'आरबीआई गवर्नर ने क्यों नहीं की घोषणा'

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नोटबंदी के फ़ैसले को आए 15 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन अब तक इस मामले में रिज़र्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल सामने नहीं आए हैं.
सोशल मीडिया पर आजकल लोग बड़ी संख्या में ये सवाल पूछ रहे हैं.
इस संबंध में बीबीसी हिंदी ने अपने पाठकों से पूछा, कितना उचित है उर्जित पटेल का ख़ामोश रहना? या लोग बेमतलब ही उन्हें निशाना बना रहे हैं? इस पर बीबीसी हिंदी को अब तक नब्बे से अधिक कमेंट मिल चुके हैं.
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जीतेंद्र त्रिवेदी ने लिखा, "वे आर 3 यानि रघुराम राजन नहीं हैं."
परक्षित गोंदले ने लिखा, "ये साहब को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए. क्योंकि इनसे नोट छापते नहीं बनता."
तस्लीम आरिफ़ रहमान ने लिखा, "रिज़र्व बैंक के गवर्नर तो खिलाड़ी हैं साहब, असली मोहरा तो कोई और हैं."
कृष्ण कुमार ने लिखा, "पहली चीज़ जो पीएम को नहीं करनी चाहिए थी वो है नोटबंदी की घोषणा. आरबीआई के गवर्नर को इसकी घोषणा करनी चाहिए थी. लेकिन पीएम ने इसकी घोषणा की क्योंकि वो इसका क्रेडिट लेना चाहते थे. "
भारत में ट्विटर पर भी लोग हैशटैग उर्जित पटेल के साथ कई तरह की बातें कर रहे हैं.
शशांक शर्मा ने लोगों से पूछा है सबसे अच्छे आरबीआई गवर्नर कौन हैं? पुराने रघुराम राजन या नए उर्जित पटेल.
संदीप सबरवाल ने लिखा है, "हर जगह मौजूद आरबीआई गवर्नर से ले कर एक ग़ायब गवर्नर तक- रघुराम राजन से उर्जित पटेल."
आकाश बैनर्जी पूछते हैं, "कौन सी चीज़ पहले दिखाई देगी - आपके पास के एटीएम में 500 रुपये का नोट या उर्जित पटेल."
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