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मलेरिया से निपटने के लिए नई खोज
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ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने मलेरिया से लड़ने के लिए एक ऐसा इलाज खोज निकाला है जो इस क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता
है.
इसके लिए पहले उन्होंने मलेरिया के पूरे तंत्र को समझा कि कैसे यह बीमारी लाल रक्त कोशिकाओं को अपनी गिरफ़्त में लेती है. मेलबर्न में वाल्टर एंड एलिज़ा हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों का कहना है कि मलेरिया में परजीवी के माध्यम से शरीर में पहुँचा संक्रमण पहले लाल रक्त कोशिकाओं को अपनी गिरफ़्त में लेता है. शोधार्थियों ने पाया कि ऐसी आठ प्रोटीन होती हैं जो गोंद की तरह का एक पदार्थ बनाकर उसको लाल रक्त कोशिकाओं की बाहरी सतह पर चिपकने देती हैं. फिर यह संक्रामक कोशिकाएं रक्त वाहिनियों की दीवारों से चिपक जाती हैं और तिल्ली यानि स्पलीन से गुजरने से बच जाती हैं. प्रतिरोधक तंत्र का काम वैसे तो शरीर के प्रतिरोधक तंत्र के माध्यम से इन संक्रामक कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार आठ में से सिर्फ़ एक प्रोटीन को किसी तरह नष्ट कर देने भर से ही इस प्रक्रिया को रोका जा सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस एक प्रोटीन को दवाओं या टीके के माध्यम से नष्ट कर देने से संक्रामक कोशिकाओं की चिपकने की क्षमता और परजीवी की इस बीमारी को फैलाने की क्षमता खत्म हो सकती है. मेलबर्न में शोधार्थियों की इस टीम में शामिल प्रोफ़ेसर एलेन काउमैन कहते हैं कि यह खोज मलेरिया के खिलाफ़ लड़ाई में एक बड़ा हथियार बन सकती है. मलेरिया हालांकि अब मारक नहीं रहा और इसका इलाज भी संभव है लेकिन अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह जान भी ले सकता है. मलेरिया हर साल दस लाख से भी ज़्यादा लोगों की जान ले लेता है जिनमें ज़्यादातर अफ़्रीकी देशों के बच्चे होते हैं. |
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