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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. अफ़ग़ानिस्तान

    दिल्ली से सीधे काबुल के लिए उड़ान भरने वाली अफ़ग़ान एयरलाइन काम एयर से 1.6 मीट्रिक टन स्वास्थ्य सामग्री भारत ने तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान को भेजी.

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  2. ईरान के साथ तनाव के बीच चर्चा में है इसराइली प्रधानमंत्री का पहला यूएई दौरा

    इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट
    Image caption: इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट

    इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बेनेट आज संयुक्त अरब अमीरात पहुंचने वाले हैं. वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा करने वाले पहले इसराइली प्रधानमंत्री हैं.

    माना जा रहा है कि अपनी यात्रा के दौरान सोमवार को वो अबू धाबी में यूएई के क्राउन प्रिंस शेख़ मोहम्मद बिन ज़ाएद से मुलाक़ात करेंगे.

    यूएई के लिए रवाना होने से पहले नफ़्ताली बेनेट ने कहा कि दोनों नेताओं में आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी.

    बेनेट का यूएई दौरा ऐसे वक़्त पर हो रहा है जब ईरान के परमाणु समझौते को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है. 2015 में हुई परमाणु संधि को लेकर फिलहाल विएना में चर्चा जारी है.

    हाल में यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे थे. उनका दौरा इसराइल के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है.

    अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान यूएई और इसराइल के बीच राजनयिक संपर्क बहाल हुए हैं.

    अमेरिकी पहल के तहत बहरीन, सूडान और मोरक्को भी इसराइल के साथ संबंध सामान्य करने की कोशिशें कर रहे हैं.

    इस कोशिश के तहत हालिया हफ़्तों में इसराइल और यूएई की कई कंपनियों के बीच समझौते हुए हैं.

    माना जा रहा है कि बेनेट के इस दौरे के दौरान भी कुछ समझौते हो सकते हैं.

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    नेतन्याहू के दौर में तेज़ हुई कोशिशें

    इसराइल के साथ मध्यपूर्व के दूसरे मुल्कों के रिश्ते बनाने की कोशिशों की चर्चा इसराइल के पूर्व प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के दौर में हुई थी.

    उन्होंने कहा था कि इसराइल अपने दूसरे क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की कोशिश करेगा.

    इससे पहले बेनेट कह चुके हैं कि 2015 के परमाणु करार को लेकर विएना में चल रही बातचीत बंद होनी चाहिए.

    उन्होंने ईरान पर 'ऩ्यूक्लियर ब्लैकमेल' का आरोप लगाया और कहा कि अगर उस पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए गए तो वो हथियारों पर अधिक खर्च करेगा और हथियारों का ज़ख़ीरा बढ़ाएगा जिससे इसराइल के हितों को नुक़सान पहुंच सकता है.

  3. यूपी चुनाव: ओवैसी ने कहा- योगी आदित्यनाथ नाम से योगी हैं, दिल से ठाकुर हैं

    एआईएमआईएम पार्टी के प्रमुख नेता असदुद्दीन औवैसी
    Image caption: एआईएमआईएम पार्टी के प्रमुख नेता असदुद्दीन औवैसी

    एआईएमआईएम पार्टी के प्रमुख नेता असदुद्दीन औवैसी ने रविवार को कानपुर में आयोजित एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों लिया.

    अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, “जब कभी सपा की सरकार बनती थी तो ठेकेदार में सबसे बड़ा काम यादव बिरादरी के लोगों को मिलता था.

    आज उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार है, उत्तर प्रदेश के पुलिस स्टेशन में कम से कम 2 ठाकुर ऑफिसर मिल जाएंगे क्योंकि नाम योगी है लेकिन दिल से ठाकुर हैं.”

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    इसके बाद ओवैसी ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर सपा, बसपा और कांग्रेस पर सवाल खड़ा किया.

    उन्होंने कहा, "जब बाबरी मस्जिद के क्रिमिनल ट्रायल का फ़ैसला आया. जिन मुल्ज़िमों की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद को शहीद किया गया. तो कोर्ट ने फ़ैसला दिया कि कोई भी मस्जिद नहीं है."

    "हमने संसद में पूछा कि बताओ, सीबीआई ने अपील क्यों नहीं की. किसने तोड़ा बाबरी मस्जिद को. क्या कोई समाजवादी (पार्टी) का बोल सका. क्या कोई बीएसपी का बोल सका? क्या कोई कांग्रेस का बोल सका. मैं पूछना चाहता हूं , इन लोगों से कि तुम लोगों ने बात क्यों नहीं उठाई?"

