जया की सेहत पर अफ़वाहें रोकने की अनूठी पहल
करीब तीन हफ़्ते से अस्पताल में भर्ती तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत पर अफ़वाहें रोकने का एक नया तरीका निकाला गया है.
जयललिता की अन्नाद्रमुक पार्टी ने एक सोशल मीडिया कैम्पेन के ज़रिए 'अम्मा' की सेहत पर उठने वाले सवालों और उनसे जुड़ी अफवाहों को निशाना बनाया है.
इस कैम्पेन की टैगलाइन है- "ऑल इज़ वेल विद अम्मा" और "माई सीएम इज़ फ़ाइन, नो मोर रयूमर्स" यानी "हमारी मुख्यमंत्री ठीक हैं, और अफवाहों की ज़रूरत नहीं".
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को 22 सितंबर को चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था जिसके बाद से उनकी सेहत को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं.
हालांकि अस्पताल की तरफ से समय-समय पर मेडिकल बुलेटिन भी जारी हुए हैं और मुख्यमंत्री की देखरेख करने वाले डॉक्टरों की तादाद भी बढ़ी है.
ब्रिटेन के एक इंटेंसियव केयर यूनिट एक्सपर्ट और दिल्ली के एम्स अस्पताल से एक वरिष्ठ डॉक्टरों का पैनल भी जयललिता के इलाज में जुटा है.
अस्पताल जाकर उनका हाल-चाल लेने वालों की फ़ेहरिस्त भी लंबी होती जा रही है. तमिलनाडु के राज्यपाल से लेकर राहुल गाँधी तक उनका हाल लेने पहुँच चुके हैं.
दो दिन पहले तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने अन्नाद्रमुक सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों से प्रशासन और कावेरी मुद्दे पर कुछ जानकारियां मांगी थीं जिन्हें लेकर राजनीतिक हलकों में कई सवाल उठे थे .
राज्यपाल के इस कदम से पहले मुख्यमंत्री जयललिता का इलाज कर रहे अस्पताल ने जानकारी दी थी कि उन्हें 'लंबे वक्त तक अस्पताल में रहना पड़ेगा.'
जहाँ एक तरफ जयललिता के सैंकड़ों समर्थक अस्पताल के बाहर खड़े उनके बेहतर स्वास्थ्य की प्रार्थना कर रहे हैं, वहीँ विपक्षी डीएमके पार्टी ने जयलिलता के स्वास्थ्य पर 'सही जानकारी' दिए जाने की मांग बरकरार रखी है.
इस सब के बीच अब जयलिलता की पार्टी एआईएडीएमके ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने समर्थकों और विपक्षियों के 'जिज्ञासा' को ख़त्म करने की योजना शुरू कर दी है.
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