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मंगलवार, 15 जुलाई, 2003 को 14:03 GMT तक के समाचार शाकाहार का बढ़ता बाज़ार
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फ़ास्ट फ़ूड की लोकप्रियता में आई गिरावट
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स्टीफ़न एवन्स
अमरीका के प्रमुख समाचारपत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हाल में शाकाहारियों को केंद्रित कर एक लेख प्रकाशित किया.
इसमें कई दिलचस्प जानकारियाँ दी गईं हैं.
इसमें बताया गया है कि माँसाहार नहीं करने वाले अमरीकी किशोरों की संख्या पिछले साल दोगुनी हो गई.
हालाँकि अमरीका में माँसाहारियों के मुक़ाबले शाकाहारियों की संख्या अब भी काफ़ी कम है, लेकिन शाकाहार की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है.
 मैकडोनल्ड सहित सभी बड़ी फ़ास्ट फ़ूड कंपनियों पर दबाव | बड़ी संख्या में लोग दुग्ध उत्पादों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
इन नए शाकाहारियों के बारे में कई चौंकाने वाल बात अख़बार की रिपोर्ट में दी गई है. जैसे मधुमक्खियों से प्यार के कारण कई शुद्ध शाकाहारी शहद को छूते भी नहीं.
अख़बार के अनुसार शाकाहार के इस अभूतपूर्व प्रसार के पीछे संगीत मंडलियों का भी बड़ा हाथ है जो अपने गीतों के ज़रिए शाकाहार का संदेश देते हैं.
इसमें कोई शक नहीं कि खानपान को लेकर नज़रिया बदल रहा है. जैसे फ़ास्ट फ़ूड कंपनियाँ पशु अधिकारवादियों की शिकायतों पर ध्यान देने लगी हैं.
अब ग्राहक सिर्फ़ खाने का स्वाद ही नहीं देख रहे बल्कि यह भी देखते हैं कि उसमें डाली गई सामग्री क्या है और कहाँ से आई है.
मिसाल के तौर पर कुछ समय पहले तक बिना रसायन के उगाए गई चीज़ें आसानी ने नहीं मिलती थीं लेकिन अब कई सुपरस्टोर ऑर्गेनिक फूड बड़ी मात्रा में बेच रहे हैं.
पशु कल्याण
मैकडॉनल्ड्स, बर्गर किंग, केएफ़सी और वेंडीज़ जैसी बड़ी फ़ास्ट फ़ूड कंपनियाँ पशु कल्याण कार्यक्रमों के लिए पैसे दे रही हैं. दशक भर पहले तक ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता था.
मैकडॉनल्ड्स ने तो अपने सप्लायरों को निर्देश दे रखा है कि वे मुर्गियों को ज़्यादा मात्रा में तेज़ वृर्द्धि वाले हार्मोन नहीं दें.
सही मायने में अंतरराष्ट्रीय कंपनी होने के कारण इन कंपनियों पर खाद्य पदार्थों का मानक बदलने के लिए विभिन्न पशु अधिकारवादी संगठनों सहित यूरोपीय संघ का भी दबाव है.
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ आहार कंपनियों से उम्मीद रखता है कि वे पशुओं के साथ बेहतर व्यवहार करें.
एक अनुमान के अनुसार अमरीका में हर साल मुर्गियों सहित आठ अरब जानवरों को फ़ास्ट फ़ूड के लिए काटा जाता है. |
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