    इसके बाद ओवैसी ने कहा कि “मैं समझ गया कि मस्जिद मेरी शहीद हुई थी. इनकी नहीं. मगर मस्जिद तो शहीद करने वालों ने शहीद किया, मगर उन्होंने हिंदुस्तान की बुनियादों को कमजोर कर दिया."

  4. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खुले में नमाज़ पर खट्टर सरकार के फ़ैसले को बताया अस्वीकार्य

    खुले में नमाज़

    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने रविवार को खुले में नमाज़ करने से रोकने के लिए खट्टर सरकार की आलोचना की है.

    रहमानी ने इस मसले पर एक बयान जारी करके कहा है कि मुसलमानों को जुमे की नमाज़ करने रोकना नाजायज़ और अस्वीकार्य है.

    उन्होंने कहा कि “सरकार की ओर से मस्जिद निर्माण की अनुमति नहीं मिलने की वजह से मुसलमान खुले स्थानों में नमाज़ अदा करने पर मजबूर है. हालांकि ऐसे स्थानों पर नमाज़ अदा करने में कठिनाई होती है और लोगों को धूप और बारिश बर्दाश्त करनी पड़ती है. लेकिन कम संख्या में मस्जिद होने के कारण मुसलमान मजबूरन ऐसे स्थानों पर नमाज़ अदा कर रहे हैं.“

    “फिर भी सरकार का मुसलमानों को जुमे की नमाज़ अदा करने से रोकना अत्यंत अफ़सोसजनक और अस्वीकार्य कृत्य है.”

    ग़ौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल में खुले में नमाज़ किए जाने के मुद्दे पर कहा था कि “खुले में नमाज़ पढ़ने को कतई भी सहन नहीं किया जाएगा और इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए नए तरीक़े से प्रयास किए जा रहे हैं.“

    साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि गुड़गाँव में जहाँ-जहाँ पर खुले में नमाज़ पढ़ने के लिए अनुमति दी गई थी उन्हें वापस ले लिया गया है.

    साल 2018 में हिंदू और मुस्लिम समुदायों में खुले में नमाज़ पढ़ने को लेकर हुए विवाद के बीच 37 चिह्नित जगहों पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई थी.

    बीते तक़रीबन दो महीने से हर शुक्रवार को हिंदूवादी संगठन उन जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहाँ पर खुले में नमाज़ पढ़ी जा रही है.

    इस बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए क्लिक करें.

  5. इटलीः बिशप ने कहा नहीं होते हैं सांता, चर्च ने मांगी माफ़ी

    सांता क्लॉज़

    इटली में एक चर्च के बिशप ने बच्चों के एक समूह से कहा कि सांता क्लाज़ वास्तव में नहीं होते हैं.

    विवाद बढ़ने के बाद अब चर्च ने बच्चों के अभिभावकों से माफ़ी मांग ली है.

    इतालवी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, बिशप एंटोनियो स्टेगलियानो ने पिछले सप्ताह एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा था कि सांता क्लाज़ की लाल पोशाक को कोका-कोला ने अपने विज्ञापन के लिए चुना था.

    बिशप की इस टिप्पणी से अभिभावक आक्रोश में हैं.

    इटली के नोटो इलाक़े के प्रांतीय प्रमुख रेवरेंड एलेसांद्रो पाओलीनो ने अभिभावकों को पत्र लिखकर माफ़ी मांगी है और कहा है कि बिशप क्रिसमस के असल मायने को समझाने की कोशिश कर रहे थे.

    रेवरेंड पाओलीनो ने फेसबुक पर बयान जारी करते हुए कहा है, "सबसे पहले तो मैं बिशप की तरफ से इस बयान के लिए ख़ेद प्रकट करता हूं, जिसकी वजह से मासूम बच्चों को निराशा हुई और ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि बिशप का इरादा बिलकुल अलग था."

    रेवरेंड ने अपनी टिप्पणी में कहा कि बिशप बच्चों को क्रिसमस के असल मायने समझाने की कोशिश कर रहे थे और उनके कहने का मतलब ये था कि अब ये दिन बाज़ारीकरण के लिए जाना जाने लगा है.

    बयान में उन्होंने कहा, "अगर हम सब बच्चे और बूढ़े सांता क्लाज़ से कोई सबक लेना चाहते हैं तो वो यह है कि हमें अपने लिए कम गिफ़्ट लेने चाहिए और दूसरे के साथ साझा करने के लिए अधिक गिफ़्ट लेने चाहिए."

