू
होकर 15 जनवरी तक खेली जाएगी. इस टेस्ट सिरीज़ में रोहित शर्मा को उपकप्तान भी बनाया गया है.
टेस्ट मैचों के बाद 19 जनवरी से तीन वनडे मैचों की सिरीज़ खेली जाएगी. रोहित शर्मा इसी मैच से टीम की कप्तानी करेंगे.
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गांगुली ने यह भी
बताया कि इस बारे में वे और चीफ़ सेलेक्टर ने विराट कोहली से भी बात की थी. गांगुली ने कोहली
को वनडे फॉर्मेट में उनके योगदान के लिए धन्यवाद भी दिया.
गांगुली ने एएनआई से कहा, "इसका फ़ैसला बीसीसीआई और
सेलेक्टर्स ने साथ लिया है. दरअसल, बीसीसीआई ने विराट कोहली से टी20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था लेकिन जैसा कि ज़ाहिर है वे नहीं
माने. तो सेलेक्टर्स ने सफ़ेद गेंद से खेली जाने वाली वनडे और टी20 क्रिकेट में दो अलग अलग कप्तानों को रखना सही नहीं समझा."
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उन्होंने बताया, "तो यह निर्णय लिया गया कि विराट टेस्ट में कप्तानी करते रहेंगे
और रोहित सफ़ेद गेंद से खेले जाने वाले दोनों प्रारूपों वनडे और टी20 में कप्तानी करेंगे. मैंने
बतौर अध्यक्ष विराट कोहली से व्यक्तिगत तौर पर बात की और सेलेक्टर्स के चेयरमैन ने
भी उनसे बात की."
"हमें रोहित शर्मा की नेतृत्व क्षमता पर
पूरा यकीन है. विराट टेस्ट में कप्तानी जारी रखेंगे. हम बतौर बीसीसीआई आश्वसत
हैं कि भारतीय क्रिकेट अच्छे हाथों में है. हम वनडे मैचों में बतौर कप्तान विराट
कोहली को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं."
हांगकांग के मीडिया मुग़ल जिमी लाइ दोषी क़रार, 13 को सुनाई जाएगी सज़ा
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जिमी लाइImage caption: जिमी लाइ
हांगकांग के मीडिया
मुग़ल जिमी लाइ को तियानमेन नरसंहार की बरसी पर हुए एक जुलूस में भाग लेने के लिए
अन्य दो प्रमुख एक्टिविस्टों के साथ दोषी क़रार दिया गया है.
जिमी लाइ के साथ
दोषी ठहराए गए दो एक्टिविस्ट हैं- ग्वेनेथ हो और चाउ हैंग तुंग. इन तीनों को लोगों
को उकसाने और एक ग़ैर-क़ानूनी सभा में भाग लेने के लिए दोषी क़रार दिया गया है.
इन लोगों को सोमवार
यानी 13 दिसंबर को सज़ा सुनाई जाएगी. इन्हें अधिकतम पांच साल तक की क़ैद की सजा मिल
सकती है.
जिमी लाई हांगकांग
के बंद हो चुके एप्पल डेली अख़बार के संस्थापक और जाने माने उद्योगपति हैं.
लाई हांगकांग के
लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के सबसे प्रमुख समर्थकों में से एक माने जाते हैं. उन्हें
इस साल के शुरू में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए जेल भेजा
गया था.
तियानमेन चौक की बरसी में शरीक़ होने के आरोप
दोषी ठहराए गए
तीनों लोग हांगकांग के उन हज़ारों लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 1989 में बीजिंग के तियानमेन चौक पर मारे गए लोगों की याद में
आयोजित एक जुलूस में 2020 के जून में भाग लिया था. इस जुलूस पर सरकार ने पाबंदी
लगा रखी थी.
इस मामले में दो
दर्जन से अधिक नेताओं और एक्टिविस्टों को अभियुक्त बनाया गया था. इन तीनों लोगों
पर फ़ैसला सबसे अंत में आया, क्योंकि इन्होंने अपने पर लगाए गए आरोपों
को चुनौती देने का निर्णय किया था.
ट्रायल के दौरान इन
लोगों ने कहा था कि उन्होंने निजी हैसियत से जुलूस में मोमबत्तियां जलाई थीं. साथ
ही कहा कि उन्होंने बिना मंज़ूरी के आयोजित इस रैली में दूसरों को शामिल होने के
लिए नहीं "उकसाया" था.
हालांकि
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमांडा वुडकॉक ने कहा कि उनके तर्क "साफ़ तौर पर
बेमतलब" के हैं. साथ ही कहा कि जुलूस में इनका शामिल होना "पुलिस के
आदेशों की अवहेलना और विरोध करने वाला काम था."
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत की मौत कब हुई?
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भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावतImage caption: भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत
भारत
के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत का बुधवार दोपहर तमिलनाडु में एक
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में असमय निधन हो गया है.
इस
दुर्घटना में उनके साथ कुल 13 लोगों की मौत हुई है जिसमें उनकी पत्नी मधुलिका रावत
भी शामिल हैं.
हालांकि,
बुधवार शाम तक इस हादसे से जुड़ी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं थी.
लेकिन
समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी में ये बात सामने आई है कि जनरल रावत
कितने बजे सुलूर एयरबेस से निकले थे और उन्हें कितने बजे वेलिंग्टन डिफेंस सर्विस
स्टाफ़ कॉलेज पहुँचना था.
पढ़िए
इस हादसे में कब क्या हुआ –
बुधवार
सुबह 9 बजे – जनरल रावत ने दिल्ली स्थित पालम एयर बेस से अपनी पत्नी मधुलिका रावत और
स्टाफ़ के साथ भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ़्ट एम्बरिअर से तमिलनाडु के कोयंबटूर
के नजदीक स्थित सुलूर एयर बेस के लिए उड़ान भरी.
बुधवार
सुबह 11 बजकर 35 मिनट – जनरल रावत अपनी पत्नी और स्टाफ़ के साथ सुलूर एयबेस
पहुँचे.
बुधवार
सुबह 11 बजकर 45 मिनट – भारतीय वायु सेना के आधुनिक हेलिकॉप्टर एमआई 17 वी 5 ने जनरल
रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोगों के साथ वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विस
स्टाफ़ कॉलेज़ के लिए उड़ान भरी.
बुधवार
दोपहर 12 बजकर 20 मिनट – हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो
गया.
बुधवार
दोपहर 1 बजकर 53 मिनट – भारतीय वायुसेना ने रावत को लेकर उड़ रहे एमआई17वी5 के
कुन्नूर के नज़दीक दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की.
बुधवार
शाम 6 बजकर 3 मिनट – भारतीय वायुसेना ने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत
समेत कुल 13 लोगों की मौत होने की पुष्टि की. और इस हादसे में एक सैनिक ग्रुप
कैप्टन वरुण सिंह के ज़िंदा बचने की पुष्टि की.
जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैनिकों को प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पहुंच कर जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत सेना के सभी 13 लोगों का पार्थिव शरीर गुरुवार की शाम दिल्ली लाया गया.
तीनों सेना के अधिकारियों और जवानों ने विमान से उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा.
प्रधानमंत्री के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि दिया.
एयरपोर्ट पर सैनिकों के परिवार वाले मौजूद थे.
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बुधवार को तमिलनाडु में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ समेत सेना के 13 लोगों का निधन हो गया था.
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उनके और उनकी पत्नी के पार्थिक शरीर को दिल्ली के के कामराज मार्ग पर स्थित जनरल बिपिन रावत के सरकारी आवास पर ले जाया जाएगा.
