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मुठभेड़ ख़त्म, मुंबई में शोक का माहौल
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भारत के महानगर मुंबई में चरमपंथी हमलों के 58 घंटे बाद शनिवार सुबह ताज होटल में चल रही सुरक्षा बलों की कार्रवाई ख़त्म हो गई
है लेकिन तलाशी अभियान अभी जारी है. ताज होटल में टूटी ही खिड़कियाँ, क्षतिग्रस्त हॉल और जली हुई दीवारें नज़र आ रही हैं.
उधर दिल्ली में केंद्रीय आंतरिक सुरक्षा सचिव, एमएल कुमावत ने शनिवार शाम पत्रकारों को बताया कि कुल 183 लोगों की मौत इन हमलों में हो चुकी है जिसमें से 22 विदेशी नागरिक हैं. कम से कम 239 लोग इन हमलों में घायल हुए हैं. 23 विदेशी नागरिक भी घायल हैं. चरमपंथियों के ख़िलाफ़ अभियान में लगभग 500 कमांडो लगाए गए थे. 400 से ज़्यादा पुलिसकर्मी भी लगे थे.
हालांकि पूरे ऑपरेशन को एनएसजी कमांडो ने ही अंजाम दिया. सेना और पुलिस को बाहर से मदद के लिए ही रखा गया था. एनएसजी ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन ब्लैक टॉरनाडो का नाम दिया था. इस अभियान के दौरान एनएसजी ने दो कमांडो खोए, आठ अधिकारी और कमांडो घायल भी हुए हैं. एनएसजी कमांडो की कार्रवाई के दौरान ओबेरॉय होटल से 250 लोगों को, ताज होटल से 300 लोगों को और नरीमन हाउस से 12 परिवारों के क़रीब 60 लोगों को रिहा कराया गया. ऑपरेशन टॉरनाडो शनिवार को मुठभेड़ पूरी होने के बाद एनएसजी के महानिदेशक जेके दत्त ने मीडिया को बताया, "मुठभेड में तीन चरमपंथी मारे गए हैं लेकिन तलाशी अभियान जारी है. हर मंज़िल पर हर कमरे की तलाशी चल रही है."
जेके दत्त का कहना था, "चरमपंथी बार-बार होटल में आग लगा रहे थे ताकि सुरक्षाकर्मियों का ध्यान बाँटा जा सके. तलाशी अभियान में कहा क्या मिले कुछ नहीं कहा जा सकता. चरमपंथियों के पास एक-47, ग्रेनेड और मात्रा में विस्फोटक थे. यदि कोई भी हथियार के साथ पाया जाता है तो हमारे स्नाइपर उसे ख़त्म करने में सक्षम हैं. यदि आप कोई छोटे धमाके सुनते हैं तो वो उन दरवाज़ों को खोलने के प्रयास में किए जाएँगे जहाँ ताले लगे हुए हैं."
जहाँ सात जगहों को बुधवार रात को निशाना बनाया गया था, वहीं ताज होटल, ट्राइडेंट-ऑबराय होटल और नरीमन हाउस में चरमपंथियों ने लोगों की बंधक बना लिया था. इसके बाद शुक्रवार को नौसेना के कमांडो और एनएसजी कमांडो ने ट्राइडेंट-ऑबराय होटल और नरीमन हाउस को चरमपंथियों के 'कब्ज़े से मुक्त' करा लिया. सुरक्षाकर्मियों ने वहाँ मौजूद सभी पत्रकारों को आदेश दिया - "लेट जाओ...लेट जाओ..." इसके बाद ताज होटल में शांति हो गई. धमाकों और और गोलीबारी के बाद टीवी चैनलों ने एक शव को इमारत से बाहर फेंके जाते दिखाया. अब पुष्टि हो गई है कि ये शव एक चरमरपंथी का था.