    वहीं, स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बिशप ने कहा है कि उनके कहने का मतलब ये नहीं था कि सांता हैं ही नहीं बल्कि वो बच्चों को असली सांता और नकली सांता में फर्क समझाना चाहते थे.

  6. झारखंड: प्राइमरी स्कूल खोलने की मांग को लेकर बच्चों ने किया प्रदर्शन

    रवि प्रकाश, बीबीसी हिंदी के लिए

    स्कूल खोलने की मांग करते ग्रामीण

    कोविड संक्रमण के कारण झारखंड में महीनों से बंद पड़े प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई शुरू किए जाने की मांग को लेकर लातेहार ज़िले के मनिका में सैकड़ों बच्चों और उनके अभिभावकों ने ‘हम सबों की यही पुकार, जल्दी स्कूल खोलो सरकार’ नारे के साथ विरोध प्रदर्शन किया है.

    अभिभावकों का कहना है कि वो निजी ट्यूशन का खर्च नहीं उठा सकते और स्कूल न खुले तो बच्चे अनपढ़ रहेंगे और उनके पास मज़दूरी के अलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा.

    वहीं, जानकारों का कहना है कि सरकार ने कोविड महामारी के कारण ऑनलाइन पढ़ाई की बात तो की लेकिन गांव के ग़रीब बच्चों को इसका कोई लाभ नहीं मिला.

    देश के 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्राइमरी स्कूल खोले जा चुके हैं. सिर्फ़ झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर में ही प्राइमरी स्कूल अभी तक बंद रखे गए हैं.

    स्कूल खोलने की मांग करते ग्रामीण

    रविवार को हुए इस प्रदर्शन में मशहूर अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता ज़्याँ द्रेज भी शामिल हुए.

    उन्होंने कहा, "झारखंड में लगभग दो साल से प्राथमिक स्कूल बंद हैं. सरकार ऑनलाइन पढ़ाई की बात करती है, लेकिन गाँवों में ऑनलाइन पढ़ाई का कवरेज़ काफ़ी कम है.

    कई गाँवों में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि प्राथमिक स्तर के ज्यादातर बच्चे साधारण वाक्य भी नहीं पढ़ पाते. यह इस वर्ष के शुरू में 15 राज्यों में किए गए स्कूली बच्चों के ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग (स्कूल) सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुरूप है."

    "सर्वेक्षण में पाया गया कि ग़रीब ग्रामीण परिवारों के बीच तीसरी कक्षा के केवल 25 फ़ीसद बच्चे ही एक साधारण वाक्य पढ़ पाते थे. ऐसे में स्कूलों को अविलंब खोला जाना चाहिए ताकि ऑफ़लाइन पढ़ाई की व्यवस्था शुरू हो सके."

    प्रदर्शन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज ने सवाल किया कि अगर बाज़ारों, शादी पार्टियों और क्रिकेट स्टेडियमों में भीड़ की अनुमति दी जाती है, तो स्कूल क्यों बंद रखे गए हैं.

    उन्होंने कहा, "मनिका से महज 50 किलोमीटर दूर डाल्टनगंज में मुख्यमंत्री की एक सभा में भारी भीड़ को प्रवेश की अनुमति दी गई. यदि हमारे बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो उनके पास ईंट भट्ठों में काम करने के अलावा और कोई चारा नहीं होगा. बच्चे अब ‘क, ख, ग…’ भी भूल गए हैं."

    स्कूल खोलने की मांग करते ग्रामीण

    प्रदर्शन में शामिल सतवाडीह गांव की सोमवती देवी ने कहा कि यह ग़रीब लोगों के ख़िलाफ़ साजिश है.

    वो कहती हैं, "बड़े लोग चाहते हैं कि हम अनपढ़ रहें ताकि हम उनके खेतों और घरों में काम पैसों के लिए काम करते रहें."

    ज़्याँ द्रेज ने इससे पहले राँची में आयोजित भारत-न्यूज़ीलैंड टी-20 मैच के दौरान इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. तब स्टेडियम में एक साथ 40 हज़ार दर्शकों को बैठने की अनुमति दी गई थी.

    झारखंड हाईकोर्ट ने भी इससे संबंधित एक जनहित याचिका पर यह कहते हुए मैच रोकने का आदेश देने से इनकार किया था कि यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला है.

    इन प्रदर्शनों के बीच झारखंड के स्कूली शिक्षा विभाग ने भी पाँचवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने की सिफ़ारिश की है और कहा है कि 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूल खोले जा चुके हैं.

