टाइटैनिक के डूबने का संदेश देने वाला एंटीना
- डायना लेम्बडिन मायर
- बीबीसी ट्रैवल

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सेंट जॉन्स की सिग्नल हिल
आज हम मोबाइल पर हज़ारों मील दूर बैठे लोगों से बात कर लेते हैं. वायरलेस सेट के ज़रिए बिना तार के दूसरों से संपर्क कर लेते हैं. करोड़ों किलोमीटर दूर स्थित अंतरिक्ष यानों से संपर्क साध लेते हैं.
क्या आपको पता है कि बिना तार के संदेश भेजने का ये सिलसिला किसकी देन है?
आपका जवाब होगा गुल्येल्मो मारकोनी.
जी हां, आप का जवाब बिल्कुल सही है. मारकोनी ही वो शख़्स थे, जिन्होंने बिना तार के संदेश दूर-दूर तक भेजने की तकनीक ईजाद की थी. उन्होंने ही रेडियो टेलीग्राफ़ की शुरुआत की थी.
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सिग्नल हिल उत्तरी अमरीका का सबसे पूर्वी बिंदु नहीं है
अटलांटिक के पार संदेश
मारकोनी इटली के बोलोना शहर के रहने वाले थे. जिन्होंने बेतार के तार यानी रेडियो टेलीग्राफ की खोज की थी.
पहली बार अटलांटिक महासागर के आर-पार रेडियो संदेश आज से एक सौ सोलह साल पहले यानी 1901 में भेजे गए थे.
ये संदेश इंग्लैंड के तट पर स्थित पोल्ढू नाम की जगह से कनाडा के सेंट जॉन्स नाम के शहर के पास स्थित एक टीले पर भेजे गए थे.
मारकोनी बरसों से बेतार के संदेश भेज रहे थे. आखिर में उन्होंने अटलांटिक महासागर के आर-पार रेडियो संदेश भेजने की तकनीक परखने का फ़ैसला किया.
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मारकोनी ने एंटीना लगाने के लिए गुब्बारों और पतंगों का सहारा लिया था
वैज्ञानिक मशीनें लगाकर संदेश भेजते थे
इसके लिए कनाडा के सेंट जॉन्स में समुद्र किनारे स्थित एक टीले को चुना गया. तेज़ हवाओं और भयंकर सर्दी के बीच मारकोनी ने अपना बड़ा-सा यंत्र सेंट जॉन्स में सिग्नल हिल नाम की पहाड़ी पर लगाया. पहाड़ी का ये नाम मार्कोनी के यहां रेडियो टेलीग्राफ का तजुर्बा करने की वजह से ही पड़ा है.
उत्तरी अटलांटिक महासागर स्थित इस ठिकाने को मार्कोनी ने बहुत सोच-समझकर चुना था. वो चाहते थे कि इंग्लैंड के पार अमरीकी महाद्वीप में एक ऐसा ठिकाना हो, जो इंग्लैंड से क़रीब हो. इंग्लैंड से क़रीब होने का मतलब वो महाद्वीप का सबसे पूर्वी हिस्सा हो.
हालांकि सेंट जॉन्स वो जगह नहीं है. मगर आख़िर में मार्कोनी को ये जगह जंच गई. उधर इंग्लैंड के पोल्ढू में वैज्ञानिक रोज़ाना अपनी मशीनें लगाकर संदेश भेजते थे.
इधर सेंट जॉन्स में मार्कोनी ने बहुत मशक़्क़त के बाद अपना एंटीना लगाने में कामयाबी हासिल की. इस दौरान इंग्लैंड से रोज़ाना मार्कोनी को रेडियो संदेश भेजे जाते थे. आख़िर में मार्कोनी अपने तजुर्बे में कामयाब हुए.
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पोल्ढू में मारकोनी से जुड़ा स्मारक खड़ा है
तकनीक ने लाया इंक़लाब
दिसंबर 1901 को इंग्लैंड से भेजा गया इलेक्ट्रो मैग्नेटिक संदेश, अटलांटिक के पार मार्कोनी के सिग्नल हिल स्थित एंटीना के ज़रिए पहुंच गया. ये बहुत बड़ी कामयाबी थी. इसने दुनिया में संचार के मोर्चे पर इंक़लाब ला दिया.
आज हम बिना तार के जिस तरह से भी संदेश भेजते हैं, उसकी बुनियाद मार्कोनी के उस तजुर्बे से ही पड़ी थी. इस प्रयोग के सफल रहने के बाद मार्कोनी को 1909 में नोबेल पुरस्कार भी मिला था.
मार्कोनी ने जिस सिग्नल हिल नाम की पहाड़ी पर ये प्रयोग किया था, वो साइंस की दुनिया के लोगों के लिए तो तीर्थ स्थल जैसा है. सिग्नल हिल जो सेंट जॉन्स शहर के क़रीब है, उसे दुनिया मार्कोनी की पहाड़ी के तौर पर भी जानती है.
यहीं पर स्थित एंटीना के ज़रिए दुनिया को टाइटैनिक जहाज़ के ख़तरे में पड़ने और फिर डूबने का संदेश मिला था.
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मारकोनी के रेडियो को मिला था टाइटैनिक डूबने का संदेश
संचार क्रांति का केंद्र है पहाड़ी
दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.
बात सरहद पार
समाप्त
सिग्नल हिल, कनाडा के लोगों का फेवरिट पिकनिक स्पॉट है. छुट्टियों के दिन बड़ी तादाद में लोग यहां आते हैं. मौसम का लुत्फ़ लेते हैं.
सेंट जॉन्स बंदरगाह के आस-पास मछलियां पकड़ने का काम भी बहुत होता है. बहुत कम लोगों को मालूम है कि ये पहाड़ी संचार क्रांति का केंद्र कही जा सकती है. क्योंकि यहीं पर मार्कोनी ने इंग्लैंड से भेजे गए रेडियो संदेश को पढ़ने के लिए रडार लगाया था.
सेंट जॉन्स शहर में मौसम सर्द रहता है. यहां पास के समंदर में बड़े पैमाने पर मछलियां मारी जाती हैं. इनके अलावा दूसरे समुद्री जीवों का शिकार भी होता है. इनमें से एक बड़ा हिस्सा स्थानीय रेस्टोरेंट और होटलों में ही इस्तेमाल हो जाता है.
सेंट जॉन्स के आस-पास क़ुदरती ख़ूबसूरती भी बिखरी पड़ी है. जिसे यहां आकर देखा जा सकता है.
कभी इंसान की तरक़्क़ी की बुनियाद बने साइंस के इस तीर्थस्थल को कभी मौक़ा लगे तो आप भी घूम आएं.
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