शुक्रवार को 11 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
दोपहर दो बजे इनके पार्थिव शरीर को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर ले जाया जाएगा.
शाम क़रीब 4 बजे धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
शरजील इमाम को जामिया हिंसा मामले में मिली ज़मानत, लेकिन जेल में ही रहना होगा
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दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा मामले में ज़मानत दे दी है.
लेकिन शरजील इमाम अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन पर तीन अन्य मामले दर्ज हैं.
शरजील इमाम पर आरोप है कि दिसंबर 2019 में उन्होंने जामिया में भड़काने वाले भाषण दिए थे, जिसके कारण वहाँ हिंसा भड़की.
जनवरी 2020 में दिल्ली पुलिस ने उन पर इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की थी.
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शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान 15 दिसंबर, 2019 को यह भाषण दिया था.
पुलिस का आरोप है कि उनके भाषण के बाद जामिया के इलाक़े में हिंसा भड़की थी.
शरजील इमाम को 28 जनवरी 2020 को बिहार से गिरफ़्तार किया गया था.
CAA और NRC का विरोध करने के दौरान शरजील का एक वीडिया वायरल हुआ था.
वायरल हुए वीडियो में शरजील कहते दिखते हैं कि, "अगर हमें असम के लोगों की मदद करनी है तो उसे भारत से कट करना होगा."
अप्रैल 2020 में शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया था.
जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा
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जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत सेना की सभी 13 लोगों का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंच गया है.
तीनों सेना के अधिकारियों और जवानों ने विमान से उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा.
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उनके और उनकी पत्नी के पार्थिक शरीर को दिल्ली के के कामराज मार्ग पर स्थित जनरल बिपिन रावत के सरकारी आवास पर ले जाया जाएगा.
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शुक्रवार को 11 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
दोपहर दो बजे इनके पार्थिव शरीर को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर ले जाया जाएगा.
शाम क़रीब 4 बजे धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 09 दिसंबर 2021, सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली से
ओमिक्रॉन का असर, भारत से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान 31 जनवरी तक स्थगित
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भारत सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनज़र नियमित अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री विमानों की उड़ान को 31 जनवरी तक स्थगित करने का निर्णय किया है.
पहले भारत सरकार 15 दिसंबर से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने वाली थी.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब ये उड़ानें 31 जनवरी तक स्थगित रहेंगी.
ये पाबंदी अंतरराष्ट्रीय कार्गो उड़ान और डीजीसीए की ओर से मंज़ूर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लागू नहीं होगी. डीजीसीए ने ये भी स्पष्ट किया है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री विमानों की उड़ान को ख़ास स्थिति में मंज़ूरी दी जा सकती है. भारत का 30 से ज़्यादा देशों के साथ एयर बबल एग्रीमेंट भी है, जिसके तहत कई देशों की उड़ानें जारी हैं.
तेजस्वी यादव की दिल्ली में हुई शादी, जानिए कौन हैं उनकी पत्नी
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राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शादी कर ली है.
उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने तस्वीर के साथ ये जानकारी ट्विटर पर शेयर की है.
मीडिया में कुछ दिनों से तेजस्वी की शादी और उनकी होने वाली दुल्हन को लेकर चर्चाएँ चल रही थी.
इस बारे में कुछ दिन पहले रोहिणी ने एक ट्वीट किया था. उसमें उन्होंने लिखा था, ''भाई के सिर पर सेहरा है सजने वाला, ख़ुशियों से गुलज़ार घर का आँगन है होने वाला.''
रोहिणी ने अपने आज के ट्वीट में बधाई देते हुए तेजस्वी की दुल्हन का नाम 'रेचेल' लिखा है.
बताया जा रहा था कि उनकी पत्नी ईसाई परिवार से आती हैं और पिछले कई सालों से तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती रही है. ये भी बताया जा रहा है कि वे पहले एयर होस्टेस थी.
भाई बहनों में सबसे छोटे हैं तेजस्वी
तेजस्वी यादव अपनी सात बहनों और दो भाई में सबसे छोटे हैं. उनके पिता लालू प्रसाद यादव और माँ राबड़ी देवी दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
हालांकि भाई में भी छोटा होने के बावजूद उनके पिता ने राजद का नेतृत्व करने का दायित्व उन्हीं के कंधों पर डाला है. अपने पिता के जेल में और बीमार रहने के बाद पिछले तीन-चार साल से पार्टी तेजस्वी ही संभाल रहे हैं.
हालांकि बीच बीच में उनके अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव से मतभेद की ख़बरें भी सुर्ख़ियां बनती रही हैं. दावा किया जाता रहा है कि तेज प्रताप पार्टी में महत्व न मिलने से नाराज़ रहते हैं. लेकिन शादी में तेज प्रताप यादव समेत पूरा परिवार शामिल हुआ.
पाकिस्तान में मारे गए प्रियंथा के भाई ने कहा- जानवरों के साथ भी कोई ऐसा नहीं करता
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पाकिस्तान के सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर मार दिए गए प्रियंथा कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को कर दिया गया.
उनका शव छह दिसंबर को पाकिस्तान से श्रीलंका ले जाया गया था.
स्थानीय क़ब्रिस्तान में दफ़नाने से पहले बौद्ध धर्म के तहत उनका अंतिम संस्कार हुआ.
प्रियंथा कुमार के भाई ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "मनुष्य के रूप में हम किसी जानवर को मारने से पहले भी दो बार सोचते हैं, यहां तक कि जब हम किसी जानवर को मारते हैं तो हम उस तरह से नहीं मारते हैं. यह एक नृशंस हत्या है. उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया."
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस घटना की निंदा की थी और कहा था कि जिन लोगों ने धर्म के नाम पर सियालकोट में जुल्म किया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस घटना ने न केवल पूरे देश को शर्मसार किया है बल्कि इससे देश की छवि भी धूमिल हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह तय किया है कि ईशनिंदा के नाम पर श्रीलंकाई नागरिक के जैसी हत्या की घटनाओं को दोबारा नहीं होने देना चाहिए. श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा दियावदाना सियालकोट की एक फ़ैक्टरी में बतौर मैनेजर काम करते थे. तीन दिसंबर को हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर उनकी हत्या की और बाद में उनके शरीर को आग लगा दिया.
वैक्सीन के लिए तरसते नाइजीरिया में कैसे बर्बाद हो गई लाखों वैक्सीन
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अफ़्रीकी देश नाइजीरिया में कोविड वैक्सीन की क़रीब 10 लाख डोज़ बेकार हो गई है, क्योंकि इसे समय रहते इस्तेमाल नहीं किया गया.
नाइजीरिया की कुल आबादी के सिर्फ़ तीन फ़ीसदी लोगों को ही कोविड वैक्सीन की पूरी डोज़ मिली है. ये अफ़्रीका के अन्य देशों के मुक़ाबले काफ़ी कम है.
दक्षिण अफ़्रीका में 24 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लगी है.
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नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी बेकार हो चुकी वैक्सीन को नष्ट कर दिया जाएगा. नाइजीरिया अफ़्रीका के उन देशों में शामिल है, जिसे वैक्सीन के लिए संघर्ष करना पड़ा. क्योंकि वैक्सीन निर्माताओं ने धनी देशों से पहले ही करार कर लिया था. इस साल अगस्त में नाइजीरिया को ब्रिटेन ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की सात लाख डोज़ उपलब्ध कराई, जबकि सितंबर में कनाडा ने आठ लाख वैक्सीन दी. अक्तूबर में फ़्रांस ने नाइजीरिया को वैक्सीन की पाँच लाख डोज़ दी. इसी समय नाइजीरिया को अमेरिका की ओर से मॉडर्ना की 40 लाख डोज़ और फ़ाइजर की 36 लाख डोज़ उपलब्ध कराई. हालाँकि नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उन्हें कई वैक्सीन ऐसे समय मिली, जब उनके एक्सपायर होने में कम ही समय बचा था. साथ ही उन्हें रखने की समस्या भी थी.