    झारखंड शिक्षा परियोजना की परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने मीडिया को बताया कि हमने आपदा प्रबंधन विभाग को कई रिप्रेजेंटेशन दिए हैं, उन्हें फ़ैसला करना है कि वे स्कूलों को खोलने का निर्णय कब लेते हैं.

  7. ब्रेकिंग न्यूज़ओमिक्रॉन: ब्रिटेन में नए वेरिएंट से संक्रमित मरीज़ों का अस्पताल पहुंचना शुरू

    ब्रिटेन में कोरोना वायरस

    ब्रिटेन में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण अस्पतालों में मरीज़ों का आना शुरू हो गया है.

    देश की शिक्षा मंत्री नदीम ज़हावी का कहना है कि लंदन में कोरोना संक्रमण के जो मामले सामने आए हैं उनमें से एक तिहाई नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण के हैं.

    उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के मुक़ाबले ओमिक्रॉन कहीं अधिक संक्रामक है. उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज़ 'काफी नहीं है' और जो बूस्टर डोज़ ले सकते हैं उन्हें ये ज़रूर लेना चाहिए.

    नदीम ज़हावी ने एक इंटरव्यू में बीबीसी से कहा कि महामारी के बाद स्थिति सामान्य होने तक की राह में ये नया वेरिएंट बड़ी रुकावट है.

    जनवरी में स्कूल खोले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो पूरी कोशिश करेंगे कि सभी सुरक्षित रहें. हालांकि स्कूल खुले रहेंगे या नहीं इसे लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया.

    इधर यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की प्रमुख मेडिकल सलाहकार डॉक्चर सुज़ैन हॉपकिन्स ने कहा है कि उन्हें आशंका है कि अस्पतालों में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है.

    अब तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि अस्पतालों में जो लोग ओमिक्रॉन संक्रमण के कारण पहुंचे हैं वो वायरस की वजह से वहां है या फिर किसी और वजह से.

    उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में अब तक ओमिक्रॉन की वजह से कोई मौत नहीं हुई है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दो सप्ताह पहले ही यहां वायरस के मामले होने की पुष्टि हुई थी और संक्रमण के दो सप्ताह बाद ही मरीज़ की स्थिति अस्पताल तक पहुंचने की होती है.

    शिक्षा मंत्री नदीम ज़हावी

    सोमवार से यूके में 30 साल से अधिक उम्र के लोग बूस्टर डोज़ लेने के लिए योग्य होंगे और इसके लिए बुकिंग कर सकते हैं.

    देश में कोरोना का टीका लगवाने वाले दूसरे टीके के छह महीने बाद नहीं बल्कि तीन महीने बाद बूस्टर डोज़ दिया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने इसी सप्ताह कहा था कि "ओमिक्रॉन से बचाव के लिए ये ज़रूरी हैं."

    शनिवार तक देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के 18,98 मामलों की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा इससे अधिक हो सकता है.

    लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉ़पिकल मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिस तरह का पाबंदियां लगाई गई हैं उसके अलावा और कदम न उठाए गए तो देश ओमिक्रॉन की लहर का सामना कर सकता है.

    बीते सप्ताह ब्रिटेन ने सभी जगहों पर फेसमास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है और कहा है कि अगर संभव है तो लोग घरों से काम करें.

  8. ईरान के साथ परमाणु समझौता 6 महीने पीछे चला गया है - जर्मनी

    ईरान

    जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने शनिवार को कहा कि वैश्विक शक्तियों और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर वार्ता रुकी हुई है और ये गतिरोध अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रह सकता.

    उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘हमारे पास वक़्त नहीं है.’

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुतबिक़, बारबॉक ने इंग्लैंड के लिवरपूल में जी-7 की बैठक के इतर संवाददाताओं से कहा, "ईरान ने आखिरी दिनों में दिखाया है कि परमाणु समझौते पर अटके मामले पर कोई प्रगति नहीं हुई है, ईरानी सरकार की नई पेशकश के कारण ये वार्ता छह महीने पीछे जा चुकी है."

    गुरुवार और शुक्रवार की वार्ता से पहले ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने भी कहा था कि साल 2015 के परमाणु समझौते को दोबारा पटरी पर लाने का ‘ईरान के पास ये आख़िरी मौक़ा’ है.

    इस वार्ता में ईरानी अधिकारी बीते सप्ताह के अपने सख़्त रुख़ पर अड़े रहे, जबकि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी उन लिखित दस्तावेज़ों पर बात कर रहे थे जो पांच महीने पहले तैयार किया गया था, जिसके बाद ईरान ने इस बातचीत से खुद को अलग कर लिया था.

    ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने शनिवार को कहा कि उनका देश परमाणु वार्ता के लिए गंभीर था लेकिन यूरोपीय देशों की ओर से दिए गए प्रस्ताव ‘वास्तविक से परे’ थे.

    ईरानी न्यूज़ एजेंसी आईआरएनए के हवाले से राईसी ने कहा- "सच यह है कि हमने वार्ता करने वाले पक्षों को ईरान का प्रस्ताव पेश किया, यह दर्शाता है कि हम वार्ता के लिए गंभीर हैं, यदि दूसरा पक्ष भी प्रतिबंधों को हटाने के बारे में गंभीर है, तो हम एक अच्छे समझौते पर पहुंच सकते हैं. हम निश्चित रूप से एक अच्छा समझौता चाहते हैं."

    अमेरिका

    ये वार्ता गुरुवार को अमेरिका और इसराइल के साथ फिर से शुरू हुई. इसराइल 2015 में हुए समझौते का हिस्सा नहीं है.

    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2018 में इस समझौते से बाहर निकलने का एलान कर दिया था. तब से इस पर संकट के बादल छाए हैं.

    साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते (ज्वाइंट कंप्रिहेंसिव प्लान ऑफ़ एक्शन- जेसीपीओए) में अमेरिका समेत रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी थे. इस समझौते के तहत ईरान के परमाणु संवर्द्धन कार्यक्रम को सीमित करने के बदले उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ छूट दी जानी थी.

    ये समझौता इसलिए हुआ क्योंकि पश्चिम देशों को डर था कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है या फिर वो ऐसा देश बन सकता है जिसके पास परमाणु हथियार भले ही ना हों लेकिन उन्हें बनाने की सारी क्षमताएं हों और वो कभी भी उनका इस्तेमाल कर सकता है.

    बाइडन प्रशासन का मानना है कि इस साल की शुरुआत में समझौते में कुछ और पक्षों को शामिल करके होने वाली बातचीत के जरिए ईरान के साथ समझ बनाने की कोशिश है.अमेरिका परमाणु समझौते में वापस आना चाहता है. ईरान के लिए ये समझौता उस पर लगे प्रतिबंध हटाने के लिए ज़रूरी है.

  9. राहुल गांधी बोले – ‘ये देश हिंदुओं का है, हिंदुत्ववादियों का नहीं’

    राहुल गांधी
    Image caption: कांग्रेस नेता राहुल गांधी जयपुर में भाषण देते हुए

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को राजस्थान के जयपुर में आयोजित एक जनसभा में एक बार फिर हिंदू बनाम हिंदुत्व की बहस छेड़ दी है.

    रैली में राहुल गांधी ने कहा, “देश की राजनीति में आज दो शब्दों की टक्कर है. इनके मतलब अलग हैं. एक शब्द है – हिंदू और दूसरा शब्द है – हिंदुत्ववादी. ये दो अलग शब्द हैं. और इनका मतलब बिलकुल अलग है. मैं हिंदू हूं, मगर हिंदुत्ववादी नहीं हूं.”

    इसके बाद राहुल गांधी ने भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि “ये सब हिंदू हैं, मगर हिंदुत्ववादी नहीं हैं.”

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    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “आज मैं आपको हिंदू और हिंदुत्ववादी शब्दों के बीच का फर्क बताना चाहता हूं. महात्मा गांधी हिंदू (थे), सही बोला? गोडसे हिंदुत्ववादी. फर्क क्या होता है."

    राहुल गांधी ने आगे कहा, "फर्क में आपको बताता हूं. चाहे कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढ़ता है. चाहे मर जाए, कट जाए, मगर वो सच को ढूंढ़ता है. उसका रास्ता सत्याग्रह होता है. पूरी ज़िंदगी वो सच को ढूंढ़ने में लगा देता है. महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा लिखी – माई एक्सपैरीमेंट्स विद् ट्रुथ...पूरी ज़िंदगी उन्होंने सत्य को समझने के लिए.सच को ढूंढ़ने के लिए अपनी ज़िंदगी बिता दी. और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने उनके सीने पर तीन गोलियां मारीं.”

