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चीन की मुख्य भूमि के कई लोग उन्हें 'गद्दार' मानते हैं, जबकि हांगकांग में लोग उन्हें नायक के रूप में देखते हैं.
चीन की मुख्य भूमि के कई लोग उन्हें 'गद्दार' मानते हैं, जबकि हांगकांग में लोग उन्हें नायक के रूप में देखते हैं.
एंड्रीयाज़ इल्मर
बीबीसी न्यूज़
चीन की संसद ने एक विवादास्पद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत हॉन्ग-कॉन्ग की चुनावी प्रणाली पर चीन के क़ाबू पाने का रास्ता साफ़ हो जाएगा और इस तरह चीन हॉन्गकॉन्ग पर अपने नियंत्रण को और बढ़ा सकेगा.
गुरुवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में 'देशभक्त शासित हॉन्ग-कॉन्ग पर' प्रस्ताव पारित किया गया.
इस प्रस्ताव के तहत लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा और बीजिंग समर्थक पैनल को 'देशभक्त' उम्मीदवारों को चुनने की इजाज़त होगी.
इस प्रस्ताव के संसद से पास हो जाने की उम्मीद जताई भी जा रही थी. इसके समर्थन में 2895 वोटों पड़े और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा और ये प्रस्ताव एकमत के साथ पारित किया गया .
अब क़ानून का मसौदा तैयार किया जाएगा और अगले कुछ महीनों के भीतर हॉन्ग-कॉन्ग में इसे लागू किया जा सकता है.
पिछले साल के एनपीसी सत्र में एक विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून पारित किया गया था, जो प्रभावी रूप से हॉन्ग-कॉन्ग की स्वायत्तता को कम करता है और प्रदर्शनकारियों को सज़ा देने की राह आसान बनाता है.
इस क़ानून के पिछले साल जून में लागू होने के बाद से हॉन्ग-कॉन्ग में दर्जनों लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
नेशनल पीपल्स कांग्रेस को संबोधित करते हुए चीन के प्रीमियर ली केचियांग ने कहा कि हॉन्ग-कॉन्ग में कोई दख़लंदाज़ी न करे.
उन्होंने हॉन्ग-कॉन्ग की चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर बदलाव करने का भी ऐलान किया और कहा कि "यहाँ की चुनाव व्यवस्था में व्यापक बदलाव किये जाएँगे ताकि हॉन्ग-कॉन्ग का भार 'देशभक्त' लोगों को दिया जा सके."
चीन के प्रधानमंत्री ने संसद की सालाना बैठक में दुनिया को हॉन्ग कॉन्ग के मामले में दख़ल न देने की चेतावनी दी है.