ज़ुफा इक़बाल ने कामयाबी की नई दास्ताँ लिखी

ज़ुफा इक़बाल ने कामयाबी की नई दास्ताँ लिखी

जुफ़ा बताती हैं, "जब मैं श्रीनगर के प्रेज़ेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल में थी तो एक प्रोग्राम के सिलसिले में मुझे एक प्रोजेक्ट बनाना था.

हम लोग कश्मीर यूनिवर्सिटी गए तो उन्होंने कहा कि अपनी तहजीब के हिसाब से ऐसी चीज़ बनाएं जिससे अपने लोगों को भी फ़ायदा हो.

इसके बाद मैं टीवी पर इसी उद्योग से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री देख रही थी. इस तरह मैंने नमदा मशीन पर काम करना शुरू किया."

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