मीट के कारोबार में 'झटका' और 'हलाल' का झगड़ा क्या है?
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 'लाल माँस' से संबंधित अपनी नियमावली से 'हलाल' शब्द को हटा दिया है और उसकी जगह अब नियमावली में कहा गया है कि 'जानवरों को आयात करने वाले देशों के नियमों के हिसाब से काटा गया है.' यह बदलाव सोमवार को किया गया, जबकि अब तक माँस को निर्यात करने के लिए उसका हलाल होना एक महत्वपूर्ण शर्त रही है. फ़िलहाल बदलाव के बाद एपीडा ने स्पष्ट किया है कि 'हलाल' का प्रमाण-पत्र देने में किसी भी सरकारी विभाग की कोई भूमिका नहीं है. नियमावली में पहले लिखा गया था: "सारे जानवरों को इस्लामिक शरियत के हिसाब से काटा जाता है और वो भी जमीयत-उल-उलेमा-ए-हिन्द की देखरेख में. इसके बाद जमीयत ही इसका प्रमाण-पत्र देता है."
स्टोरी: सलमान रावी
आवाज़: मोहम्मद शाहिद
वीडियो एडिटिंग: दीपक जसरोटिया
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)