कोहली पर 'बॉल टैम्परिंग' के आरोप इसलिए बेदम

विराट कोहली

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भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली पर एक ब्रिटिश अख़बार ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ राजकोट टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.

आरोप है कि भारत-इंग्लैंड सिरीज़ के पहले टेस्ट के दौरान फील्डिंग करते हुए कोहली ने मुंह में रखी चुइंगम या लॉली को छुआ और उसके बाद गेंद को रगड़ कर चमक बढ़ाने की कोशिश की.

ये मामला सोशल मीडिया पर भी उछला है.

इंग्लैंड ने नहीं की शिकायत

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असफ़ंदर भित्तानी नाम के एक शख़्स ने 31 सेकंड के वीडियो के साथ ट्वीट किया, ''आईसीसी का कहना है कि फ़ेफ़ डु प्लेसी मिंट का इस्तेमाल कर गेंद से छेड़छाड़ के दोषी हैं, लेकिन यहां विराट कोहली वही करते दिख रहे हैं. उन्हें सज़ा क्यों नहीं दी गई? आईसीसी = बिग 3''

क्रिकेट की दुनिया में बिग 3 के मायने भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड से है.

इस मामले में भारत दौरे पर आई इंग्लैंड टीम की तरफ़ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. टीम ने इस मामले में टिप्पणी से भी इनकार किया है.

हालांकि, अगर आईसीसी के नियम-क़ायदों पर नज़र डालें, तो अब ये आरोप बेमतलब हैं.

पांच दिन में करनी होती है शिकायत

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समाचार एजेंसी पीटीआई ने इससे जुड़ी ख़बर दी है.

गेंद से छेड़छाड़ पर आईसीसी के नियमों के मुताबिक़ अगर कोई टीम विरोधी खिलाड़ी के ख़िलाफ़ इस तरह की कोई शिकायत करना चाहती है तो ऐसा टेस्ट मैच ख़त्म होने के पांच दिनों के भीतर ऐसा करना होता है.

आईसीसी के नियम 3.2.2.1 के अनुसार लेवल 1 ऑफ़ेंस या लेवल 2 ऑफ़ेंस से जुड़ी कथित घटना होने पर इसके पांच दिन में मैच रेफ़री या आईसीसी क्रिकेट ऑपरेशंस डिपार्टमेंट को जानकारी देनी होती है.

इस मामले में जिस मैच की बात हो रही है, वो 9 से 13 अक्टूबर के बीच राजकोट में खेला गया था. अगर इंग्लैंड टीम वाक़ई इस मामले में शिकायत करना चाहती, तो उसे ऐसा 18 नवंबर तक करना था.

डु प्लेसी पर हुई कार्रवाई

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हाल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट के दौरान दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान फ़ेफ़ डु प्लेसी पर इसी तरह के आरोप लगे थे.

आईसीसी ने आरोपों को सही पाया और उन पर 100 फ़ीसद मैच फ़ीस का जुर्माना लगाया गया.

हालांकि, वो सख़्त सज़ा से बच गए. प्लेसी पर मैच की पाबंदी भी लगाई जा सकती थी.

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