कैश का मारा पहुंचा कैशलेस गाँव
गुजरात के डांग की भारत के सबसे पिछड़े ज़िलों में गिनती की जाती है.
महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस ज़िले में नोटबंदी का प्रकोप हर कोने में दिखता है.
क़रीब ढाई लाख की आबादी वाले इस ज़िले में बहुत कम बैंक शाखाएं और एटीएम हैं.
इसी इलाके में 90 से ज़्यादा गाँव ऐसे भी हैं जिनमें न कोई एटीएम और न ही कोई बैंक शाखा है.
इसी इलाके के रहने वाले 32 साल के रघुनाथ बागुल से बीबीसी की मुलाक़ात हुई और उन्होंने नोटबंदी से जुडी इलाके की दिक्कतों के बारे में बताया.
बीबीसी के आग्रह करने पर रघुनाथ डांग ज़िले से 600 किलोमीटर दूर गुजरात के अकोदरा गाँव चलने को राज़ी हुए.
अकोदरा वो गाँव है जिसे भारत का 'पहला कैशलेस डिजिटल विलेज' बताया गया है और ये भी गुजरात राज्य में ही है.
रघुनाथ बागुल ने दो दिनों में डांग से निकलकर जो देखा उससे वे न सिर्फ़ दंग रह गए, बल्कि ये कह कर वापस लौटे कि ज़िले में सबको जाकर बताएंगे, 'एक ऐसा भी गाँव है गुजरात में'.
अकोदरा वो गाँव है जिसे भारत का 'पहला कैशलेस डिजिटल विलेज' बताया गया है और ये भी गुजरात राज्य में ही है.
रघुनाथ बागुल ने दो दिनों में डांग से निकलकर जो देखा उससे वे न सिर्फ़ दंग रह गए बल्कि ये कह कर वापस लौटे कि ज़िले में सबको जाकर बताएंगे, 'एक ऐसा भी गाँव है गुजरात में'.