कोरोना वायरस: चिकन खाने, गर्मी आने से क्या बदलेगा?

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दुनिया के कई देशों के साथ भारत में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 18 हज़ार के करीब पहुंच गए हैं.
दुनियाभर में कोरोना की वजह से डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. चीन से शुरू हुए इस वायरस के संक्रमण की चपेट में सबसे ज़्यादा अमरीका के लोग हैं. यहां कोरोना संक्रमण के मामले सात लाख 80 हज़ार से भी ज़्यादा हैं.
सावधानी बरतते हुए भारत में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है लेकिन आम लोगों के बीच कोरोना को लेकर कई सवाल हैं.
इन्हीं सवालों का जवाब आप तक पहुंचाने के लिए बीबीसी संवाददाता सलमान रावी ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा से बात की.
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आगे पढ़िए डॉ राजन शर्मा की दी हुई जानकारियां
- कोरोना वायरस ज़्यादातर मामलों में एक-दूसरे को छूने से फैलता है.
- कोरोना वायरस का पता लगने पर मरीज़ों को अलग रखा जाता है, छोटे-छोटे ग्रुप्स में.
- कोरोना आमतौर पर बच्चों को प्रभावित नहीं करता है.
- जिन लोगों की उम्र 58 से ज़्यादा होती है, कोरोना का असर ऐसे बुजुर्गों पर ज़्यादा होता है.
- गांव-देहात में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका कम ही है. ये एक शहरी बीमारी है. हर खांसी, ज़ुकाम कोरोना वायरस नहीं हो सकता है.
- मौसम बदलने के साथ ही कोरोना पर क़ाबू पाया जा सकता है.
- कोरोना वायरस का कोई फ़ौरी इलाज नहीं है. अगर आपको कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो फ़ौरन डॉक्टर को दिखाएं.
- चिकन खाने से कोरोना वायरस होने जैसी बातें सच नहीं हैं. भारत में जैसे खाना पकाया जाता है, उससे किसी वायरस के बचने की संभावना कम ही है. चिकन या अंडा खाने से कोई दिक़्क़त नहीं है.
- गर्मी आने पर कोरोना वायरस कम हो जाएगा. जैसे ही तापमान बढ़ेगा कोरोना वायरस का असर कम हो जाएगा.
- सरकार ने जहां कोरोना सेंटर बनाए हैं, वहां लक्षण महसूस होने पर दिखाइए.
- अगर कोरोना से बचाव की बात करें तो थ्री-लेयर्ड मास्क होते हैं. दूसरा मास्क N-51 होता है. आम लोग साधारण सर्जिकल मास्क भी पहन लें तो ठीक रहेगा.
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कोरोना वायरस से बच्चों का कैसे करें बचाव?
3 मार्च को कोरोना वायरस की वजह से नोएडा के स्कूलों को बंद करने की ख़बरें मीडिया के एक तबक़े ने चलाई थी.
ऐसे में क्या कोरोना का असर स्कूली बच्चों पर भी हो सकता है और सावधानी बरतने के लिए क्या किया जा रहा है.
इन्हीं सवालों के साथ बीबीसी संवाददाता गुरप्रीत सैनी ने नोएडा के सीएमओ अनुराग भार्गव से बात की.
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आगे पढ़िए नोएडा CMO की दी हुई जानकारियां...
- कुछ स्कूलों को सेनिटाइज़ किया जा रहा है. क्योंकि एक स्कूल के पाँच बच्चे कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आ गए थे.
- पाँचों बच्चों की सैंपलिंग करवाई गई थी, रिपोर्ट निगेटिव आई.
- कोरोना वायरस सात से आठ घंटे में नष्ट हो जाता है.
- हमने ये दिशा निर्देश जारी किए हैं कि कैसे स्कूलों की सफ़ाई की जाए ताकि कोरोना न फैल सके.
- खांसी, बुख़ार और सांस लेने में दिक़्क़त कोरोना वायरस के अहम लक्षण हैं.
- कोरोना बच्चों को कम ही प्रभावित करता है. अगर किसी को लक्षण महसूस होते हैं तो फ़ौरन डॉक्टर के पास जाएं.
- अस्पतालों की तैयारियों की बात करें तो बेड बढ़ाए जा रहे हैं. मास्क और सैनेटाइज़र की फ़िलहाल नोएडा में उस तरह से दिक़्क़त नहीं है.
- ध्यान ये रखें कि अगर आप आंख, मुंह पर हाथ लगा रहे हैं तो हाथ धोकर ही लगाएं.
- सफ़ाई का ध्यान रखें. नाख़ून कटे होने चाहिए. जिन लोगों को खांसी है, सांस लेने में दिक़्क़त है ऐसे लोगों से दूर रहें.
- कोरोना का इलाज नहीं है. सुरक्षा ही बचाव है. घर से बाहर जाने से बचें. अगर जा रहे हैं तो मास्क लगाकर जाएं.
- अगर किसी को ये मालूम नहीं है कि वो संक्रमित हैं और वो बाहर से आ रहे हैं तो उन्हें ख़ुद सावधानी बरतनी चाहिए.
- लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है. बस साफ़ सफ़ाई का ध्यान रखें.
- हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. जिस पर कॉल करने वालों को एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी. ये नंबर हैं- 8076623612 और 6396776904
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