ज़्यादातर प्रत्याशी जो पहले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, वो अब भाजपा के उम्मीदवार बन चुके हैं.
और पढ़ेंशुरैह नियाज़ी
भोपाल से, बीबीसी हिंदी के लिए
शुरैह नियाज़ी
भोपाल से, बीबीसी हिंदी के लिए
अनिल जैन
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए
तारेंद्र किशोर
बीबीसी हिंदी के लिए
अनिल जैन
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी के लिए
शुरैह नियाज़ी
मध्य प्रदेश से, बीबीसी हिंदी के लिए
शुरैह नियाज़ी
भोपाल से बीबीसी हिंदी के लिये,
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को कर दिया गया है.
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ के पद यह विस्तार 29 दिनों बाद किया गया है.
यह विस्तार कोरोना संकट की वजह से मुमकिन नहीं हो पा रहा था. वहीं शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना को प्रदेश में काबू नहीं करने की वजहभी यही मानी जा रही थी कि सरकार के पास कोई भी मंत्री नहीं था और शिवराज सिंह चौहान अकेले ही सारे काम कर रहे थे.
मंगलवार को पांच विधायकों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. नरोत्तम मिश्रा, गोविंद सिंह राजपूत, मीना सिंह, तुलसीराम सिलावट और कमल पटेल ने शपथ ली. इनमें तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत, सिंधिया ग्रुप से हैं जिन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण का भी ध्यान में रखा. नरोत्तम मिश्रा ब्राहमण समाज से आते है. मीना सिंह महिला और आदिवासी वर्ग से आती है, कमल पटेल ओबीसी वर्ग से आते है.वही तुलसी सिलावट, अनुसूचित जाति वर्ग से है और गोविंद सिंह राजपूत को सामान्य वर्ग से माना जा सकता है.
शपथ समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग का ख़याल रखा गया था. सभी लोगों ने मास्क पहने थे और एक-दूसरे से भी इन लोगों ने दूरी बनाकर रखी थी. राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने शपथ दिलाई और किसी भीवीवीआईपी को इसमें नहीं बुलाया गया था. इतने सादे समारोह में शपथ ग्रहण शायद ही हाल के सालों में हुआ होगा.
सूत्रों की मानी जाए तो यह लिस्ट दिल्ली में भाजपा हाईकमान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाक़ात के बाद तय हुई. हालांकि सिंधिया चाहते थे कि मंत्रिमंडल बड़ा हो और उनके उन सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई जायें जिन्होंने उनके लिये इस्तीफ़ा दिया है. लेकिन ऐसा न हो सका.
इस मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा को अपने कई वरिष्ठ नेताओं को नज़रअंदाज़ करना पड़ा उनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इस आधार पर सरकार में मुख्यमंत्री समेत 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार विपक्षी कांग्रेस के निशाने पर थे. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है जो स्वास्थ्य और गृह मंत्री के बिना कोरोना जैसी महामारी का सामना कर रहा है.
अगर प्रदेश की हालत देखें तोआंकड़ा लगभग 1552से अधि पहुंच चुका है और 80लोगों की मौत हो चुकी है. प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौरमें हालात से बद से बदतर हो चुके है. अकेले 915 कोरोना के मरीज़ इंदौर में ही निकल चुके है.
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.डी शर्मा ने कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिये टास्क फ़ोर्स और एडवाइज़री कमेटी का गठन किया गया था. उसके बाद उन्होंने महसूस किया कि कुछ लोगों को और आवश्यकता है तो उन्होंने इसलिये मंत्रिमंडल गठन किया है.
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी ताक़त से कोरोना से लड़ने में लगे हैं. वो काफ़ी हद तक इसको काबू में पाने में भी कामयाब रहे हैं. आगे भी वो मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ मिलकर कोरोना को ख़त्म करने में कामयाब होगें.”
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने मंत्रिमंडल विस्तार पर सवाल उठाये हैं.
उन्होंने कहा, “ मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल को संविधान की मंशा के विपरीत बताया है.”
विवेक तन्खा ने अपने ट्वीट में लिखा, “शिवराज जी, कैबिनेट के संबंध में मेरे सुझावों को ‘आंशिक’ रूप से ही मानने के लिए धन्यवाद परंतु पहला सवाल यह है किसंविधान की धारा 164-1ए के अनुसार न्यूनतम 12 मंत्री होने चाहिए तोबीजेपी को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज़ क्यों है. दूसरा सवाल यह है किपहली बार चारों महानगरों से मूल ‘बीजेपी’ का प्रतिनिधि नहीं.”
उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन लोटस के महत्वपूर्ण किरदार कैसे छूट गए? वरिष्ठतम नेता और पूर्व एलओपी भी शामिल नहीं. इस आशा के साथ की प्रदेश में मौत का तांडव रुकेगा और हम कोरोना से जंग जीतेंगे.”
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया जिन्होंने भाजपा की सरकार बनने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने ट्वीट किया है कि वो मुख्यमंत्री के साथ इस घड़ी में खड़े हैं.
उन्होंने उम्मीद जताई की, “ शिवराज सिंह चौहान के सक्षम नेतृत्व में आप सभी मिलकर कोरोना के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे भी.”
शुरैह नियाज़ी
भोपाल से, बीबीसी हिंदी के लिए
समीरात्मज मिश्र
बीबीसी हिंदी के लिए, लखनऊ से
सिन्धुवासिनी
बीबीसी संवाददाता