तालिबान, चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी में क्या भारत फंस गया?

तालिबान, चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी में क्या भारत फंस गया?

भारत के अफ़ग़ानिस्तान की सरकारों के साथ काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं. राष्ट्रपति चाहे हामिद करज़ई रहे हों या फिर अशरफ़ ग़नी, अफ़ग़ानिस्तान और भारत के बीच गर्मजोशी साफ़ दिखाई देती रही लेकिन काबुल पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद भारत अफ़ग़ानिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सतर्कता के साथ जांच परख रहा है.

भारत सरकार और अहम अधिकारियों ने इस मामले में लगभग चुप्पी साधी हुई है. इस मामले में सिर्फ़ विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "भारत अफ़ग़ानिस्तान के घटनाक्रम पर क़रीबी नज़र बनाए हुए है."

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान चाहता है कि भारत अफ़ग़ानिस्तान में विकास के काम जारी रखे. दूसरी तरफ़, भारत सरकार ने अपने दूतावास कर्मियों को वापस बुला लिया है. भारत ने अब तक अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भविष्य की अपनी योजनाओं को सामने नहीं रखा है.

रिपोर्ट: सुमैया अली और सचिन गोगोई

आवाज़: प्रज्ञा सिंह

वीडियो एडिटिंग: दीपक जसरोटिया

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