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    हिंदुत्ववादियों का सत्ताग्रह

    राहुल गांधी ने इन दोनों शब्दों के बीच का अंतर बताते हुए कहा, “हिंदुत्ववादी अपनी पूरी ज़िंदगी सत्ता को खोजने में लगा देता है. उसको सत्य से कोई लेना देना नहीं है.“

    “उसे सिर्फ सत्ता चाहिए और सत्ता के लिए वह कुछ भी करेगा. किसी को मार देगा, कुछ भी बोल देगा, जला देगा, काट देगा, पीट देगा, मार देगा. उसे सत्ता चाहिए. उसका रास्ता सत्याग्रह नहीं, सत्ताग्रह है. हिंदू खड़ा होकर अपने डर का सामना करता है और एक इंच पीछे नहीं हटता है. वो शिव जी की तरह अपने डर को पी लेता है."

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    हिंदुओं या हिंदुत्ववादियों का देश?

    इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये देश हिंदुओं का है, हिंदुत्ववादियों का नहीं है.

    उन्होंने कहा, "हिंदुत्ववादी अपने डर के सामने झुक जाता है. वह अपने डर के सामने माथा टेकता है. हिंदुत्ववादी को उसका डर डुबा देता है. इस डर से उसके दिल में नफ़रत पैदा होती है, गुस्सा आता है."

    "लेकिन हिंदू डर का सामना करता है, उसके दिल में शांति पैदा होती है, प्यार पैदा होता है. उसके दिल में शक्ति पैदा होती है. ये हिंदुत्ववादी और हिंदू के बीच का फर्क है. मैंने आपको ये भाषण इसलिए दिया क्योंकि आप सब हिंदू हो, हिंदुत्ववादी नहीं. और ये देश हिंदुओं का है, हिंदुत्ववादियों का नहीं.”

  10. यूपी चुनाव: अखिलेश यादव की सपा में शामिल हुए बीजेपी और बसपा विधायक

    अनंत झणाणे

    लखनऊ से, बीबीसी हिंदी के लिए

    कार्यक्रम

    बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित और पूर्वांचल के गोरखपुर का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले नेता हरिशंकर तिवारी रविवार को अपने दो बेटों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.

    उनके बड़े बेटे भीम शंकर तिवारी उर्फ़ कुशल तिवारी संत कबीर नगर से लोक सभा सांसद रह चुके हैं और छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से बसपा विधायक हैं.

    इन सभी को सपा में शामिल होने की संभावनाओं के बीच पिछले हफ़्ते बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.

    इसके साथ ही संत कबीर नगर के ख़लीलाबाद से बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ़ जय चौबे ने भी बीजेपी छोड़ सपा की सदस्यता ली.

    बीजेपी से सपा में शामिल होने वाले वो दूसरे बीजेपी विधायक हैं. इससे पहले सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौड़ भी सपा से जुड़ चुके हैं.

    बसपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष रहे गणेश शंकर पांडेय ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.

    हरिशंकर तिवारी के परिवार और बीजेपी विधायक जय चौबे के सपा में शामिल होने से अखिलेश यादव यह संकेत देना चाह रहे हैं कि प्रदेश के ब्राह्मण पार्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

    और 2022 चुनावों के पहले विपक्ष बीजेपी को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में लगा हुआ है.

  11. महुआ मोइत्रा के बीजेपी में शामिल होने का इंतज़ार है: बीजेपी सांसद सौमित्र ख़ान

    महुआ मोइत्रा

    बीजेपी सांसद सौमित्र ख़ान ने रविवार को कहा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को दो सालों के अंदर बीजेपी में शामिल होना होगा.

    सौमित्र का बयान ऐसे समय पर आया है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मोइत्रा के बीच कथित तौर पर मतभेद सामने आया है. निकाय चुनावों के दौरान पार्टी के नादिया ज़िले की इकाई में कथित तौर पर अंदरूनी कलह पर बनर्जी ने मोइत्रा की सार्वजनिक तौर पर निंदा की थी.

    इस घटना के बाद सौमित्र ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है कि ‘ममता बनर्जी हर किसी को इस्तेमाल करती हैं. महुआ मोइत्रा भी वहां (टीएमसी) पर लंबे समय तक नहीं रहेंगी क्योंकि दो सालों के बाद टीएमसी से उन्हें टिकट नहीं मिलेगा.’

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    सौमित्र ने कहा, “टीएमसी में केवल उनके भतीजे की जगह हमेशा बनी रह सकती है. महुआ मोइत्रा एक सांसद के रूप में अच्छा बोलती हैं और दो साल बाद उन्हें बीजेपी में शामिल होना होगा. हम उसका इंतज़ार कर रहे हैं.”