घटनास्थल पर मौजूद बीबीसी संवाददाता सुझील झा ने बताया, "शनिवार सुबह से कमांडो कार्रवाई ख़ासी तेज़ आई और कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं. भीषण गोलीबारी भी हुई. इमारत के चारो ओर विशेष तौर पर ग्राउंड फ़्लोर के आसपास काला धुँआ फैल गया और चारों और कमांडो नज़र आने लगे. लेकिन कुछ मिनट बाद घटनास्थल शांत हो गया और दमकल कर्मचारी आग बुझाने में जुट गए. मुठभेड़ ख़त्म हो जाने के आसार हैं. एक दमकल कर्मचारी ने मुझे अपने मोबाइल फ़ोन से खींची गईं दो चरमपंथियों के शवों की तस्वीरें दिखाईं. अब ताज में तलाशी अभियान चल रहा है." 'ट्राइडेंट-ऑबराय होटल और नरीमन हाउस मुक्त' इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो और सुरक्षाकर्मियों ने होटल ओबरॉय-ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस के बारे में दावा किया कि इन्हें चरमपंथियों से मुक्त करवा लिया गया है और वहाँ से सभी बंधकों और फँसे हुए लोगों को छुड़वा लिया गया है. शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई में कुल मिलाकर पाँच चरमपंथियों, एनएसजी के दो जवानों की मौत हुई है और एनएसजी के दो कमांडो घायल हुए. एनएसजी के महानिदेशक जेके दत्त के अनुसार होटल ओबरॉय-ट्राइडेंट में 30 नागरिक मारे गए हैं जबकि नरीमन हाउस में पाँच लोगों को चरमपंथियों ने मार दिया.
ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल से बंधकों को आख़िरकार शुक्रवार को दोपहर बाद बाहर निकाल लिया गया लेकिन इसके लिए दो दिन से कार्रवाई में लगे सेना और एनएसजी के जवानों ने शुक्रवार को गज़ब की तेज़ी दिखाई.
ओबेरॉय होटल में गोलियों की आवाज़ें दिन में कम हुई तो धीरे धीरे बंधक बाहर आने लगे. बड़ी संख्या में कारों में और बाद में बसों में भर कर बंधकों को बाहर निकाला गया. इनमें भारतीय और विदेशी नागरिक थे. ऑबरॉय में हुई कार्रवाई के दौरान एनएसजी का एक कमांडो मारा गया है. जबकि यहाँ दो चरमपंथियों के मारे जाने की बात एनएसजी ने कही है. बीबीसी संवाददाता सुशील झा के अनुसार ऑबरॉय-ट्राइडेंट को अभी भी बंद करके रखा गया है और मीडिया को भी वहाँ जाने नहीं दिया जा रहा है. नरीमन हाउस में कमांडो
नरीमन हाउस की तंग गलियों में शुक्रवार को भारतीय समयानुसार सुबह कोई सात बजे हेलीकॉप्टर से एनएसजी के जवान उतरने लगे और चरमपंथियों के ख़िलाफ आखिरी लड़ाई शुरु हुई. टीवी चैनलों पर दिखाया गया कि किस तरह से एक के बाद एक एनएसजी के जवान नरीमन हाउस की छत पर उतरे और फिर धीरे-धीरे नीचे उतरने लगे. लकिन जल्दी ही टेलीविज़न कैमरों को बंद करवा दिया गया. जब कार्रवाई शुरु हुई तो धमाके और गोलीबारी के बीच पूरी गली में धुआं भर गया और पुलिस ने लोगों को दूर रहने के लिए कहा. देर शाम तक नरीमन हाउस में रुक रुक कर गोलियाँ चलती रहीं. शुक्रवार भारतीय समायानुसार शाम साढ़ छह बजे कमांडो कार्रवाई पूरी करके बाहर आ गए और उन्होंने कहा था कि दो चरमपंथियों को मार दिया गया है लेकिन फिर वहाँ धमाके की आवाज़ हुई और कमांडो इमारत में फिर दाख़िल हुए. इसके बाद एक चरमपंथी के मारे जाने की ख़बर मिली. इस कार्रवाई के बीच चरमपंथियों ने पाँच बंधकों को मार दिया था जो यहूदी थे. इस पूरी कार्रवाई में एनएसजी का एक कमांडो मारा गया जबकि दो घायल हो गए. |
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