सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासत तेज़

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कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो सर्जिकल स्ट्राइक के मामले में भारतीय जवानों के साथ है लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तुच्छ राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
इससे पहले अरविंद केंजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर प्रधानमंत्री की तारीफ़ की थी लेकिन साथ ही कहा था कि कई समाचार माध्यम इस पर सवाल उठा रहे हैं जिसका जवाब सबूतों से दिया जाना चाहिए.

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कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, '' हम सर्जिकल स्ट्राइक पर कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन ये कोई पहला सर्जिकल स्ट्राइक नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तुच्छ राजनीति ना की जाए. हमारा यही कहना है''
मंगलवार को दिन में ही कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर सवाल उठाए थे. हालांकि कांग्रेस ने संजय निरूपम के बयान से किनारा कर लिया है.
निरुपम ने मंगलवार को ट्वीट किया, "प्रत्येक भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ़ सर्जिकल स्ट्राइक्स चाहता है, लेकिन भाजपा की तरह राजनीतिक फ़ायदे के लिए नहीं फर्ज़ी स्ट्राइक्स नहीं चाहिए.
निरुपम ने अपने ट्वीट में दो स्क्रीनशॉट्स भी लगाए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तस्वीरें लगी हैं.
रणदीप सुरजेवाला का कहना था, ''कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रूख यही है कि हम भारतीय सेना के साथ हैं और सर्जिकल स्ट्राइक्स का समर्थन करते हैं लेकिन पाकिस्तान इसे लेकर जिस तरह का दुष्प्रचार कर रहा है उसका जवाब देने की ज़िम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है.''
इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि उनकी सरकार के कार्यकाल में भी इस तरह की कार्रवाई हुई थी, लेकिन उन्होंने इस मामले को हवा नहीं दी थी.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोमवार को वीडियो जारी कर सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए पीएम मोदी को सैल्यूट किया था, लेकिन साथ ही कहा था कि जिस तरह से पाकिस्तान इन स्ट्राइक्स को झुठलाने की कोशिश कर रहा है, उस झूठ को साबित करने के लिए सबूत दिए जाने चाहिए.
भारतीय सेना ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि उसने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा के पास चरमपंथी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक्स की हैं. हालाँकि पाकिस्तानी सेना ने भारत के दावों का खंडन किया और कहा है कि कार्रवाई नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी तक सीमित थी.
निरुपम के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड करने लगा.
राजेश भट्ट ने ट्वीट किया, "संजय निरुपम ने इस बात की अनदेखी की है कि सर्जिकल स्ट्राइक्स की डीजीएमओ ने पुष्टि की है, क्या कांग्रेस बहरी है?"
आशुतोष जोशी ने ट्वीट किया, "भारतीय सेना से आग्रह है कि अगली बार जब आप सर्जिकल स्ट्राइक्स के लिए जाएं तो अरविंद केजरीवाल और संजय निरुपम को साथ ले जाएं."
ट्विटर हैंडल @cifarshayar से लिखा गया है, "संजय निरुपम सही हो सकते हैं, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और एलओसी पर गई अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने सर्जिकल स्ट्राइक्स की खबरों को झुठलाया है."
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