इमरान ख़ान ने कहा, नरेंद्र मोदी की सरकार अपने देश के लिए ही ख़तरा
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि उन्होंने पद संभालने के बाद भारत के साथ शांति स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत की सरकार ने हमारी पहल को कमज़ोरी समझा.
इस्लामाबाद कॉन्क्लेव 2021 के उदघाटन सत्र में इमरान ख़ान ने कहा कि हिंदुत्व के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार अपने ही देश के लिए ख़तरा बन सकती है, क्योंकि उनकी ख़ास विचारधारा ने भारत की एक बड़ी आबादी को अलग-थलग कर दिया है.
इमरान ख़ान ने कहा कि ऐसा करने से केवल कट्टरवाद ही पैदा होगा. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और कश्मीर का मसला बातचीत से ही हल हो सकता है. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि वे ओआईसी के मंच से भी अफ़ग़ानिस्तान के मानवीय संकट का मुद्दा उठाएँगे और पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाएगा.
LIVE: किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला किया. सिंघु बॉर्डर से ज़्यादा जानकारी के साथ बीबीसी संवाददाता विनीत खरे
लेकिन उसके बाद किसानों ने एमएसपी और केस वापस लेने की भी मांग की. पिछले कुछ दिनों से किसान और सरकार के बीच बातचीत चल रही थी और अब केंद्र के प्रस्ताव के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला किया है.
दो दिन पहले केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ स्पष्टीकरण मांगा था.
फिर नए दौर की बातचीत हुई और गुरुवार को केंद्र की ओर से नई चिट्ठी आई और इसके बाद आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला हुआ.
गुजरात दंगा मामले में ज़किया जाफ़री की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित
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सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के मामले में ज़किया जाफ़री की फिर से जाँच कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित कर लिया है.
ज़किया जाफ़री कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी हैं. एहसान जाफ़री गुजरात दंगों में मारे गए थे.
सुप्रीम कोर्ट में ज़किया जाफ़री का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे थे. उन्होंने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली जजों की तीन सदस्यीय खंडपीठ को बताया कि वे चाहते हैं कि इस मामले में बड़ी साज़िश की जाँच की मांग कर रहे हैं, जिसकी एसआईटी ने जाँच नहीं की है.
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एक दिन पहले ज़किया जाफ़री ने अदालत को बताया था कि उन्होंने उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को फँसाने की कोशिश नहीं की थी. कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा- जहाँ तक पूर्व मुख्यमंत्री की बात है, मेरे पास कुछ और कहने के लिए नहीं हैं. मैं उस पर बहस नहीं करना चाहता और न ही मैंने इस पर बहस की है. किसी भी समय न मैंने पूर्व मुख्यमंत्री को फँसाने की कोशिश नहीं की और न ही इस पर बहस की है. अब भी मैं इस पर बहस नहीं कर रहा हूँ. इस महीने के शुरू में एसआईटी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अदालत से इस मामले को बंद करने की अपील की थी.
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इस मामले में विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने 8 फ़रवरी 2012 को मामला बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं हैं. 2002 में गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में लगी आग में कई कार सेवकों की मौत हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग लगाए गए डिब्बे में कुल 59 लोग मौजूद थे. इनमें से ज़्यादातर वो लोग थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे. इसके बाद गुजरात में अलग-अलग जगहों पर दंगे भड़क गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, इन दंगों में कुल 1044 लोग मारे गए, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे. गुजरात के दंगों के मामले में 450 से ज़्यादा लोगों को अदालतों ने दोषी ठहराया था. इनमें से लगभग 350 हिंदू और 100 मुसलमान हैं. मुसलमानों में 31 को गोधरा कांड के लिए और बाक़ियों को उसके बाद भड़के दंगों के लिए दोषी पाया गया है.
छत्तीसगढ़ में अपने ही विभाग के ख़िलाफ़ सड़कों पर क्यों उतरे सैकड़ों पुलिसकर्मी
आलोक प्रकाश पुतुल, रायपुर से बीबीसी हिंदी के लिए
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छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर ज़िले में,
पुलिसकर्मियों द्वारा परिजनों के साथ कथित मारपीट के विरोध में पुलिस विभाग के ही सहायक
आरक्षक सड़कों पर उतर आए हैं.
ज़िले के अलग-अलग थानों में एक हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों
ने अपने हथियार थाने में जमा करवा दिए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
होमगार्ड
और गोपनीय सैनिक भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं.
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प्रदर्शन कर रहे एक सहायक आरक्षक ने बीबीसी से कहा, “माओवादी मोर्चे पर हमें हमेशा आगे रखा जाता है. सबसे ज़्यादा शहादत हमारी होती है. लेकिन जब हमारे परिवार की महिलाएँ और बच्चे, हमारी मांगों को लेकर रायपुर पहुँचते हैं तो उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है, उनके साथ मारपीट की जाती है. अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
एक अन्य सहायक आरक्षक ने कहा, “अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम अपनी नौकरी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं.”
हालांकि, ज़िले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप का कहना है कि सहायक आरक्षकों की मांग को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी भी बना दी है. वे ख़ुद भी सहायक आरक्षकों को समझा रहे हैं कि वे अपने काम पर लौट आएँ.
लेकिन गुरुवार को भी बीजापुर ज़िला मुख्यालय में सैकड़ों सहायक आरक्षक, होमगार्ड और गोपनीय सैनिक प्रदर्शन स्थल पर जमे हुए हैं.
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महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
असल में सोमवार को सहायक आरक्षकों के परिजन बड़ी संख्या में रायपुर पहुंचे थे. इनमें अधिकांश महिलाएं थीं.
सहायक आरक्षकों की वेतन वृद्धि, पदोन्नति, पेंशन जैसी मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंची.
इन महिलाओं का आरोप है कि उन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया और आधी रात को सोई हुई महिलाओं के साथ भी मार-पीट की गई.
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अगले दिन एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से भी मुलाकात की, जहां पुलिस महानिदेशक ने उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया.
लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मंगलवार की रात रायपुर-जगदलपुर मार्ग जाम कर दिया और मांग रखी कि उनकी मांगों को लेकर सरकार लिखित में जवाब दे.
इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एडीजी हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की घोषणा करते हुए, सहायक आरक्षकों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.
इस बीच जब प्रदर्शनकारी महिलाएं बीजापुर पहुंची तो उन्होंने अपने साथ हुए कथित दुर्व्यवहार और मारपीट की ख़बर साझा की.
इसके बाद बुधवार को देखते ही देखते अलग-अलग थानों में सहायक आरक्षकों का जमावड़ा शुरु हो गया.
प्रदर्शनकारी आरक्षकों का दावा है कि भोपालपटनम, मिरतूर, मोदकपाल, बासागुड़ा समेत कम से कम 20 थानों में 1200 से अधिक सहायक आरक्षकों ने थाने में अपने हथियार जमा कर दिए और जगह-जगह प्रदर्शन किया है.
हालांकि, ज़िले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने प्रदर्शनकारी सहायक आरक्षकों से मिल कर उन्हें समझाने की कोशिश की.
लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने पुलिस अधीक्षक के काम पर लौटने के निर्देश को मानने से इंकार कर दिया.
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में धमाका, 7 दमकल गाड़ियाँ पहुँचीं
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दिल्ली
के रोहिणी कोर्ट परिसर में गुरुवार सुबह एक धमाके की ख़बर है.
समाचार
एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, कोर्ट परिसर में हुए इस धमाके के बाद दमकल विभाग के सात
वाहनों घटनास्थल पर पहुँच रही हैं.
डीसीपी
प्रणव तयाल के मुताबिक़, ये धमाका एक लैपटॉप बैग में हुआ है, जब एक मामले की सुनवाई
चल रही थी.
इस
धमाके में एक व्यक्ति घायल हुआ है और उसे अस्पताल ले जाया गया है.
जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से सुधा भारद्वाज की ये तस्वीर साझा की है.Image caption: जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से सुधा भारद्वाज की ये तस्वीर साझा की है.
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में गिरफ़्तार एक्टिविस्ट वकील सुधा भारद्वाज गुरुवार को महाराष्ट्र की बायकुला
जेल से रिहा हो गई हैं.
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में गिरफ़्तार एक्टिविस्ट वकील सुधा
भारद्वाज को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक दिसंबर को डिफॉल्ट ज़मानत दी थी.
इस ज़मानत के
ख़िलाफ़ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट गई थी. लेकिन सुप्रीम
कोर्ट ने एनआईए की इस चुनौती को ख़ारिज कर दिया था और बॉम्बे हाई कोर्ट के फ़ैसले
पर मुहर लगा दी थी.
सुधा भारद्वाज पिछले ढाई साल से जेल में हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने
कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21में निजी स्वतंत्रता के अधिकार के तहत सुधा
भारद्वाज को जेल में नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि तकनीकी कारण से ज़मानत
नहीं रोकी जा सकती है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि बेल नहीं देने का तर्क बहुत
तकनीकी है.
एक दिसंबर को ज़मानत का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने कहा था,
''एनआईए
कोर्ट को गिरफ़्तारी की अवधि निर्धारित 90दिनों से आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं है.''
हालांकि अदालत ने आठ अन्य अभियुक्तों की ज़मानत अर्ज़ी को ठुकरा
दिया. इनमें सुधीर डवाले, डॉ पी वरवरा राव, रोना
विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, प्रोफ़ेसर शोमा सेन, महेश
राउत, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फेरेइरा शामिल हैं.
इन सभी की गिरफ़्तारी 2018 में जून से अगस्त महीने की बीत हुई थी.
अदालत ने सुधा भारद्वाज को आठ दिसंबर से पहले एनआईए के विशेष कोर्ट में पेश होने
के लिए कहा था और यहीं ज़मानत की शर्तों पर उन्हें रिहा किया गया.
राजनाथ सिंह ने बताया कैसे हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
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बुधवार को तमिलनाडु में सेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बच गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की स्थिति के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया है.
इस दुर्घटना में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.
वरुण सिंह की स्थिति गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा- वरुण सिंह जीवन रक्षक उपकरणों पर हैं और उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. वेलिंगटन के सैनिक अस्पताल में वरुण सिंह का इलाज चल रहा है.
इसी साल अगस्त में वरुण सिंह को शौर्य चक्र दिया गया था. दरअसल उनके तेजस विमान में उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या आ गई थी. लेकिन इस आपात स्थिति के बावजूद वरुण सिंह तेजस को सुरक्षित लैंड करा पाने में सफल रहे थे.
जनरल बिपिन रावत के निधन पर लोकसभा में क्या बोले राजनाथ सिंह
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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में जनरल बिपिन रावत के निधन की सूचना देते हुएImage caption: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में जनरल बिपिन रावत के निधन की सूचना देते हुए
केंद्रीय
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ बिपिन रावत के
असमय निधन पर लोकसभा में अपना आधिकारिक बयान दिया है.
उन्होंने
कहा, “आज
मैं बड़े दुख और भारी मन से 8 दिसंबर 2021 की दोपहर में हुई सैन्य हेलिकॉप्टर जिसमें
भारत के प्रथम चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्म पत्नी मधुलिका
रावत एवं 12 अन्य सवार थे, की दुर्घटना के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार से अवगत कराने के
लिए आपके बीच खड़ा हुआ हूं.
जनरल
बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ़ वाले वेलिंग्टन के स्टूडेंट्स ऑफिसर्स से इंटरेक्ट
करने के लिए अपने एक तय दौरे पर थे. एयरफोर्स के एमआई 17 वी5 हेलिकॉप्टर ने कल 11
बजकर 48 मिनट पर सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी. इसे 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन में
उतरना था."
राजनाथ सिंह ने बताया है कि जनरल रावत के हेलिकॉप्टर का 12 बजकर 8 मिनट पर एटीसी से संपर्क टूट गया था.
उन्होंने कहा, "सुलूर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने लगभग 12 बजकर 8 मिनट पर हेलिकॉप्टर से अपना कॉन्टेक्ट खो दिया. बाद में कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने आग लगी हुई देखी. जब वे भागकर उस स्थान पर पहुंचे तो उन्होंने सैन्य हेलिकॉप्टर के अवशेष को आग की लपटों से घिरा हुआ देखा . स्थानीय प्रशासन से एक बचाव दल उस जगह पर पहुंचा.
उन्होंने क्रैश साइट से बचे हुए लोगों को रिकवर करने का प्रयास किया. उस अवशेष से जितने भी लोगों को निकाला जा सका. उन सभी को जल्द से जल्द वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में पहुंचाय गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उस हेलिकॉप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो गयी. जिन लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतें हुई हैं, उनमें चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर, स्टाफ़ ऑफिसर लेफ़्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और वायुसेना हेलिकॉप्टर के चालकदल समेत सशस्त्र बलों के अन्य 9 लोग शामिल हैं.”
इसके बाद राजनाथ सिंह ने इस दुर्घटना में मरने वाले सभी लोगों के नाम सदन में बताए.
इसके
बाद उन्होंने कहा, “इस दुर्घटना में मरने वाले सभी लोगों के पार्थिव शरीर को
एक विशेष विमान से दिल्ली लाया जाएगा. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंग्टन के सैन्य
अस्पताल में लाइफ़ सपोर्ट पर हैं, और उन्हें बचाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे
हैं.”
बता
दें कि राजनाथ सिंह इससे पहले बुधवार दोपहर संसद में अपना आधिकारिक बयान देने वाले
थे.
लेकिन
तमाम उच्चस्तरीय बैठकों के बीच ख़बर आई कि राजनाथ सिंह बुधवार की जगह गुरुवार सुबह
संसद में बयान देंगे.
लाइव रिपोर्टिंग
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विराट कोहली को हटा कर रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान बनाने पर क्या बोले सौरव गांगुली?
विराट कोहली से वनडे की कप्तानी रोहित शर्मा को दिए जाने पर बीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि बोर्ड और चयनकर्ताओं ने मिलकर रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान बनाने का फ़ैसला किया है.
अभी दक्षिण अफ़्रीका में खेले जाने वाली वनडे सिरीज़ के लिए टीम की घोषणा नहीं की गई है.
तीन टेस्ट मैचों की सिरीज़ 26 दिसंबर से शुरू होकर 15 जनवरी तक खेली जाएगी. इस टेस्ट सिरीज़ में रोहित शर्मा को उपकप्तान भी बनाया गया है.