    ममता बनर्जी के व्यवहार पर पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदू अधिकारी ने टिप्पणी की है. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि बनर्जी कथित तौर पर चुने हुए विधायकों, सांसदों केसाथ सार्वजनिक तौर पर दुर्व्यवहार करती हैं और इसी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी थी.

    अधिकारी ने पत्रकारों से कहा था कि उन्हें चुने हुए प्रतिनिधियों का इस तरह अपमान नहीं करना चाहिए.

  12. सिंघु बॉर्डर से LIVE

    सिंघु बॉर्डर से किसानों के जाने के बाद कैसा है इलाक़े का हाल, बता रहे हैं बीबीसी संवाददाता सरबजीत धालीवाल

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  13. देखिए प्रियंका गांधी जयपुर में महंगाई के ख़िलाफ़ रैली को संबोधित कर रही हैं

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  14. जस्टिस गोगोई के राज्यसभा वाले बयान पर जयराम रमेश ने कहा- ये सदन का अपमान है

    गोगोई

    वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूर्व चीफ़ जस्टिस और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने राज्यसभा में अपनी कम उपस्थिति को लेकर कहा था कि ‘जब मेरा मन होता है तब जाता हूं.’

    रंजन गोगोई के बयान को संसद का अपमान बताते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "यह असाधारण है और वास्तव में संसद का अपमान है कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा के मनोनीत सांसद रंजन गोगोई कहते हैं कि वह राज्यसभा तब जाएंगे जब उनका मन होगा. संसद सिर्फ़ बोलने की जगह नहीं बल्कि सुनने की जगह भी है.‘’

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    अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में रंजन गोगोई से सवाल पूछा गया था कि आखिर राज्यसभा में उनकी उपस्थिति इतनी कम क्यों है?

    इसके जवाब में उन्होंने कहा- "मैं कोरोना के कारण राज्यसभा जाने में सहज नहीं था और सबसे अहम बात है कि मुझे जब लगेगा कि राज्यसभा जाना चाहिए तो जाऊंगा."

    ''मुझे जिस मुद्दे पर बोलना होगा तो मैं सदन में जाऊंगा. मैं किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूं मुझे मनोनीत किया गया है इसलिए कोई पार्टी मुझे सदन में आने को नहीं कह सकती."

    गोगोई ने ये इंटरव्यू अपनी आत्मकथा ‘जस्टिस फॉर द जज’ के लॉन्च होने पर दिया था.

  15. जयपुर में कांग्रेस की रैली; सोनिया, राहुल और प्रियंका भी करेंगे संबोधित

    सोनिया गांधी

    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी की आज एक रैली है. इस रैली को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी, लोकसभा सांसद राहुल गाँधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी संबोधित करेंगे.

    राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है. कांग्रेस की यह रैली इसलिए भी अहम है क्योंकि अगले साल सात राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं. इनमें उत्तर प्रदेश भी है, जो कि राजनीतिक रूप से काफ़ी अहम है.

    प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भी चुनाव है, जहाँ कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है. इसके अलावा पार्टी पंजाब में आंतरिक कलह से उबर नहीं पाई है.

    रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ''आज राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जब केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों के कारण बढ़ती अप्रत्याशित महंगाई के विरोध में जयपुर में राष्ट्रीय महारैली का आयोजन किया जा रहा है. इसमें शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं.''

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    गहलोत ने अगले ट्वीट में लिखा है, ''इस महारैली से देश भर में एक संदेश जाएगा कि अब केंद्र की भाजपा सरकार की ग़लत नीतियों का व्यापक रूप से विरोध का वक़्त आ गया है. पूरे देश में इस रैली से उठी जनजागरण की लौ, एक मशाल बनकर एनडीए सरकार के पतन का मार्ग प्रशस्त करेगी.''

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  16. इक़बाल अहमद

    बीबीसी संवाददाता

    अफ़ग़ान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहउल्लाह मुजाहिद

    अफ़ग़ान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहउल्लाह मुजाहिद ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि एक संगठन के तौर पर टीटीपी अफ़ग़ानिस्तान तालिबान का हिस्सा नहीं है और दोनों के उद्देश्य भी एक नहीं है.

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  17. जनरल रावत का हादसे से एक दिन पहले का संदेश हुआ जारी

    बिपिन रावत

    भारत में रविवार से मनाए जा रहे दो दिवसीय ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ के मौक़े पर दिवंगत सीडीएस जनरल विपिन रावत का एक रिकॉर्डेड संदेश जारी किया गया है.

