स्मार्टफोन में भारतीय भाषा के कीबोर्ड अब ज़रूरी

सभी मोबाइल फ़ोन पर अब कम से कम एक भारतीय क्षेत्रीय भाषा का कीबोर्ड होना ज़रूरी होगा.
भारत सरकार ने नियमों में बदलाव करके अगले साल जुलाई से मोबाइल फ़ोन कंपनियों के लिए ये ज़रूरी कर दिया है. इस बदलाव के बाद सभी हैंडसेट में अंग्रेजी, हिंदी के अलावा एक भारतीय भाषा का कीबोर्ड होना ज़रूरी है.
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते इस बदलाव की घोषणा कर दी है. इस आदेश के बाद ऐसे स्मार्टफोन बनाना, बेचना या रखना संभव नहीं होगा. और इसका उल्लंघन होने पर सरकार किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है.
हिंदी को मिलाकर 22 भारतीय भाषाओँ में ऐसे कीबोर्ड स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर में शामिल करना होगा.
इन भाषाओँ को 11 अलग अलग लिपियों में लिखा जाता है. संविधान के आठवें शेड्यूल में शामिल की गयी इन सभी 22 भाषाओँ के बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं.
देश में करीब 63 करोड़ लोग ऐसे हैं जो करीब 100 करोड़ से ज़्यादा मोबाइल फ़ोन कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली जैसे शहर में अब हर 100 लोग पर करीब 150 मोबाइल फ़ोन हैं.
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भारत में स्मार्टफोन का बाजार बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और अगले कुछ सालों में हर जगह स्मार्टफोन दिखाई देने की उम्मीद की जा सकती है. कई छोटे ब्रांड के फ़ोन में दूसरी भाषा के कीबोर्ड हैं पर चूंकि ऐसा करना ज़रूरी नहीं था इसलिए कुछ कंपनियों ने अपने फ़ोन में उन्हें शामिल नहीं किया है.
सरकार का ये आदेश छोटे गांव तक स्मार्टफोन को पहुंचाने में मददगार होगा.
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार चाहती है कि सभी लोगों को ऑनलाइन काम करने में आसानी हो और उनकी भाषा में सभी जानकारी लोगों तक पहुंच जाए. चूंकि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में स्मार्टफोन एक बहुत अहम कड़ी है इसलिए उनपर लोगों की अपनी भाषा को शामिल करना बहुत ज़रूरी था.
इसके बाद सभी सरकारी जानकारी स्मार्टफोन के ज़रिये लोगों तक पहुंचाना बहुत आसान हो जाएगा.
हिंदी बोलने और समझने वाले देश में करीब 60 करोड़ लोग हैं.
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देश में करीब 10 फीसदी लोग अंग्रेजी समझ सकते हैं और स्मार्टफोन कंपनियों के लिए सभी लोगों तक पहुंचने के लिए ये बहुत बढ़िया तरीका है.