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भारत ने ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत ने ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली सपुरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया है. ये मिसाइल रूस के सहयोग से तैयार की जा रही है. ब्रह्योस मिसाइल को उड़ीसा राज्य के चांदीपुर स्थित एकीकृत मिसाइल परीक्षण रेंज से रविवार को छोड़ा गया. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "ब्रह्योस मिसाइल एक अलग तरह की मिसाइल, ये इस मायने में अलग है कि इसकी गति 2.8 मैच है जबकि दुनिया में अन्य सभी मिसाइलें सब-सॉनिक गति से चलती है." आठ मीटर लंबी इस मिसाइल का वज़न तीन टन है और इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है. ब्रह्मोस मिसाइल को ज़मीन, पनडुब्बी, जहाज़ और विमान से प्रक्षेपित किया जा सकता है और ये 200 से लेकर 300 किलोग्राम तक के पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. पहली बार इसका परीक्षण जून 2001 में किया गया था. ब्रह्मोस मिसाइल भारत रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस का एनपओएम मिलकर विकसित कर रहे हैं. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है. | इससे जुड़ी ख़बरें ![]() 29 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस ![]() 27 नवंबर, 2006 | भारत और पड़ोस ![]() 09 दिसंबर, 2006 | भारत और पड़ोस ![]() 30 नवंबर, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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