    इस संदेश को 7 दिसंबर को यानी हेलिकॉप्टर हादसे से एक दिन पहले रिकॉर्ड किया गया था. एक मिनट 10 सेकेंड के इस वीडियो संदेश में जनरल रावत सेना के साहस की प्रशंसा और विजय पर्व की मुबारकबाद दे रहे हैं.

    इस संदेश को आज पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने पर विजय पर्व कार्यक्रम में दिखाया गया.

    संदेश में जनरल रावत कह रहे हैं, ‘’स्वर्णिम विजय पर्व के मौक़े पर मैं भारतीय सेना के सभी जवानों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ. भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजय पर्व के तौर पर मना रहे हैं. मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.’’

    ‘’12 से 14 दिसंबर तक दिल्ली के इंडिया गेट पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ये बड़े सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति के लौ की छांव में आयोजित किया जा रहा है, जो कि हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी. हम सभी देश वासियों को इस विजय पर्व में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं.अपनी सेनाओं पर है हमें गर्व, आओ मिलकर मनाए विजय पर्व, जय हिंद.‘’

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    आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मौत हो गई थी.

  18. यूक्रेन पर रूसी हमले की स्थिति में सेना भेजने पर बोले बाइडन

    बाइडन

    रूस के यूक्रेन पर हमले की आशंकाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिकी सेना नेटो के सदस्य देशों में भेजी जाएगी लेकिन सेना यूक्रेन नहीं जाएगी.

    यूक्रेन नेटो संगठन का सदस्य नहीं है.

    संवादाताओं ने बाइडन से पूछा कि आखिर यूक्रेन में सेना भेजने का विचार अमेरिका ने क्यों बदल दिया? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘'ये कभी हमारी योजना का हिस्सा नहीं था.‘’

    बाइडन ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि यूक्रेन पर "आक्रमण" की स्थिति में, अमेरिका अपने सैनिकों को 9 देशों- बुल्गारिया,हंगरी,लातविया,लिथुआनिया,पोलैंड,रोमानिया,स्लोवाकिया,द चेक गणराज्य और एस्टोनिया में भेजेगा.

    उन्होंने कहा,"हमें अगर ज़रूरी लगेगा तो हम और अधिक अमेरिकी और नेटो सैनिक भेजेंगे. ये देश नेटो के सदस्य हैं और रूस के किसी भी हमले से उनका बचाव करना हमारा दायित्व है.‘’

    पुतिन-बाइडन

    हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन के लोगों को रक्षा क्षमता की मदद करता रहेगा.

    बाइडन ने कहा, "मैंने राष्ट्रपति पुतिन को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है. अगर वह यूक्रेन पर हमला करते हैं तो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक परिणाम विनाशकारी होंगे.’’

    ‘’इससे रूस और उसके रवैये को लेकर दुनिया का दृष्टिकोण बदल जाएगा, जिसकी भयानक क़ीमत रूस को चुकानी पड़ेगी.‘’

  19. मलेशिया ने बांग्लादेश के लिए खोला दरवाज़ा

    बांग्लादेश

    बांग्लादेश के प्रवासी कल्याण एवं रोज़गार मंत्री इमरान अहमद के अनुसार, मलेशिया इस साल के अंत तक बांग्लादेशियों के लिए अपना रोज़गार बाज़ार फिर से खोलेगा.

    मलेशिया ने बीते तीन साल, 2018 से बांग्लादेश के कामगारों को रोज़गार देने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.

    शुक्रवार रात सिलहट सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बात करते हुए अहमद ने कहा,“मलेशिया सरकार ने इस मुद्दे पर हमारी सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने में रुचि दिखाई है. आवश्यक दस्तावेज़ मिलने के बाद एक या दो दिन में समझौते की अंतिम तारीख़ का पता चल जाएगा.’’

    उनके अनुसार,कई क्षेत्रों में बांग्लादेशी श्रमिकों के लिए नौकरी का बाज़ार फिर से खोल दिया जाएगा, जैसे- वृक्षारोपण,बागवानी,कृषि,उत्पादन,खनन,निर्माण और घरेलू सेवा.

    इसके अलावा,श्रमिकों को क़ानूनी रूप से ग्रीस भेजने के लिए भी एक और समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे,ताकि लोगों को अवैध रूप से विदेश जाने से रोका जा सके.

    मलेशिया, बांग्लादेशी श्रमिकों के बीच सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है. ब्यूरो ऑफ मैनपावर,एम्प्लॉयमेंट एंड ट्रेनिंग (बीएमईटी) के अनुसार,1976 और 2019 के बीच मलेशिया में 1,057,056 बांग्लादेशियों को काम मिला.