टेस्ट मैचों के बाद 19 जनवरी से तीन वनडे मैचों की सिरीज़ खेली जाएगी. रोहित शर्मा इसी मैच से टीम की कप्तानी करेंगे.
गांगुली ने यह भी बताया कि इस बारे में वे और चीफ़ सेलेक्टर ने विराट कोहली से भी बात की थी. गांगुली ने कोहली को वनडे फॉर्मेट में उनके योगदान के लिए धन्यवाद भी दिया.
गांगुली ने एएनआई से कहा, "इसका फ़ैसला बीसीसीआई और सेलेक्टर्स ने साथ लिया है. दरअसल, बीसीसीआई ने विराट कोहली से टी20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था लेकिन जैसा कि ज़ाहिर है वे नहीं माने. तो सेलेक्टर्स ने सफ़ेद गेंद से खेली जाने वाली वनडे और टी20 क्रिकेट में दो अलग अलग कप्तानों को रखना सही नहीं समझा."
उन्होंने बताया, "तो यह निर्णय लिया गया कि विराट टेस्ट में कप्तानी करते रहेंगे और रोहित सफ़ेद गेंद से खेले जाने वाले दोनों प्रारूपों वनडे और टी20 में कप्तानी करेंगे. मैंने बतौर अध्यक्ष विराट कोहली से व्यक्तिगत तौर पर बात की और सेलेक्टर्स के चेयरमैन ने भी उनसे बात की."
"हमें रोहित शर्मा की नेतृत्व क्षमता पर पूरा यकीन है. विराट टेस्ट में कप्तानी जारी रखेंगे. हम बतौर बीसीसीआई आश्वसत हैं कि भारतीय क्रिकेट अच्छे हाथों में है. हम वनडे मैचों में बतौर कप्तान विराट कोहली को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं."
हांगकांग के मीडिया मुग़ल जिमी लाइ दोषी क़रार, 13 को सुनाई जाएगी सज़ा
हांगकांग के मीडिया मुग़ल जिमी लाइ को तियानमेन नरसंहार की बरसी पर हुए एक जुलूस में भाग लेने के लिए अन्य दो प्रमुख एक्टिविस्टों के साथ दोषी क़रार दिया गया है.
जिमी लाइ के साथ दोषी ठहराए गए दो एक्टिविस्ट हैं- ग्वेनेथ हो और चाउ हैंग तुंग. इन तीनों को लोगों को उकसाने और एक ग़ैर-क़ानूनी सभा में भाग लेने के लिए दोषी क़रार दिया गया है.
इन लोगों को सोमवार यानी 13 दिसंबर को सज़ा सुनाई जाएगी. इन्हें अधिकतम पांच साल तक की क़ैद की सजा मिल सकती है.
जिमी लाई हांगकांग के बंद हो चुके एप्पल डेली अख़बार के संस्थापक और जाने माने उद्योगपति हैं.
लाई हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के सबसे प्रमुख समर्थकों में से एक माने जाते हैं. उन्हें इस साल के शुरू में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए जेल भेजा गया था.
तियानमेन चौक की बरसी में शरीक़ होने के आरोप
दोषी ठहराए गए तीनों लोग हांगकांग के उन हज़ारों लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 1989 में बीजिंग के तियानमेन चौक पर मारे गए लोगों की याद में आयोजित एक जुलूस में 2020 के जून में भाग लिया था. इस जुलूस पर सरकार ने पाबंदी लगा रखी थी.
इस मामले में दो दर्जन से अधिक नेताओं और एक्टिविस्टों को अभियुक्त बनाया गया था. इन तीनों लोगों पर फ़ैसला सबसे अंत में आया, क्योंकि इन्होंने अपने पर लगाए गए आरोपों को चुनौती देने का निर्णय किया था.
ट्रायल के दौरान इन लोगों ने कहा था कि उन्होंने निजी हैसियत से जुलूस में मोमबत्तियां जलाई थीं. साथ ही कहा कि उन्होंने बिना मंज़ूरी के आयोजित इस रैली में दूसरों को शामिल होने के लिए नहीं "उकसाया" था.
हालांकि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमांडा वुडकॉक ने कहा कि उनके तर्क "साफ़ तौर पर बेमतलब" के हैं. साथ ही कहा कि जुलूस में इनका शामिल होना "पुलिस के आदेशों की अवहेलना और विरोध करने वाला काम था."
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत की मौत कब हुई?
भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत का बुधवार दोपहर तमिलनाडु में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में असमय निधन हो गया है.
इस दुर्घटना में उनके साथ कुल 13 लोगों की मौत हुई है जिसमें उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल हैं.
हालांकि, बुधवार शाम तक इस हादसे से जुड़ी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं थी.
लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी में ये बात सामने आई है कि जनरल रावत कितने बजे सुलूर एयरबेस से निकले थे और उन्हें कितने बजे वेलिंग्टन डिफेंस सर्विस स्टाफ़ कॉलेज पहुँचना था.
पढ़िए इस हादसे में कब क्या हुआ –
बुधवार सुबह 9 बजे – जनरल रावत ने दिल्ली स्थित पालम एयर बेस से अपनी पत्नी मधुलिका रावत और स्टाफ़ के साथ भारतीय वायु सेना के एयरक्राफ़्ट एम्बरिअर से तमिलनाडु के कोयंबटूर के नजदीक स्थित सुलूर एयर बेस के लिए उड़ान भरी.
बुधवार सुबह 11 बजकर 35 मिनट – जनरल रावत अपनी पत्नी और स्टाफ़ के साथ सुलूर एयबेस पहुँचे.
बुधवार सुबह 11 बजकर 45 मिनट – भारतीय वायु सेना के आधुनिक हेलिकॉप्टर एमआई 17 वी 5 ने जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोगों के साथ वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ़ कॉलेज़ के लिए उड़ान भरी.
बुधवार दोपहर 12 बजकर 20 मिनट – हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
बुधवार दोपहर 1 बजकर 53 मिनट – भारतीय वायुसेना ने रावत को लेकर उड़ रहे एमआई17वी5 के कुन्नूर के नज़दीक दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की.
बुधवार शाम 6 बजकर 3 मिनट – भारतीय वायुसेना ने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत होने की पुष्टि की. और इस हादसे में एक सैनिक ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के ज़िंदा बचने की पुष्टि की.
जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैनिकों को प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पहुंच कर जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत सेना के सभी 13 लोगों का पार्थिव शरीर गुरुवार की शाम दिल्ली लाया गया.
तीनों सेना के अधिकारियों और जवानों ने विमान से उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा.
प्रधानमंत्री के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि दिया.
एयरपोर्ट पर सैनिकों के परिवार वाले मौजूद थे.
बुधवार को तमिलनाडु में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ समेत सेना के 13 लोगों का निधन हो गया था.
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उनके और उनकी पत्नी के पार्थिक शरीर को दिल्ली के के कामराज मार्ग पर स्थित जनरल बिपिन रावत के सरकारी आवास पर ले जाया जाएगा.
शुक्रवार को 11 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
दोपहर दो बजे इनके पार्थिव शरीर को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर ले जाया जाएगा.
शाम क़रीब 4 बजे धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
शरजील इमाम को जामिया हिंसा मामले में मिली ज़मानत, लेकिन जेल में ही रहना होगा
दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा मामले में ज़मानत दे दी है. लेकिन शरजील इमाम अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन पर तीन अन्य मामले दर्ज हैं.
शरजील इमाम पर आरोप है कि दिसंबर 2019 में उन्होंने जामिया में भड़काने वाले भाषण दिए थे, जिसके कारण वहाँ हिंसा भड़की. जनवरी 2020 में दिल्ली पुलिस ने उन पर इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की थी.
शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान 15 दिसंबर, 2019 को यह भाषण दिया था.
पुलिस का आरोप है कि उनके भाषण के बाद जामिया के इलाक़े में हिंसा भड़की थी.
शरजील इमाम को 28 जनवरी 2020 को बिहार से गिरफ़्तार किया गया था.
CAA और NRC का विरोध करने के दौरान शरजील का एक वीडिया वायरल हुआ था.
वायरल हुए वीडियो में शरजील कहते दिखते हैं कि, "अगर हमें असम के लोगों की मदद करनी है तो उसे भारत से कट करना होगा."
अप्रैल 2020 में शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया था.
जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा
जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत सेना की सभी 13 लोगों का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंच गया है.
तीनों सेना के अधिकारियों और जवानों ने विमान से उनके पार्थिव शरीर को विमान से उतारा.
थोड़ी देर में यहां जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
बुधवार को तमिलनाडु में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ समेत सेना के 13 लोगों का निधन हो गया था.
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उनके और उनकी पत्नी के पार्थिक शरीर को दिल्ली के के कामराज मार्ग पर स्थित जनरल बिपिन रावत के सरकारी आवास पर ले जाया जाएगा.
शुक्रवार को 11 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
दोपहर दो बजे इनके पार्थिव शरीर को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर ले जाया जाएगा.
शाम क़रीब 4 बजे धौलाकुआं के बरार स्क्वेयर में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 09 दिसंबर 2021, सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली से
ओमिक्रॉन का असर, भारत से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान 31 जनवरी तक स्थगित
भारत सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनज़र नियमित अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री विमानों की उड़ान को 31 जनवरी तक स्थगित करने का निर्णय किया है. पहले भारत सरकार 15 दिसंबर से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने वाली थी.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब ये उड़ानें 31 जनवरी तक स्थगित रहेंगी.
ये पाबंदी अंतरराष्ट्रीय कार्गो उड़ान और डीजीसीए की ओर से मंज़ूर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लागू नहीं होगी. डीजीसीए ने ये भी स्पष्ट किया है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल यात्री विमानों की उड़ान को ख़ास स्थिति में मंज़ूरी दी जा सकती है. भारत का 30 से ज़्यादा देशों के साथ एयर बबल एग्रीमेंट भी है, जिसके तहत कई देशों की उड़ानें जारी हैं.
तेजस्वी यादव की दिल्ली में हुई शादी, जानिए कौन हैं उनकी पत्नी
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शादी कर ली है. उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने तस्वीर के साथ ये जानकारी ट्विटर पर शेयर की है.
तेजस्वी यादव की शादी रेचेल के साथ हुई है. ये हाई प्रोफ़ाइल शादी दिल्ली में हुई है. लेकिन इस शादी समारोह से मीडिया को दूर ही रखा गया.
शादी दिल्ली के सैनिक फार्म से हुई. इस शादी में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव शामिल हुईं.
मीडिया में कुछ दिनों से तेजस्वी की शादी और उनकी होने वाली दुल्हन को लेकर चर्चाएँ चल रही थी.
इस बारे में कुछ दिन पहले रोहिणी ने एक ट्वीट किया था. उसमें उन्होंने लिखा था, ''भाई के सिर पर सेहरा है सजने वाला, ख़ुशियों से गुलज़ार घर का आँगन है होने वाला.''
रोहिणी ने अपने आज के ट्वीट में बधाई देते हुए तेजस्वी की दुल्हन का नाम 'रेचेल' लिखा है.
बताया जा रहा था कि उनकी पत्नी ईसाई परिवार से आती हैं और पिछले कई सालों से तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती रही है. ये भी बताया जा रहा है कि वे पहले एयर होस्टेस थी.
भाई बहनों में सबसे छोटे हैं तेजस्वी
तेजस्वी यादव अपनी सात बहनों और दो भाई में सबसे छोटे हैं. उनके पिता लालू प्रसाद यादव और माँ राबड़ी देवी दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
हालांकि भाई में भी छोटा होने के बावजूद उनके पिता ने राजद का नेतृत्व करने का दायित्व उन्हीं के कंधों पर डाला है. अपने पिता के जेल में और बीमार रहने के बाद पिछले तीन-चार साल से पार्टी तेजस्वी ही संभाल रहे हैं.
हालांकि बीच बीच में उनके अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव से मतभेद की ख़बरें भी सुर्ख़ियां बनती रही हैं. दावा किया जाता रहा है कि तेज प्रताप पार्टी में महत्व न मिलने से नाराज़ रहते हैं. लेकिन शादी में तेज प्रताप यादव समेत पूरा परिवार शामिल हुआ.
पाकिस्तान में मारे गए प्रियंथा के भाई ने कहा- जानवरों के साथ भी कोई ऐसा नहीं करता
पाकिस्तान के सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर मार दिए गए प्रियंथा कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को कर दिया गया. उनका शव छह दिसंबर को पाकिस्तान से श्रीलंका ले जाया गया था. स्थानीय क़ब्रिस्तान में दफ़नाने से पहले बौद्ध धर्म के तहत उनका अंतिम संस्कार हुआ. प्रियंथा कुमार के भाई ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "मनुष्य के रूप में हम किसी जानवर को मारने से पहले भी दो बार सोचते हैं, यहां तक कि जब हम किसी जानवर को मारते हैं तो हम उस तरह से नहीं मारते हैं. यह एक नृशंस हत्या है. उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया."
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस घटना की निंदा की थी और कहा था कि जिन लोगों ने धर्म के नाम पर सियालकोट में जुल्म किया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस घटना ने न केवल पूरे देश को शर्मसार किया है बल्कि इससे देश की छवि भी धूमिल हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह तय किया है कि ईशनिंदा के नाम पर श्रीलंकाई नागरिक के जैसी हत्या की घटनाओं को दोबारा नहीं होने देना चाहिए. श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा दियावदाना सियालकोट की एक फ़ैक्टरी में बतौर मैनेजर काम करते थे. तीन दिसंबर को हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीट कर उनकी हत्या की और बाद में उनके शरीर को आग लगा दिया.
वैक्सीन के लिए तरसते नाइजीरिया में कैसे बर्बाद हो गई लाखों वैक्सीन
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अफ़्रीकी देश नाइजीरिया में कोविड वैक्सीन की क़रीब 10 लाख डोज़ बेकार हो गई है, क्योंकि इसे समय रहते इस्तेमाल नहीं किया गया. नाइजीरिया की कुल आबादी के सिर्फ़ तीन फ़ीसदी लोगों को ही कोविड वैक्सीन की पूरी डोज़ मिली है. ये अफ़्रीका के अन्य देशों के मुक़ाबले काफ़ी कम है. दक्षिण अफ़्रीका में 24 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लगी है.
नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी बेकार हो चुकी वैक्सीन को नष्ट कर दिया जाएगा. नाइजीरिया अफ़्रीका के उन देशों में शामिल है, जिसे वैक्सीन के लिए संघर्ष करना पड़ा. क्योंकि वैक्सीन निर्माताओं ने धनी देशों से पहले ही करार कर लिया था. इस साल अगस्त में नाइजीरिया को ब्रिटेन ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की सात लाख डोज़ उपलब्ध कराई, जबकि सितंबर में कनाडा ने आठ लाख वैक्सीन दी. अक्तूबर में फ़्रांस ने नाइजीरिया को वैक्सीन की पाँच लाख डोज़ दी. इसी समय नाइजीरिया को अमेरिका की ओर से मॉडर्ना की 40 लाख डोज़ और फ़ाइजर की 36 लाख डोज़ उपलब्ध कराई. हालाँकि नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उन्हें कई वैक्सीन ऐसे समय मिली, जब उनके एक्सपायर होने में कम ही समय बचा था. साथ ही उन्हें रखने की समस्या भी थी.
