चीनी अंतरिक्ष स्टेशन 2017 में पृथ्वी पर गिरेगा?

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चीन का अंतरिक्ष स्टेशन तियानगॉन्ग-1
आशंका ज़ाहिर की जा रही है कि साल 2017 में चीन का पहला अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी पर गिर जाएगा. अनुमान है कि यह स्पेस स्टेशन बेकाबू हो चुका है.
अंतरिक्ष शोध की दौड़ में आगे निकलने की कोशिश करते हुए चीन ने 2011 में स्पेस स्टेशन तियानगॉन्ग-1 ('नैसर्गिक महल') छोड़ा था.
अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा है कि स्पेस स्टेशन ने "अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लिया है. "
अंतरिक्ष में स्थित यह प्रयोगशाला अभी भी सुरक्षित है और पृथ्वी से 370 किलोमीटर ऊपर अपनी कक्षा में चक्कर लगा रहा है.
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अंतरिक्ष शोध में आगे निकलने की होड़ मची हुई है
चीन के मानव अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय के उप-निदेशक वू पिंग ने बीते दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "हमारी गणना और विश्लेषण के मुताबिक़, इस स्पेस लैब के पृथ्वी पर गिरते समय इसके ज़्यादातर हिस्से जल जाएंगे."
उन्होंने यह भी कहा कि शके कारण विमानन गतिविधियों के प्रभावित होने और पृथ्वी को नुक़सान पंहुचने की कोई आशंका नहीं है.
दूसरी ओर, गॉर्जियन अख़बार की ख़बर है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के अंतरिक्षशास्त्री डॉक्टर जोनाथन मैकडॉवल के मुताबिक़, चीन इस अंतरिक्ष स्टेशन पर अपना नियंत्रण खो चुका है.
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चीन के कई यान अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे हैं
ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने कहा, "आप इन चीजों को अपने अनुसार घुमा नहीं सकते. जब यह पथ्वी पर गिरने लगेगा उसके दो दिन पहले भी आपको वही पता चलेगा जो गिरने के छह-सात घंटे पहले पता चल सकेगा."
डॉक्टर मैकडॉवल का मानना है कि पृथ्वी की कक्षा में आने पर यहां के वातावरण में घर्षण से इस स्पेस स्टेशन की ज़्यादातर चीजें ख़ुद ब ख़ुद पिघल जाएंगी.
इस महीने की शुरूआत में चीन ने अपना दूसरा स्पेस स्टेशन छोड़ा है. इसका नाम है तियानगॉन्ग 2. माना जा रहा है कि यह 2022 तक अंतरिक्ष में रहेगा.