इमरान ख़ान ने कहा, नरेंद्र मोदी की सरकार अपने देश के लिए ही ख़तरा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि उन्होंने पद संभालने के बाद भारत के साथ शांति स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन दुर्भाग्य से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत की सरकार ने हमारी पहल को कमज़ोरी समझा. इस्लामाबाद कॉन्क्लेव 2021 के उदघाटन सत्र में इमरान ख़ान ने कहा कि हिंदुत्व के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार अपने ही देश के लिए ख़तरा बन सकती है, क्योंकि उनकी ख़ास विचारधारा ने भारत की एक बड़ी आबादी को अलग-थलग कर दिया है.
इमरान ख़ान ने कहा कि ऐसा करने से केवल कट्टरवाद ही पैदा होगा. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और कश्मीर का मसला बातचीत से ही हल हो सकता है. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि वे ओआईसी के मंच से भी अफ़ग़ानिस्तान के मानवीय संकट का मुद्दा उठाएँगे और पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाएगा.
LIVE: किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला किया. सिंघु बॉर्डर से ज़्यादा जानकारी के साथ बीबीसी संवाददाता विनीत खरे
ब्रेकिंग न्यूज़किसान आंदोलन स्थगित, नेताओं ने कहा- सरकार वादे से मुकरी, तो फिर होगा आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला कर लिया है. एक साल से अधिक समय से ये आंदोलन चल रहा था.
किसान नेताओं ने कहा है कि वे 11 दिसंबर से अपने घर लौटना शुरू कर देंगे. नेताओं का कहना है कि 15 जनवरी को एक बार फिर वे स्थिति की समीक्षा करेंगे.
किसान नेताओं ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार वादे पूरे नहीं करती है, तो वे फिर आंदोलन करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा आगे भी रहेगा.
पिछले महीने नरेंद्र मोदी ने तीन विवादित कृषि क़ानूनों को वापस लेने का फ़ैसला किया था, जिसके बाद आंदोलन ख़त्म होने की उम्मीद बँधी थी.
लेकिन उसके बाद किसानों ने एमएसपी और केस वापस लेने की भी मांग की. पिछले कुछ दिनों से किसान और सरकार के बीच बातचीत चल रही थी और अब केंद्र के प्रस्ताव के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला किया है.
दो दिन पहले केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ स्पष्टीकरण मांगा था.
फिर नए दौर की बातचीत हुई और गुरुवार को केंद्र की ओर से नई चिट्ठी आई और इसके बाद आंदोलन स्थगित करने का फ़ैसला हुआ.
गुजरात दंगा मामले में ज़किया जाफ़री की याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के मामले में ज़किया जाफ़री की फिर से जाँच कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित कर लिया है. ज़किया जाफ़री कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी हैं. एहसान जाफ़री गुजरात दंगों में मारे गए थे. सुप्रीम कोर्ट में ज़किया जाफ़री का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे थे. उन्होंने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली जजों की तीन सदस्यीय खंडपीठ को बताया कि वे चाहते हैं कि इस मामले में बड़ी साज़िश की जाँच की मांग कर रहे हैं, जिसकी एसआईटी ने जाँच नहीं की है.
एक दिन पहले ज़किया जाफ़री ने अदालत को बताया था कि उन्होंने उस समय राज्य के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को फँसाने की कोशिश नहीं की थी. कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा- जहाँ तक पूर्व मुख्यमंत्री की बात है, मेरे पास कुछ और कहने के लिए नहीं हैं. मैं उस पर बहस नहीं करना चाहता और न ही मैंने इस पर बहस की है. किसी भी समय न मैंने पूर्व मुख्यमंत्री को फँसाने की कोशिश नहीं की और न ही इस पर बहस की है. अब भी मैं इस पर बहस नहीं कर रहा हूँ. इस महीने के शुरू में एसआईटी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अदालत से इस मामले को बंद करने की अपील की थी.
इस मामले में विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने 8 फ़रवरी 2012 को मामला बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं हैं. 2002 में गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में लगी आग में कई कार सेवकों की मौत हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग लगाए गए डिब्बे में कुल 59 लोग मौजूद थे. इनमें से ज़्यादातर वो लोग थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे. इसके बाद गुजरात में अलग-अलग जगहों पर दंगे भड़क गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, इन दंगों में कुल 1044 लोग मारे गए, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे. गुजरात के दंगों के मामले में 450 से ज़्यादा लोगों को अदालतों ने दोषी ठहराया था. इनमें से लगभग 350 हिंदू और 100 मुसलमान हैं. मुसलमानों में 31 को गोधरा कांड के लिए और बाक़ियों को उसके बाद भड़के दंगों के लिए दोषी पाया गया है.
छत्तीसगढ़ में अपने ही विभाग के ख़िलाफ़ सड़कों पर क्यों उतरे सैकड़ों पुलिसकर्मी
आलोक प्रकाश पुतुल, रायपुर से बीबीसी हिंदी के लिए
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर ज़िले में, पुलिसकर्मियों द्वारा परिजनों के साथ कथित मारपीट के विरोध में पुलिस विभाग के ही सहायक आरक्षक सड़कों पर उतर आए हैं.
ज़िले के अलग-अलग थानों में एक हज़ार से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपने हथियार थाने में जमा करवा दिए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
होमगार्ड और गोपनीय सैनिक भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं.
प्रदर्शन कर रहे एक सहायक आरक्षक ने बीबीसी से कहा, “माओवादी मोर्चे पर हमें हमेशा आगे रखा जाता है. सबसे ज़्यादा शहादत हमारी होती है. लेकिन जब हमारे परिवार की महिलाएँ और बच्चे, हमारी मांगों को लेकर रायपुर पहुँचते हैं तो उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है, उनके साथ मारपीट की जाती है. अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
एक अन्य सहायक आरक्षक ने कहा, “अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम अपनी नौकरी छोड़ने के लिए भी तैयार हैं.”
हालांकि, ज़िले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप का कहना है कि सहायक आरक्षकों की मांग को लेकर राज्य सरकार ने एक कमेटी भी बना दी है. वे ख़ुद भी सहायक आरक्षकों को समझा रहे हैं कि वे अपने काम पर लौट आएँ.
लेकिन गुरुवार को भी बीजापुर ज़िला मुख्यालय में सैकड़ों सहायक आरक्षक, होमगार्ड और गोपनीय सैनिक प्रदर्शन स्थल पर जमे हुए हैं.
महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
असल में सोमवार को सहायक आरक्षकों के परिजन बड़ी संख्या में रायपुर पहुंचे थे. इनमें अधिकांश महिलाएं थीं.
सहायक आरक्षकों की वेतन वृद्धि, पदोन्नति, पेंशन जैसी मांगों को लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंची.
इन महिलाओं का आरोप है कि उन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया और आधी रात को सोई हुई महिलाओं के साथ भी मार-पीट की गई.
अगले दिन एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से भी मुलाकात की, जहां पुलिस महानिदेशक ने उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया.
लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मंगलवार की रात रायपुर-जगदलपुर मार्ग जाम कर दिया और मांग रखी कि उनकी मांगों को लेकर सरकार लिखित में जवाब दे.
इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एडीजी हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की घोषणा करते हुए, सहायक आरक्षकों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.
इस बीच जब प्रदर्शनकारी महिलाएं बीजापुर पहुंची तो उन्होंने अपने साथ हुए कथित दुर्व्यवहार और मारपीट की ख़बर साझा की.
इसके बाद बुधवार को देखते ही देखते अलग-अलग थानों में सहायक आरक्षकों का जमावड़ा शुरु हो गया.
प्रदर्शनकारी आरक्षकों का दावा है कि भोपालपटनम, मिरतूर, मोदकपाल, बासागुड़ा समेत कम से कम 20 थानों में 1200 से अधिक सहायक आरक्षकों ने थाने में अपने हथियार जमा कर दिए और जगह-जगह प्रदर्शन किया है.
हालांकि, ज़िले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने प्रदर्शनकारी सहायक आरक्षकों से मिल कर उन्हें समझाने की कोशिश की.
लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने पुलिस अधीक्षक के काम पर लौटने के निर्देश को मानने से इंकार कर दिया.
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में धमाका, 7 दमकल गाड़ियाँ पहुँचीं
दिल्ली के रोहिणी कोर्ट परिसर में गुरुवार सुबह एक धमाके की ख़बर है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, कोर्ट परिसर में हुए इस धमाके के बाद दमकल विभाग के सात वाहनों घटनास्थल पर पहुँच रही हैं.
डीसीपी प्रणव तयाल के मुताबिक़, ये धमाका एक लैपटॉप बैग में हुआ है, जब एक मामले की सुनवाई चल रही थी.
इस धमाके में एक व्यक्ति घायल हुआ है और उसे अस्पताल ले जाया गया है.
सुधा भारद्वाज तीन साल बाद जेल से बाहर निकलीं
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में गिरफ़्तार एक्टिविस्ट वकील सुधा भारद्वाज गुरुवार को महाराष्ट्र की बायकुला जेल से रिहा हो गई हैं.
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में गिरफ़्तार एक्टिविस्ट वकील सुधा भारद्वाज को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक दिसंबर को डिफॉल्ट ज़मानत दी थी.
इस ज़मानत के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की इस चुनौती को ख़ारिज कर दिया था और बॉम्बे हाई कोर्ट के फ़ैसले पर मुहर लगा दी थी.
सुधा भारद्वाज पिछले ढाई साल से जेल में हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21में निजी स्वतंत्रता के अधिकार के तहत सुधा भारद्वाज को जेल में नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि तकनीकी कारण से ज़मानत नहीं रोकी जा सकती है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि बेल नहीं देने का तर्क बहुत तकनीकी है.
एक दिसंबर को ज़मानत का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने कहा था, ''एनआईए कोर्ट को गिरफ़्तारी की अवधि निर्धारित 90दिनों से आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं है.''
हालांकि अदालत ने आठ अन्य अभियुक्तों की ज़मानत अर्ज़ी को ठुकरा दिया. इनमें सुधीर डवाले, डॉ पी वरवरा राव, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, प्रोफ़ेसर शोमा सेन, महेश राउत, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फेरेइरा शामिल हैं.
इन सभी की गिरफ़्तारी 2018 में जून से अगस्त महीने की बीत हुई थी. अदालत ने सुधा भारद्वाज को आठ दिसंबर से पहले एनआईए के विशेष कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था और यहीं ज़मानत की शर्तों पर उन्हें रिहा किया गया.
राजनाथ सिंह ने बताया कैसे हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
बुधवार को तमिलनाडु में सेना के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बच गए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की स्थिति के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया है. इस दुर्घटना में देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी.
वरुण सिंह की स्थिति गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा- वरुण सिंह जीवन रक्षक उपकरणों पर हैं और उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है. वेलिंगटन के सैनिक अस्पताल में वरुण सिंह का इलाज चल रहा है.
इसी साल अगस्त में वरुण सिंह को शौर्य चक्र दिया गया था. दरअसल उनके तेजस विमान में उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या आ गई थी. लेकिन इस आपात स्थिति के बावजूद वरुण सिंह तेजस को सुरक्षित लैंड करा पाने में सफल रहे थे.
जनरल बिपिन रावत के निधन पर लोकसभा में क्या बोले राजनाथ सिंह
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ बिपिन रावत के असमय निधन पर लोकसभा में अपना आधिकारिक बयान दिया है.
उन्होंने कहा, “आज मैं बड़े दुख और भारी मन से 8 दिसंबर 2021 की दोपहर में हुई सैन्य हेलिकॉप्टर जिसमें भारत के प्रथम चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्म पत्नी मधुलिका रावत एवं 12 अन्य सवार थे, की दुर्घटना के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार से अवगत कराने के लिए आपके बीच खड़ा हुआ हूं.
जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ़ वाले वेलिंग्टन के स्टूडेंट्स ऑफिसर्स से इंटरेक्ट करने के लिए अपने एक तय दौरे पर थे. एयरफोर्स के एमआई 17 वी5 हेलिकॉप्टर ने कल 11 बजकर 48 मिनट पर सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी थी. इसे 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन में उतरना था."
राजनाथ सिंह ने बताया है कि जनरल रावत के हेलिकॉप्टर का 12 बजकर 8 मिनट पर एटीसी से संपर्क टूट गया था.
उन्होंने कहा, "सुलूर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने लगभग 12 बजकर 8 मिनट पर हेलिकॉप्टर से अपना कॉन्टेक्ट खो दिया. बाद में कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने आग लगी हुई देखी. जब वे भागकर उस स्थान पर पहुंचे तो उन्होंने सैन्य हेलिकॉप्टर के अवशेष को आग की लपटों से घिरा हुआ देखा . स्थानीय प्रशासन से एक बचाव दल उस जगह पर पहुंचा.
उन्होंने क्रैश साइट से बचे हुए लोगों को रिकवर करने का प्रयास किया. उस अवशेष से जितने भी लोगों को निकाला जा सका. उन सभी को जल्द से जल्द वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में पहुंचाय गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उस हेलिकॉप्टर में सवार कुल 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो गयी. जिन लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतें हुई हैं, उनमें चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर, स्टाफ़ ऑफिसर लेफ़्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और वायुसेना हेलिकॉप्टर के चालकदल समेत सशस्त्र बलों के अन्य 9 लोग शामिल हैं.”
इसके बाद राजनाथ सिंह ने इस दुर्घटना में मरने वाले सभी लोगों के नाम सदन में बताए.
इसके बाद उन्होंने कहा, “इस दुर्घटना में मरने वाले सभी लोगों के पार्थिव शरीर को एक विशेष विमान से दिल्ली लाया जाएगा. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में लाइफ़ सपोर्ट पर हैं, और उन्हें बचाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.”
बता दें कि राजनाथ सिंह इससे पहले बुधवार दोपहर संसद में अपना आधिकारिक बयान देने वाले थे.
लेकिन तमाम उच्चस्तरीय बैठकों के बीच ख़बर आई कि राजनाथ सिंह बुधवार की जगह गुरुवार सुबह संसद में बयान देंगे.
इसके बाद वायु सेना ने आधिकारिक रूप से छह बजकर तीन मिनट पर जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत की पुष्टि की.
इसके साथ ही ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के ज़िंदा बचने की पुष्टि की गयी जिनका इस समय वेलिंग्टन स्थित सेना के एक अस्पताल में इलाज़ चल रहा है.
इसके बाद उत्तराखंड में तीन दिन के लिए राजकीय शोक का ऐलान किया गया है.
जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों के पार्थिव शरीर को सेना के एक विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने बताया है कि जनरल रावत का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा.